मुश्किल में सफर: गोरखपुर जंक्शन पर एक और 'Mega Block' की तैयारी, 225 दिनों तक यात्रियों को हो सकती है परेशानी
गोरखपुर जंक्शन पर एक और मेगा ब्लॉक की तैयारी शुरू हो गई है जिससे कई ट्रेनें प्रभावित होंगी। पुराने वाशिंग पिट के नवीनीकरण के कारण 225 दिनों तक चलने वाले इस ब्लॉक में एलएचबी कोच वाली ट्रेनों की धुलाई और मरम्मत बेहतर ढंग से हो सकेगी। यात्रियों को इस दौरान परेशानी हो सकती है क्योंकि कुछ ट्रेनों का मार्ग बदला जाएगा और कुछ को रद्द भी किया जा सकता है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर जंक्शन पर एक और मेगा ब्लाक की तैयारी आरंभ कर दी है। यह मेगा ब्लाक 225 दिन का हो सकता है। इस दौरान विभिन्न तिथियों में दर्जनों ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित होगा। मेगा ब्लाक को लेकर लखनऊ मंडल प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है। बैठकों व निरीक्षणों का दौर जारी है। जल्द ही मेगा ब्लाक की घोषणा भी हो जाएगी। एक बार फिर यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
यह मेगा ब्लाक गोरखपुर जंक्शन के पूर्वी छोर पर स्थित ओल्ड वाशिंग पिट के नवनिर्माण के लिए लिया जाएगा। ओल्ड वाशिंग पिट पर तीन रेल लाइनें हैं, जिसमें दो रेल लाइनें पुराने माडल की हैं, जिसपर नए लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) कोच वाली ट्रेनों की सफाई-धुलाई और मरम्मत आदि नहीं हो पाती है। जबकि, गोरखपुर जंक्शन समेत पूर्वोत्तर रेलवे की लगभग सभी ट्रेनें एलएचबी कोचों की रेक से ही चलाई जा रही हैं।
ऐसे में ट्रेनों की समुचित समय से सफाई-धुलाई नहीं हो पा रही। जानकारों का कहना है कि ओल्ड वाशिंग पिट के नवनिर्माण के बाद पिट पर दो नए मानक के आधार पर सुविधा संपन्न दो बड़ी लाइनें तैयार हो जाएंगी, जिसपर प्रतिदिन कम से कम छह ट्रेनों की नियमित सफाई-धुलाई व मरम्मत हो सकेगी। गतिशक्ति के जिम्मे नवनिर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसे भी पढ़ें- गोरखपुर चिड़ियाघर में बाघ और भेड़िया के बाद बाघिन शक्ति की मौत, डिहाइड्रेशन से परेशान होकर छोड़ा था खाना-पानी
दरअसल, ओल्ड वाशिंग पिट बंद होने के बाद ट्रेनों का संचालन ही नहीं सफाई-धुलाई प्रभावित हो जाएगी। रेलवे प्रशासन ट्रेनों के परिचालन और सफाई-धुलाई को लेकर मंथन कर रहा है। मेगा ब्लाक के दौरान दिल्ली व मुंबई रूट की कुछ ट्रेनों की सफाई-धुलाई बढ़नी, गाेंडा, मऊ और छपरा में कराई जाएगी। कुछ ट्रेनें रास्ते में रुककर चलेंगी तो कई को आसपास वाले स्टेशनों से संचालित किया जाएगा।
गोरखपुर में हुआ था मेगा ब्लॉक। जागरण
फिलहाल, रेलवे प्रशासन ने ओल्ड वाशिंग पिट के नवनिर्माण और ट्रेनों के संचालन को लेकर कवायद तेज कर दी है। दस साल बाद सिग्नल सिस्टम को पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड कर डिजिटल प्लेटफार्म पर लाने तथा गोरखपुर- कैंट तीसरी रेल लाइन को चालू करने के लिए गोरखपुर जंक्शन की यार्ड रिमाडलिंग तीन मई को पूरी हुई है।
यार्ड रिमाडलिंग के अंतर्गत 12 से 26 अप्रैल तक प्री नानइंटरलाकिंग हुई। 27 अप्रैल से तीन मई तक नानइंटरलाकिंग हुई है। इस दौरान विभिन्न तिथियों में 122 ट्रेनें निरस्त कर दी गई थीं। 45 रेलगाड़ियां मार्ग में रुक कर चलाई गईं। 30 से अधिक ट्रेनें मार्ग बदलकर चलाई गईं।
इसे भी पढ़ें- UP News: गोरखपुर एयरपोर्ट पर हाई अलर्ट, हथियार बंद जवानों को देख मची खलबली दिखी; कुछ ऐसा रहा Mock Drill
गोरखपुर-डोमिनगढ़ थर्ड लाइन के लिए भी जुलाई में ब्लाक
गोरखपुर जंक्शन से डोमिनगढ़ स्टेशन तीसरी रेल लाइन से तथा गोरखपुर जंक्शन से नकहा जंगल स्टेशन डबल लाइन से जल्द जुड़ जाएगी। दोनों लाइनों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। जानकारों के अनुसार गोरखपुर जंक्शन को पास वाले स्टेशनों को जोड़ने वाली थर्ड और डबल लाइनों का निर्माण मई में पूरा हो जाएगा।
ऐसे में रेलवे प्रशासन ने मेगा ब्लाक के दौरान एक और छोटे ब्लाक की तैयारी में जुट गया है। थर्ड और डबल लाइन के लिए जुलाई में एक और ब्लाक का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। यह ब्लाक आठ से दस दिन का होगा, इस दौरान भी विभिन्न तिथियों में दर्जनों ट्रेनों का संचालन प्रभावित रहेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।