गोरखपुर चिड़ियाघर में बाघ और भेड़िया के बाद बाघिन शक्ति की मौत, डिहाइड्रेशन से परेशान होकर छोड़ा था खाना-पानी
गोरखपुर चिड़ियाघर में 22 महीने की बाघिन शक्ति की मृत्यु हो गई। बाघिन को मैलानी रेंज से रेस्क्यू कर लाया गया था। वह तीन दिन से भोजन-पानी छोड़कर डिहाइड्रेशन की चपेट में थी। इसके पहले पांच मई को मादा भेड़िया और 30 मार्च को बाघ केसरी की मृत्यु हुई थी। चिड़ियाघर प्रशासन ने बाघिन के शव का पोस्टमार्टम कराया और चुप्पी साध ली है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। चिड़ियाघर में वन्यजीवों की मृत्यु का सिलसिला थम नहीं रहा। मैलानी रेंज से 10 मई, 2024 को रेस्क्यू कर लाई गई 22 महीने की बाघिन शक्ति की बुधवार दोपहर में मृत्यु हो गई।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव अनुराधा बेमौरी व इटावा लायन सफारी के मुख्य पशु चिकित्सक डा. आरके सिंह भी चिड़ियाघर पहुंचे। पता चला है कि बाघिन डिहाड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) से परेशान थी और तीन दिन से भोजन-पानी छोड़ दिया था। इसके पहले पांच मई को मादा भेड़िया और 30 मार्च को बाघ केसरी की मृत्यु हुई थी। ये दोनों आदमखोर थे और रेस्क्यू कर चिड़ियाघर लाए गए थे।
पांच मई को हुई थी आदमखोर भेड़िए की मौत
पांच मई को आदमखोर भेड़िया की मौत के बाद हुए पोस्टमार्टम में बीमारी की बात सामने आई थी। चिकित्सकों की टीम ने भेड़िया के अधिक उम्र के चलते हार्ट अटैक से मृत्यु की जानकारी दी थी। पता चला है कि चिड़ियाघर के अधिकतर वन्यजीव डिहाइड्रेशन के शिकार हो गए हैं।
शेर पटौदी भी डिहाइड्रेशन की चपेट में आया था। बुधवार को बाघिन शक्ति की मौत की पुष्टि के बाद चिड़ियाघर प्रशासन ने चुप्पी साध ली है। मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव अनुराधा बेमौरी ने अपने सामने बाघिन के शव का पोस्टमार्टम कराया।
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