Gorakhpur: वन विभाग टीम की बड़ी कार्रवाई, साखू और सागौन की लकड़ी बरामद; ठेकेदार ने बगीचे में छिपा रखे थे बोटे
के पेड़ मोतीराम अड्डा के एक ठेकेदार ने कटवाए हैं। बोटा बनाते समय ठेकेदार ने कुछ को वन निगम की चौकियों पर पहुंचाया तो कुछ वह गाड़ी में लाद ले गया। दो द ...और पढ़ें

गोरखपुर,जागरण संवाददाता। गोरखपुर में वन विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के तहत साखू और सागौन के कटे हुए टुकड़े बड़ी संख्या में बरामद किए गए हैं। जंगल गौरी नंबर एक गांव के सुगहा टोले में ग्राम प्रधान के बागीचे से वन विभाग की टीम ने मंगलवार को साखू और सागौन के दर्जनों बोटे बरामद किए।
टीम द्वारा बरामद किए गए बोटों पर लिखे नंबर वन निगम द्वारा अंकित किए गए थे।जांच में पता चला कि वन निगम के एक ठेकेदार ने बोटों को ग्राम प्रधान के बगीचे में रखा था। टीम ने बरामद बोटों को रामगढ़ व तरकुलहा की वन चौकियों पर भेज दिया। दो दिन पहले भी एक गांव से वन विभाग की टीम ने दर्जनों की संख्या में बोटे बरामद किए थे।
लकड़ी के टुकड़ों में लिखे हैं वन निगम के नंबर
विभाग के अनुसार मंगलवार की सुबह जंगल गौरी के ग्रामीणों ने सूचना दी कि गांव के बाग में साखू और सागौन के बोटे रखे गए हैं। उप प्रभागीय वनाधिकारी हरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने गांव में छापेमारी की। पूछताछ में जानकारी मिली की बागीचा ग्राम प्रधान राम बेलास यादव और उनके पड़ोसियों का है। बरामद कुछ बोटों पर वन निगम के नंबर भी मिले। ग्रामीणों ने बताया कि एक माह से उनके गांव में साखू और सागौन के बोटे रखने और ले जाने का कार्य हो रहा है। रात में लकड़ी लदे वाहन आते हैं और उतारकर चले जाते हैं।
ठेकेदार चोरी से गायब करा रहा था लकड़ी
विभागीय जांच में मामला सामने आया कि बीते दिनों नीचे गिरे साखू और सागौन के पेड़ मोतीराम अड्डा के एक ठेकेदार ने कटवाए हैं। बोटा बनाते समय ठेकेदार ने कुछ को वन निगम की चौकियों पर पहुंचाया तो कुछ वह गाड़ी में लाद ले गया। दो दिन पहले भी एक गांव से बरामद बोटों पर वन निगम के नंबर मिले थे। आशंका है कि उन बोटों को भी ठेकेदार ने ही चोरी से रखवाया था।
इस संबंध में उप प्रभागीय वनाधिकारी हरेन्द्र सिंह ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर ग्राम प्रधान के बागीचे से चोरी के साखू और सागौन के बोटे बरामद किए गए हैं। जांच में सामने आया है कि यह काम वन निगम के एक ठेकेदार ने ही किया था। उससे पूछताछ की जाएगी। पुष्टि होने के बाद ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए केस भी दर्ज कराया जाएगा।

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