यूपी के इस शहर में फल-सब्जी विक्रेताओं के लिए नए लाइसेंस पर लगी रोक, जाम से बचने के लिए प्रशासन ने लिया फैसला
महेवा मंडी में फल और सब्जी विक्रेताओं के लिए नए लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी गई है। मंडी में निर्धारित संख्या से अधिक लाइसेंस जारी होने के कारण जाम और अव्यवस्था की स्थिति बनी रहती है। मंडी परिषद ने इस समस्या को देखते हुए यह फैसला लिया है। मंडी को शहर से बाहर शिफ्ट करने की योजना भी बनाई जा रही है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। महेवा मंडी में अब फल और सब्जी बेचने के लिए नया लाइसेंस नहीं मिलेगा। मंडी परिषद ने फल और सब्जी विक्रेताओं के लिए नए लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी है। मंडी में निर्धारित संख्या की तुलना में फल और सब्जी विक्रेताओं को काफी ज्यादा लाइसेंस जारी कर दिए जाने की वजह से जाम और अव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए मंडी परिषद ने यह फैसला लिया है।
महेवा मंडी में सब्जी-फल आदि खरीदने के लिए जाने पर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आड़ी-तिरछी खड़े ट्रक और अन्य लोडर की वजह से रास्ता जाम रहता है। इसके अलावा फल और सब्जी के दुकानदारों के द्वारा दुकान से काफी बाहर तक दुकानें लगाई जाती हैं। इनकी वजह से मंडी में पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रहती है।
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इसके अलावा मंडी के अंदर के रास्तों पर भी काफी संख्या में फल और सब्जी बेचने वालों का जमावड़ा लगा रहता है। यह स्थिति तब है जब मंडी के अंदर पुलिस चौकी में तैनात कई पुलिसकर्मियों के अलावा मंडी परिषद के द्वारा गार्डों की तैनाती रहती है। पुलिस कर्मियों के अलावा गार्डों के द्वारा रास्ते पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है।
दरअसल यह सब मंडी परिषद की गलत नीति की वजह से हो रहा है। महेवा मंडी में फल, सब्जी, गल्ला, मछली आदि की कुल 439 दुकानें हैं। इनमें गल्ला की 175 और मछली की 96 दुकानों के लिए लाइसेंस जारी किया गया है।
सब्जी मंडी में जमीन पर सब्जी बेचते दुकानदार। जागरण
गल्ला और मछली की दुकानों के लिए तो निर्धारित संख्या में लाइसेंस जारी किए गए हैं, लेकिन फल और सब्जी के लाइसेंस निर्धारित संख्या की तुलना में चार गुना तक जारी किए गए हैं। जहां फल और सब्जी के लिए 168 दुकानों की तुलना में 639 दुकानदारों को लाइसेंस जारी कर दिया गया है। इनमें वह दुकानदार भी शामिल हैं, जिनकी दुकानें शेड में लगती हैं। जिन्हें दुकान या शेड आवंटित नहीं हैं, वे सब्जी और फल विक्रेता सड़क किनारे ही अपनी दुकान लगाते हैं। इसकी वजह से जाम की स्थिति बनी रहती है।
मंडी में लगने वाले जाम की स्थिति को देखते हुए फल और सब्जी विक्रेता के लिए नए लाइसेंस जारी करने पर रोक लगा दी गई है। शहर की वर्तमान स्थिति को देखते हुए मंडी को शहर से बाहर शिफ्ट करने की योजना है। इसके लिए जमीन की तलाश की जा रही है। गीडा, ताल नदौर के अलावा वाराणसी हाइवे के किनारे मंडी के लिए जमीन देखी गई है। अंतिम रूप से निर्णय के बाद ही इस संबंध में आगे की प्रक्रिया होगी। -प्रणव अवस्थी, मंडी सचिव
आधी रात के बाद भी लगती है सब्जी मंडी
गल्ला मंडी में आधी रात के बाद सब्जी मंडी लगती है। गल्ला मंडी के व्यापारियों के साथ करार के मुताबिक गल्ला मंडी की सड़कों पर रात दो बजे से सुबह करीब 10 बजे तक सब्जी विक्रेताओं को अपनी दुकान लगाने की इजाजत है।
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गल्ला मंडी के व्यापारी संजय सिंघानिया ने बताया कि इन दुकानदारों को सुबह 10 बजे तक यहां से हट जाना होता है। इसके बाद गल्ला व्यापारी अपनी दुकान खोलते हैं। वहीं सब्जी एवं फल विक्रेता संघ के अध्यक्ष संजय शुक्ला ने बताया कि जिस तरह से मंडी में दुकानदारों की संख्या बढ़ती जा रही है अब नई मंडी खोलने की आवश्यकता है। इसके लिए काफी समय से मांग की जा रही है।
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