दारोगा की करुणा ने जोड़ा रिश्ता, एक साल बाद घर लौटे गणेश
दीपावली से ठीक पहले, एक साल से लापता गणेश उताल अपने घर लौट आए। तिवारीपुर के दारोगा रोहित कुमार साहू ने बेसहारा गणेश को नहलाया और भोजन कराया। इंटरनेट पर वीडियो देखकर भाई नवीन ने गणेश को पहचाना और गोरखपुर पहुंचे। महाकुंभ मेले से लापता गणेश की ज्योतिषाचार्य की भविष्यवाणी सच हुई। अब गणेश का नशा मुक्ति केंद्र में इलाज होगा।

महाकुंभ मेले से भटककर गोरखपुर आ गया था भीमताल का रहने वाल युवक। सौ- पुलिस
सतीश पांडेय, जागरण गोरखपुर। दीपावली से ठीक एक दिन पहले एक भविष्यवाणी सच साबित हुई। एक वर्ष से लापता भाई अपने घर लौटा। तिवारीपुर के डोमिनगढ़ इलाके में सड़क किनारे भटक रहे जिस व्यक्ति को दारोगा ने नहलाया, नए कपड़े पहनाए और इंसानियत से गले लगाया, वह नैनीताल के भीमताल स्थित जंगलिया हरीनगर गांव का गणेश उताल है, जो महाकुंभ मेले से लापता हो गया था।
गोरखपुर में दारोगा रोहित कुमार साहू की करुणा से शुरू हुई यह कहानी तब भावनाओं का सैलाब बन गई, जब इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो देखकर भाई नवीन उताल बुधवार को गोरखपुर पहुंचा और गणेश काे अपने साथ लेकर घर लौटा।
15 जनवरी को महाकुंभ में जाने की बात कहकर गणेश घर से निकला था। जिनके साथ आया वह लोग घर पहुंचा गए, लेकिन वह नहीं लौटा। पिता बल्लभ राम व माता विद्या देवी पहले ही गुजर चुके हैं। घर में बस तीन भाई-बहन बचे थे। छोटे भाई नवीन ने हर जगह तलाश की, गुमशुदगी दर्ज कराई, पर कोई सुराग नहीं मिला।
थके-हारे परिवारीजन ने एक ज्योतिषाचार्य से सलाह ली, जिसने कहा था कि दीपावली से पहले गणेश घर लौट आएंगे। परिवार ने इसे सिर्फ एक दिलासा समझा, लेकिन यह भविष्यवाणी इस बार सच हो गई। दीपावली की पूर्व संध्या पर मोबाइल स्क्रीन पर एक वीडियो आया, जिसने भविष्यवाणी को सच साबित कर दिया। वीडियो में गणेश साफ नजर आ रहे थे।
दरअसल, 19 अक्टूबर को तिवारीपुर थाने के उपनिरीक्षक रोहित कुमार साहू ने डोमिनगढ़ इलाके में सड़क किनारे बैठे एक बेसहारा व्यक्ति को देखा। वह बिखरे बालों और फटे कपड़ों में था। रोहित ने न केवल उसे नहलाया और बाल कटवाए, बल्कि उसे सम्मान के साथ भोजन भी कराया। यह दृश्य किसी फिल्म जैसा था, जिसने शहर के हजारों दिलों को छू लिया।
इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित होते ही लोग दारोगा की मानवता की मिसाल देने लगे। इस वीडियो ने गोरखपुर से नैनीताल तक की दूरी मिटा दी। भीमताल के जंगलिया हरीनगर गांव में बैठे नवीन उताल ने वीडियो देखा और पलभर में पहचान लिया। बिना देर किए हल्द्वानी से गोरखपुर की ट्रेन पकड़ी और बुधवार की शाम सीधा तिवारीपुर थाने पहुंचे।
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वहां पहले से मौजूद दारोगा रोहित ने बताया आपके भाई सुरक्षित हैं। पुलिसकर्मी ने उन्हें सूर्य विहार पुलिस चौकी पर रखा था। जैसे ही दोनों भाइयों की नजरें मिलीं, एक पल को वक्त थम गया। गणेश रोते हुए भाई से लिपट गए और नवीन की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
नवीन ने बताया कि उनके परिवार में चार भाई-बहन हैं। गणेश सबसे बड़े हैं, फिर वह खुद, तीसरे नंबर पर बहन नीना और सबसे छोटे भाई अनिल। माता-पिता की मौत के बाद परिवार पूरी तरह टूट चुका था। दारोगा रोहित ने रात में दोनों भाइयों को रेलवे स्टेशन छोड़ा।
नवीन ने कहा कि बड़े भाई को वे हल्द्वानी के नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराएंगे, ताकि उनका इलाज हो सके और वे दोबारा सामान्य जीवन में लौट सकें। दारोगा रोहित कुमार साहू ने कहा कि उन्होंने केवल इंसानियत का कर्तव्य निभाया। जब मैंने गणेश को देखा, तो भीतर से आवाज आई कि इसे यूं नहीं छोड़ सकता। शायद ऊपरवाले ने मुझे इसी दिन के लिए भेजा था।

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