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    किचन गार्डन में करें पत्तेदार हरी सब्जियों की खेती, कम पैसे में पूरा करें बागवानी का शौक- पाएं लाभ

    By Pragati ChandEdited By:
    Updated: Mon, 12 Sep 2022 09:50 AM (IST)

    कम जगह में अधिक फायदे चाहिए तो किचन गार्डेनिंग सबसे बढ़िया रास्ता है। किचन गार्डेनिंग से आप बागवानी का शौक भी पूरा कर सकेंगे और साथ ही ताजी सब्जियां उगाकर अपना खर्च कम कर पैसे बचा सकते हैं।

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    किचन गार्डन में करें पत्तेदार हरी सब्जियों की खेती। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    सिद्धार्थनगर, जागरण संवाददाता। बागवानी का शौक पूरा करना है और पर्याप्त जमीन नहीं है तो किचन गार्डेनिंग करें। इससे शौक पूरा होने के साथ ही सब्जियों व फलों को उगाकर अपना खर्च कम कर पैसे भी बचा सकते हैं। वहीं पत्तेदार हरी सब्जियों की खेती आपके लिए बेहतर आमदनी का साधन हो सकती है। खाने में न केवल ताजी हरी सब्जी मिला करेगी, बल्कि उसको बेचकर आय भी बेहतर होगी। हरी सब्जियों में तमाम रोगों से लड़ने की क्षमता भी रहती है। इसके प्रति लोगों में जागरूकता आवश्यक है।

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    इस मौसम में उगाए पालक, सोया व मेथी की सब्जी

    इस मौसम में आप अपने प्रतिदिन खाने के लिए किचन गार्डन में हरी साग सब्जियों की खेती कर लें। किचन गार्डेनिंग से आप बागवानी का शौक भी पूरा कर सकते हैं और ऑर्गेनिक फल सब्जियां भी उगा सकते हैं। मनुष्य के शरीर में विभिन्न प्रकार के मिनरल्स, विटामिंस की कमी की पूर्ति हरी साग सब्जियों से किया जा सकता है। इस समय उगाई जाने वाली पत्तेदार सब्जियों में सबसे अहम पालक, मेथी, सोया, धनिया आदि है। पालक व मेथी बहुतायत मात्रा में उगाई जाती हैं। पत्तों वाली सब्जियों में कैलसियम, आयरन, विटामिन ए, बी, व सी काफी मात्रा में पाई जाती है।

    क्या हैं कृषि विशेषज्ञ

    कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के कृषि प्रसार विशेषज्ञ डॉ. शेष नारायण सिंह का कहना है पालक व मेथी की खेती हल्की मिट्टियों में तथा ठण्डे व शुष्क मौसम में करना अत्यधिक लाभप्रद होता है। दोनों सब्जियों को सितंबर के शुरू से लेकर महीने के आखिरी दिनों तक बोआई कर सकते हैं। पालक में आल ग्रीन, पूसा ज्योति, पूसा हरित, मेथी में, पूसा अर्ली बंनचिग व मैथी कसूरी उन्नति किस्में हैं, जिस किसानों को ध्यान देने की जरूरत है। इन किस्मों की छह-सात बार कटाई कर सकते हैं। दोनों फसलें 100-200 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार देती हैं। खेत तैयार करते समय 10-12 टन देशी खाद के साथ 130 से 140 किलो सिंगल सुपर फासफेट तथा 25 से 30 किलो यूरिया खेत में डालना लाभप्रद होगा।

    किचन गार्डेनिंग करते समय इन बातों का रखें ध्यान

    • किचन गार्डेनिंग में आप रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग न करें।
    • ऑर्गेनिक उगाने के लिए आर ऑर्गेनिक खादों का ही प्रयोग करें।
    • गोबर का नेचुरल खाद, चाय की बेकार पत्ती या उसके पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
    • सब्जियां लगाने से पहले मिट्टी की सही तैयारी कर लें।
    • बीज बोया हो या फिर जबतक पौधा छोटा हो तब तक पानी नहीं डालना है।