Gorakhpur News: सिंचाई विभाग का घूसखोर लिपिक रिश्वत लेते गिरफ्तार, फाइल आगे बढ़ाने के लिए मांग रहा था पांच हजार रुपये
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां सिंचाई विभाग के लिपिक ऋषिनंदन गौड़ को 5000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। एक सेवानिवृत्त कर्मचारी ने अपनी ग्रेच्युटी के लिए रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाकर लिपिक को पकड़ा। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सिंचाई विभाग के लिपिक ऋषिनंदन गौड़ को 5000 रुपये रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों धर दबोचा। मामला एक सेवानिवृत्त कर्मचारी से घूस मांगने का था, जो अपनी ग्रेच्युटी के रुपये पाने के लिए विभाग का चक्कर लगा रहा था।
परेशान होकर उसने भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाई और पुलिस लाइन स्थित एंटी करप्शन थाने में जाकर शिकायत कर दी। गोपनीय जांच में आरोप की पुष्टि होने पर एंटी करप्शन की टीम ने जाल बिछाई तो रिश्वतखोर फंस गया।
खजनी के तितरिया गांव के इंद्रेश सिंह सिंचाई विभाग में हेल्पर थे और 31 दिसंबर 2024 को सेवानिवृत्त हुए।अपनी ग्रेच्युटी की राशि लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। विभाग के लिपिक ऋषिनंदन गौड़ ने उनसे फाइल आगे बढ़ाने के लिए 5000 रुपये रुपये मांग रहा था।
इसे भी पढ़ें- काशी की सड़कों पर दिखा अध्यात्म का वैभव, धूमधाम से निकली आवाहन अखाड़े की राजसी यात्रा
पहले तो इंद्रेश सिंह ने चक्कर लगाकर अपना काम निकलवाने की कोशिश की, लेकिन जब रिश्वत दिए बिना काम नहीं हुआ, तो उन्होंने पुलिस लाइन स्थित एंटी करप्शन दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई। निरीक्षक राम बहादुर पाल ने मामले की गोपनीय जांच कराई तो आरोप सही मिला इसके बाद कार्रवाई करने के लिए जाल बिछाया।
आरोपी को भेजा गया जेल। जागरण (सांकेतिक तस्वीर)
मंगलवार दोपहर अपनी टीम के साथ निरीक्षक रामबहादुर पाल रेलवे स्टेशन रोड स्थित नलकूप खंड-1 कार्यालय के पास चाय की दुकान पर पहुंचे। योजनाबद्ध तरीके से इंद्रेश सिंह ने लिपिक को दोपहर 2:30 बजे रुपये देने के लिए बुलाया। जैसे ही ऋषिनंदन गौड़ ने रुपये से भरा पैकेट हाथ में लिया, टीम ने झपट्टा मारकर उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
पकड़े जाने के बाद लिपिक को कैंट थाने लाया गया, जहां भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। दोपहर बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे सीधे जेल भेज दिया गया।
दूसरे दिन भी स्वजन ने किया हंगामा, पांच पर दर्ज हुआ मुकदमा
खजनी के पड़ियापार के रहने वाले मोहन का शव बरामद होने के बाद मंगलवार को भी स्वजन ग्रामीणों के साथ हंगामा किये। आरोपितों पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की। मौके पर पहुंची पुलिस उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
इसे भी पढ़ें- श्रीमहंत रवींद्र पुरी फिर बने निरंजनी अखाड़े के सचिव, अष्ट कौशल की बैठक में हुआ चुनाव
वहीं सोमवार की शाम को मोहन की पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने गांव के शत्रुघ्न, सुरेश, अशोक पांडेय, रोहित कुमार और सोनू पांडेय के विरुद्ध केस दर्ज कर दो को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। दो माह पूर्व 17 दिसंबर 2024 को मोहन अचानक घर से लापता हो गया था।
उसकी तलाश करके स्वजनों ने पुलिस को सूचना दी। उस समय गांव में चर्चा होने लगी कि वह किसी के घर में घुसने की कोशिश कर रहा था। तभी शोर मचाने पर भागकर पोखरे में कूद गया। सूचना पर पुलिस एसडीआरएफ की मदद से उसकी तलाश कराई, लेकिन पता नहीं चला।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।