UP News: गोरखपुर में खुलेगा इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर, पूर्वांचल के लिए बड़ी खुशखबरी
Gorakhpur driving training गोरखपुर में इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर (आईडीटीआर) खुलेगा। चरगांवा में चार एकड़ भूमि चिह्नित की गई है। इस केंद्र से ड्राइविंग कौशल सुधरेगा सड़क सुरक्षा बढ़ेगी और यातायात प्रबंधन बेहतर होगा। चालकों के साथ अधिकारियों को भी प्रशिक्षण मिलेगा जिससे दुर्घटनाओं को कम करने में मदद मिलेगी। यह पूर्वांचल के लिए महत्वपूर्ण कदम है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर में भी इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर (आइडीटीआर) खुलेगा। शासन के दिशा-निर्देश पर जिला प्रशासन ने रिसर्च सेंटर निर्माण के लिए परिवहन विभाग के सहयोग से चरगांवा स्थित गार्बेज ट्रांसफर स्टेशन के पास लगभग चार एकड़ भूमि चिह्नित कर लिया है।
चिह्नित भूमि पर शासन की मुहर लगते ही निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी। इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर खुल जाने से यातायात प्रबंधन तो बेहतर बनेगा ही, ड्राइविंग कौशल में भी सुधार होगा। इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर मार्ग दुर्घटनाओं पर पूरी तरह अंकुश लगाने की तरफ एक अहम कदम साबित होगा।
रायबरेली में प्रदेश का पहला आइडीटीआर सेंटर खुला है। प्रदेश के सभी मंडल व संभाग में एक-एक आइडीटीआर सेंटर खोले जाने हैं। गोरखपुर में भूमि चिह्नांकन के साथ आइडीटीआर सेंटर खोले जाने की भी प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है।
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आइडीटीआर सेंटर का निर्माण पीपीपी मॉडल पर होगा। जानकारों का कहना है कि आइडीटीआर सेंटर का उद्देश्य ड्राइविंग कौशल में सुधार करना, सड़क सुरक्षा में सुधार करना और यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाना है। सेंटर में चालकों के अलावा संबंधित कर्मियों व अधिकारियों को भी यातायात की जानकारी व प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
इंस्टीट्यूट में आवासीय सुविधा के साथ विभिन्न जलवायु और सड़क, पहाड़, नदी, घाटी की टर्फ कंडीशन के अनुसार वाहनों को चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ट्रैक के अलावा सिमुलेटर के माध्यम से भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर। सांकेतिक तस्वीर
इसके अलावा यातायात प्रबंधन तकनीकी उन्नयन, डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे परिवहन प्रबंधन अधिक डिजिटल, कुशल और डेटा संचालित हो सके। स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट, स्वचालित ड्राइविंग परीक्षण प्रणाली, सड़क सुरक्षा विश्लेषण और ई-गवर्नेस को प्रशिक्षण का अभिन्न हिस्सा बनाया जाएगा। व्यावहारिक अनुभव और केस स्टडी आधारित प्रशिक्षण मॉडल विकसित किया जाएगा।
रिसर्च सेंटर से तैयार होंगे वाहन मैकेनिक
रिसर्च सेंटर से वाहन मैकेनिक भी तैयार होंगे। पिछले पांच सालों में मोटर इंडस्ट्री में बहुत बड़ा बदलाव आया है। अब वाहनों के इंजन पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड हो गए हैं। जीपीएस सिस्टम भी लग गया है। ऐसे में इंजन को खोलना और उसकी मरम्मत करना हर मैकेनिक के हाथ में नहीं है। वाहन खराब होने पर लोगों को वाहन एजेंसी जाना पड़ता है। रिसर्च सेंटर में उन सारी विधाओं की जानकारी मिलेगी जो डिजिटल हो चुकी हैं।
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डीटीआइ चरगांवा में भी जल्द चलेगी ड्राइविंग की पाठशाला
शहीद बंधू सिंह चालक प्रशिक्षण केंद्र (डीटीआइ), चरगांवा में भी ड्राइविंग की पाठशाला जल्द चलेगी। तैयारी अंतिम चरण में चल रही है। पूर्वांचल के युवाओं को कुशल चालक बनाने व मार्ग दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से शासन ने 489.56 लाख रुपये खर्च कर डीटीआइ का निर्माण कराया है।
डीटीआइ के ट्रैक पर 40 टावर पर दर्जनों सीसी कैमरे और सिग्नल लगा दिए गए हैं। कंप्यूटर कक्ष में छोटे सिमुलेटर भी लग गए हैं। अन्य उपकरण भी लगभग लग गए हैं। जानकारों के अनुसार सुविधा संपन्न आधुनिक ड्राइविंग ट्रैक पर प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा।
इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च सेंटर के लिए चरगांवा में भूमि चिह्नित कर ली गई है। शासन के दिशा-निर्देश पर आगे की कार्रवाई शुरू होगी। डीटीआइ चरगांवा में भी जल्द ही चालक प्रशिक्षण केंद्र खुल जाएगा। पूर्वांचल के युवाओं को इन सेंटरों का लाभ मिलेगा। यातायात प्रबंधन बेहतर होगा। - संजय कुमार झा, संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन), गोरखपुर
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