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    Indian Railways News: अब सफर में एसी के यात्रियों को कवर के साथ मिलेगा कंबल, आरंभ हुआ पायलट प्रोजेक्ट

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 10:39 AM (IST)

    रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि अब एसी कोच में सफर करने वाले सभी यात्रियों को कवर के साथ कंबल मिलेगा। वर्तमान में यह सुविधा केवल एसी प्रथम श्रेणी में उपलब्ध है। जयपुर से चलने वाली एक ट्रेन में पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है, जिसके सफल होने पर इसे पूरे भारतीय रेलवे में लागू किया जाएगा। इस कदम से यात्रियों के मन में कंबल की सफाई को लेकर संशय दूर होगा।

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    रेल मंत्री ने कहा- प्रयोग सफल रहा तो सभी ट्रेनों में मिलेगी यह सुविधा

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। अब सफर में वातानुकूलित (एसी) के सभी यात्रियों को कवर के साथ कंबल मिलेगा। एसी फर्स्ट के यात्रियों को पहले से ही कवर मिलता आ रहा है, अब एसी टू और थर्ड क्लास में यात्रा करने वाले सभी ट्रेन के यात्रियों को भी कवर के साथ ही कंबल मिलेगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी घोषणा भी कर दी है।

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    पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि जयपुर से चलने वाली एक ट्रेन में पायलट प्रोजेक्ट के तहत यात्रियों को कवर के साथ कंबल दिया जा रहा है। प्रयोग सफल रहा तो आने वाले दिनों में इस व्यवस्था को भारतीय रेलवे स्तर पर लागू किया जाएगा। यात्रा के दौरान बिना कवर के कंबल को लेकर यात्रियों के मन में संशय रहता है, वह संशय भी जल्द दूर कर दिया जाएगा।

    भारतीय रेलवे स्तर पर एसी कोचों के सभी यात्रियों को बेडरोल का पैकेट (कंबल, चादर, तौलिया, तकिया, तकिया का कवर आदि) दिया जाता है। एसी फर्स्ट के यात्रियों के लिए कंबल में लगाने के लिए कवर भी होता है, लेकिन एसी टू और थर्ड के यात्रियों को कवर नहीं मिलता है। एसी फर्स्ट के यात्री सफर में आराम से सो लेते हैं, लेकिन एसी टू व थर्ड के यात्री कंबल की साफ-सफाई को लेकर परेशान रहते हैं।

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    अधिकतर यात्री कंबल का प्रयोग ही नहीं करते। जबकि, बेडरोेल के पैकेट में दो चादर होता है। एक चादर बर्थ पर बिछाने के लिए और दूसरा ओढ़ने के लिए। यात्री चादर के ऊपर कंबल ओढ़ सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ ही यात्री करते हैं। यात्रियों का यह संशय रेल मंत्रालय के संज्ञान में आ चुका है।

    रेल मंत्रालय ने यात्रियों के संशय को दूर करने में जुट गया है। यहां जान लें कि गोरखपुर स्थित मैकेनाइज्ड लाउंड्री से 25 हजार बेडरोल के पैकेट व 50 हजार बेडशीट प्रतिदिन तैयार होता है। गोरखपुर में तैयार बेडरोल और बेडशीट का वितरण 33 ट्रेनों में किया जाता है। न्यू वाशिंग पिट के पास नई मैकेनाइज्ड लाउंड्री बनाई जा रही है।