गोरखपुर में पचास हजार रुपये में चल रहा अवैध बाजार, लोग जमकर करते हैं खरीदारी
गोरखपुर के नार्मल रोड पर 'मंगलवार बाजार' के नाम से अवैध साप्ताहिक बाजार चल रहा है। एक ठेकेदार व्यापारियों से जगह के लिए 100-200 रुपये वसूलता है, जिससे जाम लगता है। पांडेयहाता पुलिस चौकी के पास यह सब हो रहा है, पर कोई कार्रवाई नहीं होती। अनुमान है कि इस अवैध वसूली से नगर निगम को हर महीने लाखों का राजस्व नुकसान हो रहा है।

पांडेयहाता पुलिस चौकी के पास नार्मल रोड पर लगता है यह बाजार। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। नार्मल रोड पर मंगलवार बाजार के नाम पर पिछले करीब डेढ़ वर्ष से साप्ताहिक बाजार संचालित हो रहा है। जिसे एक कथित ठीकेदार द्वारा 50 हजार रुपये में बेच दिया जाता है। स्थानीय और दूर-दराज से आने वाले व्यापारियों से 100, 150 और 200 रुपये लेकर जगह देता है।
बाजार लगते ही पूरे मार्ग पर जाम की स्थिति बन जाती है, जिससे दिनभर राहगीरों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। आश्चर्य की बात यह है कि यह अवैध बाजार पांडेयहाता पुलिस चौकी के पास संचालित हो रहा है, लेकिन अब तक न तो पुलिस ने कोई कार्रवाई की और न ही नगर निगम व प्रशासन ने। इससे यह कहा जा सकता है कि ठीकेदार और बाजार को इनका संरक्षण प्राप्त हैं। यह जानकारी मंगलवार को जागरण संवाददाता की पड़ताल में सामने आया।
अलहदादपुर से आगे नार्मल मार्ग की शुरुआत में दो दुकानदार ठेला लगाए मिले। पूछने पर एक ने बताया कि वह पहली बार मोजा बेचने आया है, लेकिन अंदर जगह 'बुक' होने का हवाला देकर उसे बाहर कर दिया गया। आगे बढ़ने पर कुछ और दुकानदार ठेलों पर टोपी और कपड़े बेचते मिले। लेकिन, साप्ताहिक बाजार की जहां से शुरुआत हुई वहां पर मार्ग के दोनों तरफ बाइक, साइकिल, मेज, चारपाई और दरी पर दुकानें सजी थीं। हालात यह थे कि कहीं एक इंच जगह भी खाली नहीं बची थी।
बेसिक शिक्षा विभाग परिसर के सामने मूक-बधिर विद्यालय की ओर जाने वाली गली में भी दोनों तरफ दुकानें लगवा दी गई थीं। सार्वजनिक शौचालय की दीवारों पर कपड़े टांगकर बेचने का नजारा भी देखने को मिला। पूरे क्षेत्र में अव्यवस्था और भीड़ के कारण राहगीरों को निकलना मुश्किल हो रहा था।
पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ कि बिना किसी सरकारी अनुमति के चल रहे इस बाजार में खुलेआम वसूली हो रही है, जबकि जिम्मेदार विभाग अनजान बने हुए हैं। संतकबीरनगर, धर्मशाला समेत अन्य जगहों से आए व्यापारियों ने बताया कि एक चारपायी लगाने पर 150 रुपये, दो लगाने पर 200 रुपये और मेज लगाने पर 100 रुपये देने पड़ते है।
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प्राइवेट कर्मी संभाल रहा था यातायात
नार्मल रोड पर मंगलवार बाजार सुबह आठ बजे शुरू होकर देर शाम तक पूरी तरह सक्रिय रहता है। मंगलवार को भी 10 बजे तक दुकानों की लंबी कतारें लग गईं और दोपहर बाद खरीदारों की भीड़ बढ़ने लगी। भीड़ और जाम के बीच वाहन में फंसे राहगीरों को निकालने के लिए एक प्राइवेट कर्मी डंडा लेकर यातायात संभालता दिखाई दिया। जबकि पूरा बाजार पांडेयहाता पुलिस चौकी के ठीक बगल में संचालित हो रहा था, चौकी के अंदर मौजूद प्रभारी कुछ लोगों से बातचीत में व्यस्त थे। उन्हें इस बात का अंदेशा तक नहीं था कि चौकी के पास लगने वाला इस बाजार में सबसे अधिक भीड़ पहुंचती है जो यातायात व्यवस्था बिगाड़ देती है।
महीने में दो लाख से अधिक का राजस्व नुकसान
नार्मल रोड पर लगने वाले अवैध साप्ताहिक बाजार में करीब 400 से 500 दुकानें सजती हैं। पड़ताल में सामने आया कि प्रति दुकानदार 100, 150 और 200 रुपये वसूली होती है। यदि न्यूनतम 100 रुपये भी मानें तो एक दिन में करीब 50 हजार रुपये की वसूली होती है, जो महीने में दो लाख रुपये तक पहुंचती है। वहीं 150 से 200 रुपये की दर जोड़ें तो यह राशि चार लाख रुपये के आसपास बैठती है। बिना अनुमति चल रहे इस बाजार से नगर निगम को हर माह बड़े राजस्व नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
दिन के हिसाब से शहर में कहीं भी साप्ताहिक बाजार को लगाने की अनुमति नहीं दी गई है। नार्मल रोड पर अगर मंगल बाजार लग रहा है तो अवैध है।
-दुर्गेश मिश्रा, अपर नगर आयुक्त।

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