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    UP News: गोरखपुर में धूमधाम से निकली होलिका दहन की शोभायात्रा, जमकर उड़े-अबीर गुलाल; तस्वीरें

    Holi 2025 गोरखपुर में धूमधाम से निकली होलिका दहन की शोभायात्रा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फूलों की होली खेलकर शुरुआत की। रंगों की फुहारों के बीच भक्त प्रह्लाद समेत अनेक झांकियां निकलीं। सीएम योगी ने होलिका दहन भक्त प्रहलाद की रक्षा और हिरण्यकशिपु के वध का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी को भी गुमान में नहीं रहना चाहिए।

    By Gajadhar Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 14 Mar 2025 06:25 AM (IST)
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    पाण्डेयहाता में होलिका दहन शोभायात्रा के दौरान लोगों पर पुष्प वर्षा करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। अभिनव राजन चतुर्वेदी

    जागरण संवाददाता, गाेरखपुर। पांडेयहाता से होलिका दहन की शोभायात्रा रंग की फुहारों के बीच गुरुवार को धूमधाम से निकाली गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा फूलों की होली खेलने के साथ यात्रा की शुरुआत हुई। भक्त प्रह्लाद समेत अनेक झांकियाें के साथ निकली यात्रा में रंग बरस रहे थे, अबीर-गुलाल उड़ रहे थे। होली गीत गूंज रहे थे। उत्सव-उल्लास का वातावरण था।

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    मुख्यमंत्री ने होलिकादहन, भक्त प्रहलाद की रक्षा, हिरण्यकशिपु के वध के लिए भगवान नृसिंह के अवतरण का उद्धरण सुनाते हुए कहा कि किसी को भी गुमान में नहीं रहना चाहिए। आज नहीं तो कल कर्मों की सजा जरूर मिलती है। भक्त प्रहलाद के चरित्र से प्रेरणा लेकर हमें सन्मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। सबसे बड़ी भक्ति भावना यह है कि हम अपने राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव रखें।

    कहा कि हजारों वर्षों की सनातन परंपरा का अनुकरण कर सौहार्द से रंगभरी होली मनाएं। सौहार्द से पर्व का उत्साह व उमंग कई गुना बढ़ जाता है। बिना सहमति किसी पर जबरन रंग न डालें। बीमार लोगों पर रंग न डालें। होलिका दहन को अहंकार और कुप्रवृत्तियों के भी दहन का अवसर बनाना चाहिए।

    पाण्डेयहाता में होलिका दहन शोभायात्रा के दौरान लोगों पर पुष्प वर्षा करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। अभिनव राजन चतुर्वेदी


    सीएम ने आगे कहा कि होली के पारंपरिक गीतों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। पारंपरिक लोक गीत, लोक गाथा, इतिहास का हिस्सा होते हैं। अगले वर्ष तक यह प्रयास होना चाहिए कि पारंपरिक होली गीतों को पुनर्जीवित करने के लिए मोहल्लों में टोलियों का गठन किया जाए।

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    शोभायात्रा पांडेयहाता से शुरू होकर घंटाघर, मदरसा चौक, लालडिग्गी, घासी कटरा, जाफरा बाजार, बेनीगंज, आर्यनगर, बक्शीपुर, नखास चौक, रेती चौक, नार्मल होते हुए पांडेयहाता स्थित होलिकोत्सव स्थल पर पहुंच कर समाप्त हुई। वहां होलिका दहन किया गया। यात्रा में होली थी, रंग था, अबीर व गुलाल थे। आस्था व श्रद्धा थी। लाल-पीले रंगों में रंगे श्रद्धालु ढोल-मजीरे के साथ फगुआ गाते चल रहे थे। सबके चेहरे पर रंग व अबीर पुता था।

    यात्रा जिधर से गुजरती, पूर्व से ही रंग की व्यवस्था कर बैठी महिलाएं व बच्चे छत से लोगों के ऊपर रंग फेंकते थे। इस दौरान कोई भी कोरा नहीं बच पाया था। भक्त प्रहलाद का जयघोष गूंज रहा था। यात्रा में भक्त प्रहलाद, मसाने की होली, राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती, महाकाल की झांकी आकर्षण का केंद्र रही।

    गोलघर इंदिराबाल विहार तिराहे पर होलिका दहन के दौरान पूजन अर्चन करते श्रद्धालु। जागरण


    हर्षोल्लास से जलाई गई होलिका

    होली की पूर्व संध्या पर गुरुवार को परंपरागत रूप से हर्षोल्लास के साथ होलिका जलाई गई। विभिन्न मोहल्लों में स्थापित होलिका अलग-अलग समयों पर धू-धू कर जल उठी। बच्चों ने धूल उड़ाकर होली की शुरुआत की। बड़ों ने होली गीत गाए। एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं दी।

    होलिका दहन के पूर्व मोहल्लों के लोग अपने आसपास के शिव मंदिरों या सार्वजनिक स्थानों पर ढोल-मजीरे के साथ एकत्रित हुए और झूमकर भजन व होली गीत गाए। शिव भजन से शुरू हुआ कार्यक्रम जब परवान चढ़ा तो गीतों में होली की मस्ती उतर आई। समय होने पर टोलियां होलिका दहन स्थानों पर समवेत स्वरों में होली गीत गाते पहुंचीं। वहां मंत्रोच्चार के बीच होलिका का पूजन-अर्चन किया गया और पुरोहित ने होलिका में आग लगाई।

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    लोगों ने झिल्ली (शरीर में लगाए गए सरसों के बुकवा से छूटी मैल) डालकर भगवान से प्रार्थना की कि बुराइयां मुझमें घर न करें और सदाचार, सचरित्रता व सद्भाव हमारे जीवन का सारथी बने। होलिका दहन के दौरान बच्चों ने पटाखे व फुलझड़ियां जलाईं। एक-दूसरे पर रंग फेंके। मुंह में भी रंग, अबीर-गुलाल लगाया और कबीरा गाकर अपनी खुशी प्रकट की। होलिका दहन के पश्चात लोगों ने उसकी राख माथे से लगाई।

    नेहरू पार्क लालडिग्गी में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा आयोजित फाल्गुनोत्सव कार्यक्रम। पंकज श्रीवास्तव


    सदर सांसद ने गाया होली गीत- ‘योगी खेलेलें फाग’

    होलिका दहन की शोभायात्रा शुरू होने के पूर्व सदर सांसद रविकिशन शुक्ल ने होली गीत प्रस्तुत किया। ‘योगी खेलेलें फाग, मोदी संग लिए हो। अवध में खेलेलें काशी में खेलेलें अब मथुरा....।’ गीत पर तालियां बटोरी। कार्यक्रम को महापौर डा. मंगलेश श्रीवास्तव और विधायक विपिन सिंह ने भी संबोधित किया।

    इस अवसर पर एमएलसी डा. धर्मेंद्र सिंह, काशी से आए जगद्गुरु संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास, दुर्गेश बजाज, होलिकादहन उत्सव समिति के अध्यक्ष विपिन पटवा, भोलेन्द्र नारायण दूबे, शिवम पटवा, पंकज गोयल, राजेश नेभानी, रामप्रकाश गुप्ता, राहुल, आशीष, संदीप, विष्णु शंकर, श्रीवास्तव उपस्थित रहे।