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    Gorakhpur Zoo में नहीं रुक रहा वन्यजीवों के मौतों का सिलसिला, बाघ, भेड़िया व बाघिन के बाद अब तेंदुए की मौत

    गोरखपुर चिड़ियाघर में वन्यजीवों की मौत का सिलसिला जारी है। बाघ भेड़िया बाघिन के बाद अब तेंदुआ मोना की मौत हो गई जिसे 2021 में लाया गया था और जो लंबे समय से बीमार चल रही थी। इससे पहले बाघिन शक्ति और बाघ केसरी की भी मौत हो चुकी है। लगातार हो रही मौतों से चिड़ियाघर प्रशासन में खलबली मची है।

    By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 08 May 2025 05:17 PM (IST)
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    Gorakhpur Zoo: गुरुवार को बाड़े में तेंदुआ मोना की मौत हो गयी। File

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर । Gorakhpur Zoo: चिड़ियाघर में वन्यजीवों के मौतों का सिलसिला नहीं रुक रहा है। गुरुवार को बाड़े में तेंदुआ मोना की मौत हो गयी। ये लम्बे समय से बीमार चल रही थी। वर्ष 2021 में इसे शुभारंभ अवसर पर लाया गया था। इसके पूर्व बुधवार को मैलानी रेंज से 10 मई 2024 को रेस्क्यू कर लायी गई बाघिन शक्ति की मौत हुई थी।

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    पांच मई को मादा भेड़िया की मौत हुई थी। 30 मार्च को बाघ केसरी की मौत हुई थी। ये दोनों आदमखोर थे और रेस्क्यू करने के बाद चिड़ियाघर लाया गया था। लगातार हो रही मौतों से खलबली मच गयी है। चिड़ियाघर के चिकित्सकों के समझ में भी कुछ नहीं आ रहा।

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    चिकत्सकों की टीम करने वाली थी आपरेशन

    चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार मोना को एक गंभीर बीमारी थी। आइवीआरआइ बरेली से आई चिकत्सकों की टीम उसका आपरेशन करने वाली थी। इसी बीच गुरुवार को उसकी मौत हो गयी। पांच सदस्यीय टीम उसका पोस्टमार्टम कर रही है। जबकि बुधवार को 22 महीने की बाघिन शक्ति की मौत हुई थी।

    इसे दुधवा टाइगर रिजर्व के मैलानी रेंज में रेलवे लाइन के किनारे घायल अवस्था में देखा गया था। सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने उसका रेस्क्यू किया। इसके पैर व गर्दन में चोट आई थी, जिससे वह चल नहीं पा रही थी।

    इसके बाद मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव संजय श्रीवास्तव के निर्देश पर 14 मई 2024 को चिड़ियाघर लाया गया, उस समय उसकी उम्र 10 महीने थी। यहां आने के बाद उसका उपचार किया गया। बाद में उसका नाम शक्ति रखा गया। इसी बीच 10 मार्च को पीलीभीत टाइगर रिजर्व के माला रेंज से रेस्क्यू कर लाए गए आदमखोर बाघर केसरी की मौत हो गई।

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    इसकी मौत के बाद चिड़ियाघर के अधिकतर वन्यजीवों को डिहाइड्रेशन हो गया। स्थानीय प्रशासन इस बात को छिपाता रहा। लेकिन, पांच मई को आदमखोर भेड़िया की मौत के बाद इससे पर्दा उठा।

    पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बीमारी का मामला सामने आया, लेकिन चिकित्सकों की टीम ने भेड़िया के अधिक उम्र होने का हवाला देते हुए बताया कि हार्ट अटैक से मौत हो गई। फिर बब्बर शेर पटौदी को डिहाइड्रेशन होने का मामला सामने आया। चिड़ियाघर प्रशासन ने दावा किया कि वह ठीक हो रहा है और भोजन-पानी लेना शुरु कर दिया है।