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    SIR in UP: गोरखपुर में अधूरे प्रपत्र, फोटो तक गायब, बीएलओ परेशान

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 01:32 PM (IST)

    गोरखपुर में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के दौरान बीएलओ कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। कई घरों में गणना प्रपत्र अधूरे भरे जा रहे हैं, जिनमें गलत जानकारी और फोटो की कमी शामिल है। फार्म-6 की कमी के कारण नए मतदाता परेशान हैं। जिलाधिकारी ने प्रपत्र में सही जानकारी भरने का आग्रह किया है ताकि मतदाता सूची को सटीक बनाया जा सके।

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    अधूरे गणना प्रपत्रों के कारण डिजिटाइजेशन प्रक्रिया हुई धीमी। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में मतदाताओं के साथ ही बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) भी चुनौती झेल रहे हैं। निर्वाचन आयोग की ओर से घर–घर जाकर गणना प्रपत्र वितरित करने और फिर उन्हें भरवाकर एकत्रित करने की जिम्मेदारी बीएलओ को दी गई है। लेकिन, वास्तविक स्थिति यह है कि फील्ड में बीएलओ को लगातार अव्यवस्था, अनदेखी और जागरूकता की कमी से जूझना पड़ रहा है। कई वार्डों और गांवों में अभी भी 50 से 70 प्रतिशत घरों तक ही गणना प्रपत्र पहुंचे हैं, वहीं अब कई इलाकों में लोग अधूरे भरे फार्म जमा कर देना शुरू कर रहे हैं, जिससे सत्यापन प्रक्रिया धीमी हो गई है।

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    दिग्विजयनगर वार्ड, चंद्रशेखर आजाद नगर, माया बाजार, रायगंज, सूरजकुंड धाम नगर समेत 20 से अधिक वार्डों के बीएलओ के अनुसार बड़ी संख्या में लोग अपने गणना प्रपत्र अधूरे तरीके से भरकर दे रहे हैं। कई लोग पूरा पता नहीं भर रहे, उम्र में गलती कर दे रहे हैं, या परिवार के सदस्यों की जानकारी छोड़ दे रहे हैं। सबसे गंभीर समस्या यह है कि बड़ी संख्या में मतदाता अपने फार्म पर फोटो भी नहीं लगा रहे।

    बीएलओ बताते हैं कि कई लोग कामकाजी है। वे गणना प्रपत्र भरकर घर छोड़ जा रहे हैं। जब वे गणना प्रपत्र एकत्रित करने जा रहे तो घर की महिलाएं या बच्चे गणना प्रपत्र सुपुर्द कर रहे। देखने पर पता चल रहा कि कई ने आधी जानकारी दर्ज की है। वर्तमान जानकारी भी कई लोग नहीं ठीक से भर रहे।

    कई ऐसे हैं कि फोटो ही नहीं लगा रहे। जब उनसे दोबारा संपर्क किया जा रहा है तो वे या तो उपलब्ध नहीं होते या फोटो देने में देरी कर रहे हैं। इससे उनका दबाव और कार्यभार दोनों बढ़ रहा है। बीएलओ यह भी कह रहे हैं कि कुछ घरों में लोग उपस्थित ही नहीं हो रहे और बार-बार जाने के बावजूद उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा। कई लोग फार्म लेने के बाद उसे जमा ही नहीं कर रहे, जिससे डिजिटाइजेशन की रफ्तार प्रभावित हो रही है।

    दूसरी तरफ, फार्म-6 की कमी मतदाता बनने की चाह रखने वालों के लिए बड़ी परेशानी बन गई है। नए मतदाता, विशेषकर युवा, इस फार्म के अभाव में अपना नाम जोड़वाने के लिए भटक रहे हैं। कई बीएलओ बताते हैं कि उनके पास फार्म-6 की मात्रा बहुत कम उपलब्ध कराई गई थी, जो शुरुआती दौर में ही समाप्त हो गई।

    ऑनलाइन आवेदन की सुविधा होने के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की कमी और डिजिटल जानकारी के अभाव के कारण अधिकांश लोग आफलाइन ही आवेदन करना चाहते हैं। ऐसे में फार्म न मिलना अभियान को बाधित कर रहा है।

    यह भी पढ़ें- SIR in UP: गोरखपुर में तीन लाख का सत्यापन, 93 हजार डुप्लीकेट वोटरों के नाम हटे

    गहन पुनरीक्षण अभियान के दौरान अब हर बीएलओ को भरे हुए गणना प्रपत्रों की भौतिक जांच, विवरण सत्यापन और उसे पोर्टल पर अपलोड करने की जिम्मेदारी निभानी है। अधूरे फार्म, गलत जानकारी और फोटो की अनुपस्थिति के कारण कई ब्लाकों और शहरी वार्डों में काम अपेक्षा से बहुत धीमा चल रहा है।

    बीएलओ बताते हैं कि यदि प्रपत्र सही तरीके से भरे हों तो काम तेजी से पूरा हो सकता है, लेकिन मौजूदा स्थिति में प्रत्येक फार्म को सुधारने और मतदाता से दोबारा मिलकर जानकारी लेने में अतिरिक्त समय लग रहा है।

    जिला निर्वाचन अधिकारी व जिलाधिकारी दीपक मीणा का कहना है कि गणना प्रपत्र सभी स्वीकार किए जाएंगे, लेकिन मतदाता सूची को ज्यादा से ज्यादा पारदर्शी और सटीक बनाने के लिए मतदाता गणना प्रपत्र में सभी जानकारी भरी जाए।