SIR in UP: गोरखपुर में तीन लाख का सत्यापन, 93 हजार डुप्लीकेट वोटरों के नाम हटे
गोरखपुर में पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच, मतदाता सूची को शुद्ध करने का अभियान चल रहा है। 5.16 लाख संदिग्ध नामों में से, बीएलओ ने 3.13 लाख का सत्यापन किया, जिसमें 93 हजार डुप्लीकेट वोटर पाए गए। आधार नंबर न देने या पता गलत होने पर नाम काटे गए। अंतिम मतदाता सूची 6 फरवरी को प्रकाशित होगी, जिसका उद्देश्य निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है।

पंचायत की मतदाता सूची में 5.16 लाख संभावित डुप्लीकेट मतदाता। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य तेजी से जारी है। इस बार निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची को पूरी तरह शुद्ध और बोगस वोटरों से मुक्त रखने के लिए व्यापक अभियान चलाया है। जिले में 5 लाख 16 हजार संभावित डुप्लीकेट नाम चिह्नित किए गए हैं, जिनका बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) के माध्यम से सत्यापन कराया जा रहा है।
सत्यापन प्रक्रिया के तहत बीएलओ को दिए गए पते पर जाकर संबंधित व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करनी है। इसके लिए आधार नंबर के अंतिम चार अंक दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है। यदि व्यक्ति दिए गए पते पर नहीं मिलता है या आधार नंबर उपलब्ध नहीं कराता है, तो उसे डुप्लीकेट मानकर मतदाता सूची से नाम हटाने की कार्रवाई की जा रही है। अब तक 3 लाख 13 हजार लोगों का सत्यापन पूरा हो चुका है, जिनमें से 93 हजार नाम ऐसे मिले जो या तो मौजूद नहीं थे या उन्होंने आधार नंबर देने से इनकार कर दिया। ऐसे सभी नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं।
मतदाता सूची के जोड़-घटाव और सुधार की प्रक्रिया पहले ही पूरी की जा चुकी है। इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने संभावित डुप्लीकेट नामों की सूची जिलों को भेजी। अब बीएलओ तेजी से वार्डवार जाकर स्थलीय सत्यापन कर रहे हैं। बीएलओ के मुताबिक शुरुआत में केवल आधार कार्ड दिखाने की बात कही गई थी, लेकिन कुछ समय बाद तहसीलों के एसडीएम द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए कि आधार के अंतिम चार अंक दर्ज करना अनिवार्य है। नियम का पालन न करने पर सम्बंधित व्यक्ति का नाम स्वत: काट दिया जाएगा।
सत्यापन के लिए ब्लाक को यूनिट मानकर सूची तैयार की गई है। नाम, पिता का नाम और जन्मतिथि एक समान मिलने पर उन प्रविष्टियों को संभावित डुप्लीकेट की श्रेणी में डाला गया। बीएलओ को ग्राम पंचायतवार सूची उपलब्ध कराई गई है और वे वार्डों में जाकर सत्यापन कर रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि एक व्यक्ति का नाम एक से अधिक ग्राम पंचायतों में न रहे।
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मतदाता सूची प्रकाशन की समय सीमा भी बढ़ा दी गई है। पहले अनंतिम सूची 6 दिसंबर को जारी होनी थी, लेकिन अब 23 दिसंबर को प्रकाशित की जाएगी। 30 दिसंबर तक दावे और आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी और 31 दिसंबर से 6 जनवरी तक उनका निस्तारण होगा। अंतिम मतदाता सूची 6 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी विनीत कुमार सिंह ने बताया कि अधिकांश लोग आधार के अंतिम चार डिजिट उपलब्ध करा रहे हैं। सत्यापन में जो नाम वास्तव में डुप्लीकेट पाए जा रहे हैं, उन्हें सूची से हटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह पूरा अभियान मतदाता सूची को पारदर्शी और शुद्ध बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, ताकि पंचायत चुनाव निष्पक्ष और स्वच्छ वातावरण में संपन्न हो सकें।

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