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    SIR In UP: गोरखपुर में 98.5 प्रतिशत गणना प्रपत्र हुए फीड, कटेंगे 6.24 लाख नाम

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 03:59 PM (IST)

    गोरखपुर में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान में 6.24 लाख बोगस वोटरों के नाम कटेंगे। 98.5 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है। ...और पढ़ें

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत बड़े पैमाने पर बोगस और दोहरी प्रविष्टियों वाले वोटरों की पहचान की जा रही है। 36 लाख मतदाताओं वाले जिले में अब तक 98.5 प्रतिशत गणना प्रपत्रों की वापसी और डिजिटाइजेशन का काम पूरा हो चुका है। प्रारंभिक समीक्षा में 17 प्रतिशत यानी लगभग 6.24 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाने की प्रक्रिया तय मानी जा रही है। इनमें शहर विधानसभा क्षेत्रों से करीब 61 हजार और ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों से 63 हजार वोटर शामिल हैं। जिनके नाम कट सकते हैं उनमें मृतक, डबल एंट्री और शिफ्टेड वोटर हैं।

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    अभियान के तहत प्रपत्र भरने और डिजिटाइजेशन के दौरान कई रोचक तथ्य सामने आए हैं। बड़ी संख्या में ऐसे लोग जिन्होंने वर्षों पहले रोजगार, व्यवसाय या शिक्षा के कारण शहर का रुख किया था और गांव में भी जिनके आवास है, उन्होंने पुनरीक्षण के दौरान अलग-अलग स्थानों से गणना प्रपत्र जमा किए। कई ने माता-पिता के लिए गांव से और स्वयं व पत्नी के लिए शहर से प्रपत्र भरकर प्रस्तुत किए। वहीं, कुछ लोग जो लंबे वक्त से शहर में रह रहे थे, उन्होंने गांव से ही मतदाता बनना बेहतर माना है। उन्होंने वहीं से अपने नाम के सत्यापन के लिए प्रपत्र जमा किए।

    जिला प्रशासन के अनुसार, अभियान के दौरान ऐसे कई मामलों का पता चला है जिनमें एक ही व्यक्ति का नाम दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में दर्ज था। खासकर शहर और देहात के मिलेजुले इलाकों में यह समस्या अधिक पाई गई। यही नहीं, कई पुराने रिकार्ड में ऐसे नाम भी मिले जिनके वोटर वर्षों पहले जिले से बाहर जा चुके थे या जिनकी मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन प्रविष्टियां अब तक हटाई नहीं गई थीं।

    यह भी पढ़ें- SIR In UP: अब 85 वर्ष से अधिक उम्र वाले मतदाताओं का दोबारा होगा सत्यापन, बीएलओ लगाएंगे रिपोर्ट

    डिजिटाइजेशन के मामले में जिले की अन्य विधानसभाओं की अपेक्षा चिल्लूपार और पिपराइच सबसे आगे हैं। चिल्लूपार में 99.92 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन पूरा हो चुका है, जबकि पिपराइच विधानसभा में यह आंकड़ा 99.59 प्रतिशत तक पहुंच गया है।

    अधिकारियों का कहना है कि गहन पुनरीक्षण अभियान ने जिले में मतदाता सूची की वास्तविकता को स्पष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बड़ी संख्या में बोगस और दोहरी प्रविष्टियों को हटाने के बाद मतदाता सूची अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय होगी। सत्यापन पूरा होने के बाद अंतिम सूची जारी किए जाने से पहले प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दावों और आपत्तियों की प्रक्रिया भी कराई जाएगी, ताकि वास्तविक मतदाताओं का नाम शामिल रहे और किसी का नाम अनुचित कारण से न कटे।


    अब सिर्फ 1.50 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का ही डिजिटाइजेशन बाकी है। मंगलवार की शाम तक 98.50 प्रतिशत प्रपत्रों की फीडिंग पूरी हो चुकी है। 6.24 लाख वोटर बाेगस पाए गए हैं। चिल्लूपार और पिपराइच शतप्रतिशत लक्ष्य के करीब पहुंच चुके हैं।

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    - विनीत सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी