गोरखपुर विश्वविद्यालय में 33 प्रतिशत बढ़ गई विद्यार्थियों की संख्या, इस वजह से हुआ है कमाल
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के चलते पिछले पांच सालों में छात्रों की संख्या में 33% की बढ़ोतरी हुई है जिसमें छात्राओं की संख्या 50% तक बढ़ी है। विश्वविद्यालय प्रशासन इस सफलता का श्रेय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर रैंकिंग को भी देता है। वर्तमान में 18855 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं और स्व-वित्तपोषित पाठ्यक्रमों में भी छात्रों की संख्या में चार गुना वृद्धि हुई है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। रोजगारपरक पाठ्यक्रमों से जुड़ने का परिणाम दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में दिखने लगा है। बीते पांच साल में विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
छात्राओं की संख्या 50 तो छात्रों की संख्या करीब 17 प्रतिशत बढ़ी है। यह बढ़ोतरी साल-दर-साल देखने को मिली है। विश्वविद्यालय विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी का एक प्रमुख कारण संस्थान की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग सुधरने को भी मान रहा है।
नए सत्र में विश्वविद्यालय में कुल 18 हजार 855 विद्यार्थियों अध्ययनरत है। इनमें 10 हजार 530 छात्राएं और आठ हजार 325 छात्र शामिल हैं। 2021 में यह संख्या 14 हजार 151 थी। यानी पांच वर्ष में विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों की संख्या में 4704 की वृद्धि हुई है।
छात्राओं की संख्या पांच वर्ष में 7040 से बढ़कर 10 हजार 530 हो गई है।स्व-वित्तपोषित पाठ्यक्रमों की बात करें तो विद्यार्थियों की संख्या चार गुणा बढ़ी है। 2021 में यह संख्या 1261 थी, जो बढ़कर इस वर्ष 5547 तक पहुंच गई है। स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में छात्राओं की भागीदारी पांच वर्ष में बढ़कर पांच गुणा हुई है। कृषि व तकनीक के पाठ्यक्रमोंं के प्रति विद्यार्थियों का विशेष रुझान दिखा है। इन पाठ्यक्रमों में अन्य प्रदेशों के अलावा नेपाल के छात्रों ने भी प्रवेश लिया है।
पांच वर्ष मेंं ऐसे बढ़ी विद्यार्थियों की संख्या
पीएचडी के छात्रोंं में हुई करीब चार गुणा वृद्धि
विश्वविद्यालय में पीएचडी छात्रोंं की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। पांच वर्ष के दौरान यह वृद्धि करीब चार गुणा दर्ज हुई है। सत्र 2021–22 में लगभग 500 शोध छात्र थे, वर्तमान सत्र में यह बढ़कर 1800 हो गई है। शोध छात्रों में विदेशी उपस्थिति दर्ज होने से विश्वविद्यालय का वैश्विक परिदृश्य मजबूत हुआ है। ऐसे बढ़ी शोध छात्रों की संख्या-
बीते पांच वर्ष में जहां रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ाई गई है, वहीं उसके संचालन के लिए परिसर में आधारिक संरचना को भी विकसित किया गया है। पर्याप्त संख्या में हर पाठ्यक्रम में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इसी का परिणाम है कि विद्यार्थियों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुई है। इसे लेकर विश्वविद्यालय का प्रयास थमा नहीं है बल्कि अनवरत जारी है। विद्यार्थियों की बढ़ी संख्या से उत्साहित विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी सुविधा के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है।
-प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, एमएमयूटी
एमपी महाविद्यालय में विषम सेमेस्टर की आंतरिक परीक्षा 13 अक्टूबर से प्रारंभ
महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धूसड़, गोरखपुर में विषम सेमेस्टर की आंतरिक परीक्षा -2025 दिनांक 13 से 17 अक्टूबर, 2025 तक क्रमशः तीन पालियों प्रातः 10 से 11 बजे, अपराह्न 12 से 1 बजे तथा 2 से 3 बजे तक महाविद्यालय केन्द्र पर होगी। इस आशय की जानकारी महाविद्यालय के परीक्षा प्रभारी डॉ. विजय कुमार चौधरी ने दी।
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