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    गोरखपुर विश्वविद्यालय को मिले 12 करोड़, शुरू हुए रुके जीर्णोद्धार कार्य

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 03:42 PM (IST)

    गोरखपुर विश्वविद्यालय को पीएम उषा योजना के तहत जीर्णोद्धार कार्यों के लिए 12 करोड़ रुपये मिले हैं। पहले धन की कमी के कारण काम रुक गया था, लेकिन अब पहली किस्त जारी होने के बाद काम फिर से शुरू हो गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द ही दूसरी किस्त भी जारी हो जाएगी, जिससे विकास कार्यों को और गति मिलेगी।

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    धन जारी होने में देरी के कारण रुक गई थीं विश्वविद्यालय की निर्माण गतिविधियां

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में ठप पड़ा भवनों का जीर्णोद्धार कार्य फिर से शुरू हो गया है। इसलिए कि उसे पीएम उषा (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) के मद से स्वीकृत 24 करोड़ रुपये की धनराशि में से 12 करोड़ रुपये जारी हो गए हैं।

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    नैक से ए प्लस-प्लस ग्रेड प्राप्त होने के बाद पीएम उषा से गोरखपुर विश्वविद्यालय के लिए 100 करोड़ रुपये मिलने हैं। विश्वविद्यालय ने धनराशि को प्राप्त करने लिए कुछ भवनों के जीर्णोद्धार और कुछ भवनों के निर्माण का प्रस्ताव शासन को भेजा था। शासन से धन मिलने की प्रत्याशा में विश्वविद्यालय प्रशासन ने जर्जर हो रहे दीक्षा भवन व संवाद भवन के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कर दिया था।

    परिसर के सड़कों के जीर्णोद्धार की प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। कला संकाय भवन की कमियों को भी दूर किया जाने लगा था। लेकिन जब धन समय से जारी नहीं हुआ तो कार्यदायी संस्था ने कार्य जारी रखने में असमर्थता जाहिर कर दी।

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    नतीजतन कार्य ठप हो गया और इसे लेकर विश्वविद्यालय पर सवाल भी उठने लगा। अब जब 12 कराेड़ की पहली किश्त जारी हो गई है तो निर्माण की प्रक्रिया पूरे उत्साह के साथ फिर से शुरू हो गई है। भौतिक विज्ञान व बायोटेक्नालाजी विभाग में भी लैब के निर्माण की भी तैयारी हो गई है।


    परिसर में अलग-अलग भवनों के जीर्णोद्धार व जर्जर सड़क के पुनर्निर्माण के लिए पीएम उषा के मद से 24 करोड़ रुपये शासन से मांगे गए थे। प्रत्याशा में कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम ने कार्य भी शुरू कर दिया था लेकिन धन जारी होने में देरी के चलते कार्य को रोक देना पड़ा था। अब जब पहली किश्त के तौर पर 12 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैंं तो कार्य को एक बार फिर गति मिलने लगी है। पूरी उम्मीद है कि जल्द दूसरी किश्त भी जारी हो जाएगी।


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    -प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, एमएमयूटी