गोरखपुर में गोड़धोइया नाले की खोदाई से तीन मकानों में पड़ी दरारें, हादसे की आशंका
गोरखपुर में गोड़धोइया नाला निर्माण कार्य के चलते तीन मकानों में दरारें आ गई हैं, जिससे आदित्यपुरी कॉलोनी के निवासियों को परेशानी हो रही है। खुदाई के कारण मकानों में दरारें आने से प्रभावित परिवारों को घर खाली करने पड़े हैं। जलनिगम के अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जाएगा और सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है।

गोरखपुर की महत्वपूर्ण परियोजना गोड़धोइया नाला। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर की महत्वपूर्ण परियोजना गोड़धोइया नाले के निर्माण कार्य ने बरसात बाद एक बार फिर गति पकड़ी है। लेकिन, इस निर्माण कार्य ने बशारतपुर पूर्वी की आदित्यपुरी कालोनी में रहने वाले कुछ परिवारों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं।
गुरुवार की शाम को जेसीबी से हुई खोदाई के बाद नाले के एकदम सटे स्थित तीन मकानों में गहरी दरारें आ गईं। हादसे की आशंका को देखते हुए प्रभावित परिवारों ने मकानों को खाली कर दिया है और दूसरी जगहों पर रहने को मजबूर हैं।
कालोनी के रहने वाले लवकुश सिंह, मनोज उपाध्याय और जगदीश उपाध्याय के मकानों की दीवारों में दरारें आई हैं। तीनों परिवारों के मकान नाले से महज 15 वर्गफीट की दूरी पर हैं, जिसकी वजह से खोदाई का सीधा असर इनकी बुनियाद पर पड़ा है। प्रभावित परिवारों का कहना है कि उन्होंने नाले के निर्माण में आने वाले हिस्से को लगभग एक साल पहले ही तोड़ दिया था।
कार्यदायी संस्था ने पांच दिन पहले खोदाई के बाद सुरक्षा के लिए लोहे के गर्डर भी लगाए थे, लेकिन इसके बावजूद भी गहरी खोदाई के कारण दीवारों में दरारें आ गईं।
उधर, कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों का कहना है कि मकान मालिकों ने प्रभावित हिस्से को तोड़ा तो था, लेकिन निर्माण की बीम को नहीं कटवाया था जिसकी वजह से गहरी खोदाई के दौरान दीवारों में दरारें पड़ गईं।
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जलनिगम नगरीय के अधिशासी अभियंता पंकज कुमार का कहना है कि नाला निर्माण से प्रभावित लोगों को पहले ही मुआवजा दिया जा चुका है। निर्माण कार्य के दौरान किसी भी अनहोनी से बचने के लिए एहतियातन रेड जोन में आने वाले मकानों को खाली कराया जा रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि खाली कराए गए मकानों का मूल्यांकन भी कराया जा रहा है और अगर खोदाई के दौरान किसी का मकान गिरता है, तो उसे नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि निर्माण के दौरान सुरक्षा के सभी मानक अपनाए जा रहे हैं।

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