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    गोरखपुर में ट्रांसफार्मर बेचने की जांच रिपोर्ट पर उठे सवाल, जांच कमेटी ने सीधे-सीधे किसी को नहीं बनाया जिम्मेदार

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 02:15 PM (IST)

    गोरखपुर के भटहट उपकेंद्र में 40 लाख के ट्रांसफार्मर बेचने के मामले में जांच रिपोर्ट पर सवाल उठे हैं। जांच टीम ने ट्रांसफार्मर गायब होने की बात तो कही, लेकिन किसी की जिम्मेदारी तय नहीं की। चेयरमैन ने दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। बिजलीकर्मियों ने ट्रांसफार्मर गायब होने की शिकायत दर्ज कराई थी, पर रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गाेरखपुर। लग रहा है कि बिजली निगम ने महाभारत युद्ध में धर्मराज युधिष्ठिर की ओर से बोले के प्रसिद्ध वाक्य को अपनी जांच रिपोर्ट का आधार बना दिया है। महाभारत युद्ध में अश्वत्थामा के मारे जाने पर जब युधिष्ठिर से पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'अश्वत्थामा हतो नरो वा कुंजरो वा' यानी अश्वत्थामा मारा गया, मनुष्य हो या हाथी। कुछ इसी तरह की गोलमोल रिपोर्ट भटहट उपकेंद्र में बेचे गए 40 लाख के पावर ट्रांसफार्मर की जांच कर रही टीम ने दी।

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    टीम ने ट्रांसफार्मर को उपकेंद्र से गायब तो माना लेकिन जिम्मेदारी तय नहीं की। चार सदस्यीय कमेटी ने आनन-फानन रिपोर्ट दे दी। सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में खामियों को देखते हुए कमेटी को वापस कर दिया गया है। चेयरमैन डा. आशीष गोयल ने चार दिनों में रिपोर्ट मांगी है।

    भटहट उपकेंद्र में तीन एमवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर बेचा गया है। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद चेयरमैन ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को विस्तृत जांच कराने को कहा था।

    इसके बाद मुख्य अभियंता आशुतोष श्रीवास्तव ने ग्रामीण वितरण मंडल प्रथम के अधीक्षण अभियंता डीके सिंह की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया। कमेटी में राप्तीनगर खंड के अधिशासी अभियंता अभिषेक कुमार, विद्युत भंडार खंड के अधिशासी अभियंता अमित कुमार, विद्युत माध्यमिक कार्यखंड के अधिशासी अभियंता सुजीत कुमार गुप्ता को शामिल किया गया है।

    टीम ने बुधवार को भटहट उपकेंद्र पर पहुंचकर जांच की। गुरुवार को रिपोर्ट भीे दे दी लेकिन सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में सिर्फ घटनाक्रम का जिक्र कर बिना किसी संस्तुति कमेटी ने अपना पल्ला झाड़ लिया है।

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    यह है मामला

    भटहट उपकेंद्र में वर्ष 2014 में तीन-तीन एमवीए क्षमता के दो पावर ट्रांसफार्मर को हटाकर पांच-पांच एमवीए क्षमता के दो पावर ट्रांसफार्मर लगाए गए थे। तब से यह ट्रांसफार्मर उपकेंद्र में ही रखे गए थे। बिजली निगम के चेयरमैन डा. आशीष गोयल को जानकारी हुई तो उन्होंने जांच के निर्देश दिए।

    पता चला कि पावर ट्रांसफार्मर बेच दिया गया है। 25 अगस्त को इसको बेचने के लिए ले जाते समय का वीडियो भी जांच टीम को मिला है। भटहट उपकेंद्र पर रखे तीन एमवीए क्षमता के एक पावर ट्रांसफार्मर को देवरिया के खुखुंदू और पांच एमवीए के ट्रांसफार्मर को दूसरे उपकेंद्र पर भेजने की पुष्टि हुई है।

    ट्रांसफार्मर गायब होने की दे दी गई तहरीर

    बिजलीकर्मियों ने खुद को बचाने के लिए भटहट उपकेंद्र से पावर ट्रांसफार्मर बेचने की जगह गायब होने की तरकीब निकाली। इसके लिए तहरीर बनाई गई। लिखा गया कि भटहट उपकेंद्र से ट्रांसफार्मर गायब है, इसकी रिपोर्ट दर्ज करें। तहरीर एंटी थेफ्ट थाने में दी गई लेकिन कमेटी की जांच का हवाला देते हुए रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया गया।