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    गोरखपुर में बनेगा अंतरराष्ट्रीय फिश रिसर्च सेंटर, मत्स्य विभाग-गैर सरकारी संगठन की टीम ने भ्रमण कर किया स्थान का चयन

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 12:59 PM (IST)

    गोरखपुर में अंतरराष्ट्रीय फिश रिसर्च सेंटर बनेगा। मत्स्य विभाग और एक गैर सरकारी संगठन की टीम ने मिलकर स्थान का चयन किया है। इस सेंटर के बनने से मत्स्य ...और पढ़ें

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    अंतरराष्ट्रीय फिश रिसर्च सेंटर बनाने के लिए स्थान की तलाश करते मत्स्य विभाग और वर्ल्ड फिश सेंटर की टीम के सदस्य। सौ. मत्स्य विभाग।

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। मत्स्य विभाग और वर्ल्ड फिश सेंटर की टीम ने अंतरराष्ट्रीय फिश रिसर्च सेंटर बनाने की तैयारी शुरू की है। मत्स्य विभाग और गैर सरकारी संगठन वर्ल्ड फिश सेंटर मनीला (फिलीपींस) की टीम ने दो दिनों तक भ्रमण कर स्थानों का चयन किया है।

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    अधिकारियों का कहना है कि गोरखनाथ थाना के पीछे स्थित मत्स्य विभाग के उपनिदेशक भवन में व्यवसायिक कार्यालय बनाया जाएगा। छपिया में स्थित हैचरी को रिसर्च सेंटर के विकसित करके मछलियों के उत्पादन, उनके व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। जलवायु, पानी, मिट्टी सहित अन्य बिंदुओं पर शोध किया जाएगा, जिसमें देश- विदेश के विज्ञानी शामिल होंगे। अधिकारियों ने दावा किया है यह विश्व का चौथा अंतरराष्ट्रीय फिश रिसर्च सेंटर होगा।

    मत्स्य विभाग के कार्यकारी अधिकारी संतोषराम ने बताया कि गैर सरकारी संगठन वर्ल्ड फिश सेंटर मनीला (फिलीपींस) के चौथे अंतरराष्ट्रीय फिश रिसर्च सेंटर की स्थापना की तैयारी है। इसके लिए मत्स्य विभाग और संगठन की टीम ने दो दिनों तक जनपद के विभिन्न स्थानों का भ्रमण करके जगह का चयन किया है।

    टीम में शामिल महानिदेशक मत्स्य धनलक्ष्मी, संयुक्त निदेशक अनिल कुमार, निदेशक एनएस रहमानी ने योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह के समीप, गीडा और बालापार रोड पर भूमि देखी। इस दौरान जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्धन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

    इसके बाद संयुक्त बैठक कर यह निर्णय लिया कि गोरखनाथ थाना के पीछे स्थित मत्स्य विभाग के उपनिदेशक भवन में अंतरराष्ट्रीय फिश रिसर्च सेंटर का व्यवसायिक कार्यालय स्थापित किया जाएगा। गोरखनाथ मत्स्य बीज विकास निगम की ओर से छपिया में संचालित हैचरी को रिसर्च सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां शोध कार्य के लिए आधुनिक उपकरण स्थापित किए जाएंगे।

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    अधिकारियों का कहना है कि नैनी, रोहू, भाकुर सहित अन्य मछलियों की उन्नत प्रजाति विकसित की जाएगी। उनके उत्पादन से लेकर बाजार में पहुंचाने के उपाय पर कार्य किया जाएगा।

    संतोषराम ने कहा कि इससे पांच हजार से अधिक मछली पालकों को आय बढ़ाने में लाभ मिलेगा। देश-विदेश में स्थानीय मछलियों की आपूर्ति करने में आसानी होगी। लगभग दो माह बाद अंतरराष्ट्रीय फिश रिसर्च सेंटर का कार्य पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है। यह विश्व का चौथा अंतरराष्ट्रीय फिश रिसर्च सेंटर होगा, जिससे पूर्वांचल में मत्स्य पालन की तस्वीर बदल जाएगी।