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    सुनिये वित्त मंत्री जी: अभी भी दूर है दिल्ली, आगरा व पुरी की राह भी मुश्किल, गोरखपुर से दिल्ली के लिए रोजाना सिर्फ दो ट्रेन

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 12:36 PM (IST)

    गोरखपुर से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए सीधी ट्रेनों की कमी है। पहले कई ट्रेनें गोरखपुर से दिल्ली तक जाती थीं जो समय पर पहुँचती थी। वर्तमान में, ऐसी कोई सीधी ट्रेन नहीं है। यात्रियों की संख्या को देखते हुए, रेल मंत्रालय को वंदे भारत या अमृत भारत ट्रेनें चलानी चाहिए, क्योंकि नान एसी अमृत भारत ट्रेनें लोकप्रिय हो रही हैं।

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    प्लेटफार्म नौ पर सुबह से ही लग जाती है जनरल टिकट के यात्रियों की लाइन

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य रेलमार्ग लखनऊ-गोरखपुर-छपरा पर ट्रेनें 110 किमी की रफ्तार से चलने लगी हैं। विद्युतीकरण के साथ दोहरीकरण भी पूरा हो गया है। अब तीसरी और चौथी लाइन की बात हो रही है। गति बढ़ाने के लिए आटोमेटिक ब्लाक सिग्नल सिस्टम और 'कवच' भी लगने लगे हैं। इसके बाद भी गोरखपुर से दिल्ली बहुत दूर है।

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    आगरा व पुरी की राह मुश्किल होती जा रही है। दिल्ली की राह तो पहाड़ चढ़ने जैसी हो गई है। वर्ष पर्यंत यात्रियों को कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा। दीपावली, छठ और होली ही नहीं, प्लेटफार्म नंबर नौ पर अब रोजाना दिल्ली जाने वाले लोगों की लाइन लगने लगी है। घंटों लाइन लगाने के बाद जनरल टिकट के यात्रियों को सीट नहीं मिल रही।

    पूर्वांचल (गोरखपुर व बस्ती मंडल) ही नहीं बिहार व नेपाल के लोग भी परेशान हैं। दिल्ली ही नहीं आगरा, पुरी व गोवा के लिए भी नई ट्रेन की जरूरत है। छात्र आगरा के लिए वंदे भारत की मांग रहे हैं तो श्रद्धालु पुरी के लिए ट्रेन की आस लगाए बैठे हैं। यद्यपि, गोरखपुर से दिल्ली और आगरा के लिए वंदे भारत का प्रस्ताव तैयार है। देखना है कि आगामी बजट में इन ट्रेनों को हरी झंडी मिलती है या नहीं।

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    दरअसल, पूर्वांचल के साथ पूर्वोत्तर रेलवे का भी तेजी के साथ बदलाव हो रहा है। लेकिन, पूर्वोत्तर रेलवे में आज भी 30 साल से गोरखपुर के रास्ते चलने वाली वैशाली एक्सप्रेस ही लोगों के जुबान पर चढ़ी हुई है। हालांकि, दिल्ली जाने वाले लोगों की भीड़ बढ़ी तो रेल मंत्रालय ने गोरखपुर को एक नई ट्रेन दी। 12 जुलाई 2001 से गोरखधाम एक्सप्रेस चल रही है। लेकिन जब से इस ट्रेन का मार्ग विस्तार बठिंडा तक हुआ, लोगों की परेशानी फिर बढ़ गई।

    इस ट्रेन में बठिंडा जाने वाले लोगों की भीड़ रहती है। 25 साल हो गए, लेकिन गोरखधाम के बाद गोरखपुर के लिए रोजाना एक भी नई ट्रेन नहीं मिली। यद्यपि, रेल मंत्रालय ने 16 नवंबर, 2016 से पूरी तरह वातानुकूलित हमसफर एक्सप्रेस का संचालन शुरू किया, लेकिन आज तक वह अपनी पहचान नहीं बना सकी। इस ट्रेन में भी सिर्फ एसी थर्ड के कोच लगते हैं। एसी फर्स्ट, सेकेंड व जनरल के यात्रियों के लिए कोई जगह नहीं मिलती। गोरखपुर से आनंदविहार के बीच सप्ताह में एक दिन यह एक्सप्रेस ट्रेन चलती है। वह भी अक्सर निरस्त ही रहती है।

    पूर्वांचल का केंद्र बिंदु होने के कारण गोरखपुर नेपाल, महाराजगंज व पश्चिम बिहार का सबसे महत्वपूर्ण स्टेशन है, यहां से दिल्ली जाने वाली यात्रियों की संख्या अधिक है। उस अनुपात में ट्रेनें बहुत कम है। यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए गोरखपुर से कम से कम दो ट्रेन दिल्ली के लिए व अन्य प्रमुख शहरों के लिए भी डायरेक्ट ट्रेन का संचालन जरूरी है। रेल मंत्रालय व संबंधित जिम्मेदार लोगों को इस पर गंभीरता से ध्यान देना होगा। 

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    - राकेश सिंह पहलवान, पूर्व सदस्य- जेडआरयूसीसी, पूर्वोत्तर रेलवे

    देश की राजधानी होने के नाते, दिल्ली रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। इस मार्ग पर ट्रेन का टिकट प्राप्त करना अत्यंत कठिन हो गया है। त्योहारों के समय तो स्थिति और भी विकट हो जाती है। गोरखपुर से चलने वाली ट्रेनों की संख्या यहां के बढ़ते यात्री दबाव की तुलना में बहुत कम है। इन सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकार गोरखपुर जंक्शन से वंदे भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनों की शुरुआत करे।

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    - प्रो. रजनीकांत पांडेय, पूर्व कुलपति सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु- सिद्धार्थनगर

    दिल्ली जाने के लिए गोरखपुर से केवल दो ट्रेनें हैं, एक गोरखधाम और दूसरी हमसफर। कहने को कई और ट्रेनें हैं पर वह सब बिहार या कहीं और से आती हैं। सो उनमें टिकट पाना बहुत मुश्किल है, सुपर डिमांडिंग वैशाली में तो उम्मीद ही मत करिए। हमसफर में टिकट मिल तो जाती है पर हमसफर में एसी टू और एसी फर्स्ट न होने से महिलाओं बुजुर्गों को काफी दिक्कत होती है। वैशाली जैसी एक ट्रेन गोरखपुर से दिल्ली के लिए चलाई जानी चाहिए।

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    - शैलेष मणि त्रिपाठी, विकास अधिकारी- भारतीय जीवन बीमा निगम

    गोरखपुर से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए पहले कई ट्रेनें ऐसी थी, जो गोरखपुर से चलकर दिल्ली तक जाती थीं। गोरखपुर से ही चलने के कारण वे ट्रेन साफ सुथरी होती थी, समय से छूट कर समय से पहुंचती थी। इस समय गोरखपुर से ऐसी कोई ट्रेन नहीं है, जो दिल्ली की राह को आसान करे। गोरखपुर से यात्रियों की संख्या को देखते हुए रेल मंत्रालय को वंदे भारत या अमृत भारत ट्रेन चलानी होगी। आजकल नान एसी अमृत भारत ट्रेनें लोगों को खूब भा रही हैं।

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    - आनंद रुंगटा, संचालक- रुंगटा एजेंसी