गोरखपुर के करमैनी पुल से किशोरी ने नदी में लगाई छलांग, मछुआरों ने बचाई जान
गोरखपुर के करमैनी घाट स्थित राप्ती नदी में एक किशोरी ने पुल से छलांग लगा दी, जिसे मछुआरों ने बचाया। पारिवारिक विवाद के बाद नाराज होकर किशोरी ने यह कदम ...और पढ़ें

खाना बनाने को लेकर बहन से विवाद के बाद घर से निकली थी किशोरी। सांकेतिक तस्वीर
संवाद सूत्र, करमैनी घाट। घर से नाराज होकर निकली किशोरी शुक्रवार को करमैनी पुल से राप्ती नदी में छलांग लगा दी। गनिमत रहा कि कुछ दूरी पर मछली पकड़ रहे मछुआरों की नजर उस पर पड़ गई। फिर डोंगी नाव से मौके पर पहुंचकर किशोरी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। हालांकि किशोरी के पेट में नदी में पड़ी प्रतिमा विसर्जन की लकड़ियों से चोट लग गई। सीएचसी में उपचार के बाद पुलिस ने स्वजन को बुलाकर किशोरी को सिपुर्द कर दिया।
नदी किनारे पहुंचे स्वजन ने बताया कि सुबह खाना बनाने को लेकर किशोरी की छोटी बहन से कहासुनी हो गई थी। मामला बढ़ने पर दोनों बहनों को डांट दिया गया था। इसी बात से नाराज़ होकर वह बिना बताए घर से निकल गई। फिर कब करमैनी पुल पर पहुंची, इसकी जानकारी उन लोगों को तब हुई जब पुलिस द्वारा फोन किया गया।
करमैनी चौकी प्रभारी भूपेंद्र तिवारी ने बताया कि घर वालों से नाराज होकर किशोरी खुदकुशी करने के करने के मकसद से नदी में छलांग लगाई थी। राहगीरों के शोर मचाने पर डाेंगी नाव से पहुंचे मछुआरों ने किशोरी को बचा लिया।
नदी में प्रतिमा विसर्जन की पड़ी लकड़ियों से किशोरी के पेट में चोट लगी थी। तत्काल एंबुलेंस बुलाकर किशोरी को कैंपियरगंज स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। जहां उपचार करने के बाद चिकित्सकों ने किशोरी को स्वजन के साथ घर भेज दिया।
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दो महीने में आधा दर्जन से अधिक लगा चुके है छलांग
दो महीने में करमैनी पुल से राप्ती नदी में आधा दर्जन से अधिक किशोरी और युवतियां छलांग लगा चुकी है। इसमें दो की डूबने से मौत हो गई। अन्य को मछुआरों ने सुरक्षित बचा लिया है। इसके बदले पुलिस मछुआरों को सम्मानित कर चुकी है। वहीं लगातार हो रही घटनाओं को देखते हुए स्थानीय लोग पुल पर जाली लगवाने की मांग कर रहे है। लेकिन, अभी तक उनकी मांगों पर प्रशासन द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई।

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