गोरखपुर में लूट के आरोपित पांच निलंबित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी का रास्ता साफ, HC ने हटाया स्टे
गोरखपुर में लूट के आरोप में निलंबित पांच पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक हटा दी है। कोर्ट ने पुलिसकर्मियों की याचिका खारिज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। इन पुलिसकर्मियों पर एक व्यापारी से लूटपाट करने का आरोप है, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। कोर्ट ने पुलिसकर्मियों को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है।

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गीडा क्षेत्र में व्यापारी से 90 हजार रुपये की लूट के मामले में निलंबित दरोगा शुभम श्रीवास्तव समेत पांच पुलिसकर्मियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक (स्टे) को हटा दिया।
इसके बाद पुलिस ने सभी आरोपितो की गिरफ्तारी की तैयारी शुरू कर दी है। उधर, स्टे हटने की सूचना मिलते ही आरोपित पुलिसकर्मी घर से फरार हो गए हैं। वहीं, उनके स्वजन अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
नौ अगस्त को बेलीपार क्षेत्र में पिछौरा निवासी (वर्तमान में राजस्थान में रहने वाले) व्यापारी रविशंकर को कार सवार पुलिसकर्मियों ने अगवा कर 90 हजार रुपये लूट लिए थे। मामले की जांच के बाद नौसड़ चौकी इंचार्ज शुभम श्रीवास्तव, महिला दरोगा आंचल, सिपाही प्रवीण यादव, राजेश चौधरी और सुभाष यादव को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की गई थी।
इसके बाद आरोपित पुलिसकर्मियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर गिरफ्तारी पर रोक लगवाई थी। कोर्ट ने उन्हें विवेचना में सहयोग करने का आदेश दिया था, लेकिन पुलिस ने एक नई रिपोर्ट दाखिल कर बताया कि आरोपी न तो जांच में सहयोग कर रहे हैं और न ही पीड़ित को धमकाने से बाज आ रहे हैं।
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राजघाट थाना क्षेत्र में पीड़ित को धमकी देने के आरोप में एक नया केस भी दर्ज किया गया है। पुलिस की रिपोर्ट और साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा दी। अब पुलिस कभी भी आरोपितो को हिरासत में ले सकती है।
पुलिस की ओर से कोर्ट में पक्ष रखा गया, जिसके बाद कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा ली है। अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद सभी निलंबित पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। इसके लिए पुलिस की एक टीम लगाई गई है।
-अभिनव त्यागी, एसपी सिटी
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