गोरखपुर में दुर्घटनाओं पर लगेगा अंकुश, 14 थाना क्षेत्र में सबसे अधिक होते हैं हादसे
गोरखपुर में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए एसएसपी ने 14 थानों को दुर्घटना संभावित क्षेत्र घोषित किया है। दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगाने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जो कोहरे, सड़क डिजाइन और संकेतकों की कमी जैसे पहलुओं की जांच करेगी। नवंबर से जनवरी के बीच होने वाले हादसों को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा का रोडमैप भी तैयार किया गया है। शहर में यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सुरक्षा व्यवस्था और सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए एसएसपी ने जिले के 14 थानों को दुर्घटना प्रभावित थाना क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया है। एसएसपी ने बताया कि इन क्षेत्रों में दुर्घटनाओं के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। जो इन थाना क्षेत्रों में दुर्घटना के कारण जैसे कोहरा, सड़क डिजाइन, संकेतक की कमी या अंधेरा समेत अन्य पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट तैयार करेंगे। इसके बाद संबंधित विभाग के साथ बैठक कर उन्हें दूर कराया जाएगा।
सड़क दुर्घटना रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक हादसे नवंबर, दिसंबर और जनवरी में होते है। इसे रोकने के लिए एसएसपी राजकरन नय्यर ने सड़क सुरक्षा का रोडमैप तैयार किया ताकि दुर्घटनाओं को दीर्घकालिक रूप से रोका जा सके। वहीं चिन्हित 14 थाने या तो फोरलेन किनार है या इनके क्षेत्र से फोरलेन गुजरा है।
गांव किनारे होने और लिंक मार्ग पर किसी तरह का ब्रेकर नहीं होने से रफ्तार में चलने वाले वाहन आपस में टकराकर दुर्घटनाग्रस्त होते है। इन्हीं हादसों को रोकने के लिए एसएसपी ने एक दारोगा और दो कांस्टेबल की विशेष टीम गठित की है। जो हादसे वाले स्थलों को चिन्हित कर कारण सहित रिपोर्ट देंगे।
यह भी पढ़ें- बादशाह और मिथुन-पलक से बन सकती है बॉलीवुड नाइट, तीन दिवसीय गोरखपुर महोत्सव 11 जनवरी से होगा शुरू
इसके साथ ही कोहरे में हादसों को रोकने के लिए मुख्य मार्गों से जुड़ी गलियों, मोहल्लों और चौराहो, फोरलेन पर बने कट पर रिफ्लेक्टर और इंडिकेटर लगाए जाएगा। इससे रात या कोहरे में वाहन चालक पहले से सतर्क रह सकेंगे और दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।
वहीं, शहर में बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए यातायात विभाग को 88 अतिरिक्त पुलिसकर्मी उपलब्ध कराए गए हैं। पहले से तैनात यातायता कर्मियों के अतिरिक्त इन्हें मुख्य चौराहों, बाजार और दुर्घटना संभावित स्थलों पर तैनात किया जाएगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।