गोरखपुर में नदी की कटान रोकने के लिए किया ड्रोन सर्वे, मापी गहराई
गोरखपुर में नदी की कटान रोकने के लिए सिंचाई विभाग ने ड्रोन सर्वे किया। इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य नदी की गहराई मापना और कटान के कारणों का पता लगाना है। ड्रोन से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण कर कटान रोकने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएंगे, जिससे आसपास के गांवों को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।

सरयू नदी की तेज धारा कर रही कटान। जागरण
संवाद सूत्र, बड़हलगंज/ पटनाघाट। बड़हलगंज क्षेत्र में सरयू नदी की कटान रोकने के लिए सिंचाई विभाग के विशषज्ञों ने मंगलवार को दिनभर मंथन किया। नदी क्षेत्र का ड्रोन सर्वे करके जहां पूरी रिपोर्ट तैयार की। वहीं नाव से नदी के बीच में जाकर गहराई का मापन किया। कार्यशाला स्थापना खंड कानपुर (सिंचाई विभाग) की मैकेनिकल टीम संग स्थानीय अधिकारी भी जमे रहे। उधर नदी की तेज धारा में ज्ञानकोल गांव के संतोष यादव के मकान की दीवार बह गई। ग्रामीणों का कहना है कि मानसून पूर्व कटानरोधी कार्य में लापरवाही बरती गई, जिसका नुकसान ग्रामीण उठा रहे हैं।
सरयू नदी की तेज धारा से ज्ञानकोल, बगहा देवार सहित अन्य गांवों में कटान हो रही है। लोगों के रिहायशी मकान, कृषि योग्य भूमि और प्रमुख सड़क नदी में बह रही है। नदी की तेज धारा से रामजानकी मार्ग पर भी संकट गहराने लगा है, जबकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनी सड़क को नदी लगातार काट रही है। इससे ग्रामीण घबराए हुए हैं।
लोगों का कहना है कि नदी की तेज धारा को रोकने के लिए मानसून पूर्व उपाय किए जाने चाहिए थे, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसलिए अब यह नौबत आई है, जिससे गांव समाप्त होने के कगार पर पहुंच गए हैं। नदी की कटान को रोकने के लिए लखनऊ, वाराणसी, कानपुर सहित अन्य जगहों से पहुंचे सिंचाई विभाग के अधिकारी लगातार कार्रवाई में जुटे हैं।
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व्यापक कार्ययोजना बनाने के लिए मंगलवार को टीम ने बगहा, ज्ञानकोल, कोटिया, दीपशाह और गोनघट इत्यादि जगहों का ड्रोन सर्वे किया। नाव से नदी में जाकर गहराई का मापन किया। इस दौरान विशेषज्ञों ने यह जानकारी जुटाई कि नदी की धारा और गति आगे चलकर किस दिशा में होगी। क्या प्रक्रिया अपनाए जाने से नदी की कटान थम जाएगी। नदी की धारा को मोड़ने के लिए क्या उपाय हो सकते हैं।
इस पर कार्ययोजना तैयार की। मैकेनिकल टीम के सहायक अभियंता राजकुमार ने बताया कि हम लोगों ने ड्रोन सर्वे कर नदी की गहराई व प्रस्तावित जगह से चैनल बनाने की प्रक्रिया में पड़ने वाले स्थानों को देखा है। यह चैनल तीन से चार किलोमीटर की दूरी में बनाने का प्रस्ताव किया जा रहा है।
इसके बन जाने से अन्य गांवों पर दबाव कम हो जाएगा। नदी की धारा भी मुड़ जाएगी। इस अवसर पर अधिशासी अभियंता कुलदीप तिवारी, सहायक अभियंता राजकुमार, अवर अभियंता कमल पटेल, आशीष वर्मा, ग्राम प्रधान संजय गुप्ता, सुबाष यादव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

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