गोरखपुर रेस्टोरेंट अग्निकांड में कर्मचारी की मौत के बाद भी नहीं निकली जांच टीमें, डीएम ने गठित की है 12 टीमें
गोरखपुर के तारामंडल स्थित एक रेस्टोरेंट में आग लगने से एक कर्मचारी की मौत हो गई। जांच में पता चला कि रेस्टोरेंट के पास फायर एनओसी नहीं थी। जिला प्रशासन ने जांच के लिए 12 टीमें गठित कीं, लेकिन वे अभी तक निरीक्षण के लिए नहीं निकली हैं। शहर में कई रेस्टोरेंट और होटल बिना सुरक्षा उपायों के चल रहे हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

रविवार को वाटर वेज रेस्टोरेंट अग्निकांड में दम घुटने से हुई थी कर्मचारी की मौत
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। तारामंडल स्थित वाटर वेज रेस्टोरेंट एंड बैंक्वेट में रविवार को लगी भीषण आग और कर्मचारी की मौत के बाद शहर में होटल,रेस्टोरेंट और बैंक्वेट में आग से बचाव के लिए किए गए इंतजाम की हकीकत उजागर हो गई है। जिला प्रशासन ने सुरक्षा जांच के लिए 12 टीमें तो गठित कर दी थीं, लेकिन सोमवार को एक भी टीम जांच के लिए नहीं निकली। अब कहा जा रहा है कि दो दिन बाद टीमें मैदान में उतरेंगी। इस देरी से सवाल उठ रहे हैं।
रविवार सुबह तारामंडल स्थित वाटर वेज रेस्टोरेंट एंड बैंक्वेट में अचानक आग भड़क उठी। देखते ही देखते चार मंजिला इमारत धुएं से भर गई। अंदर मौजूद कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई। बचने के प्रयास में बलरामपुर जिले के तुलसीपुर निवासी हाउसकीपिंग कर्मचारी पुरुषोत्तम अग्रहरी वाशरूम में घुस गए, लेकिन दम घुटने से उनकी मौत हो गई।
चार अन्य कर्मचारी किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहे।फायर ब्रिगेड की चार टीमों ने तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझाई। प्रारंभिक जांच में शटार्ट सर्किट को आग की वजह माना गया है।
संचालक के पास फायर एनओसी नहीं थी,यह बात अग्निशमन विभाग की जांच में सामने आई। आग से दो करोड़ से अधिक के नुकसान का अनुमान है। मामले में अब तक किसी ने तहरीर नहीं दी है और न ही संचालक पर कोई कार्रवाई हुई है।
घटना के बाद डीएम दीपक मीणा ने शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र स्थित होटल,रेस्टोरेंट व बैंक्वेट हाल में सुरक्षा आडिट के लिए 12 टीमें गठित की थीं। इन टीमों में मजिस्ट्रेट के साथ जीडीए के इंजीनियर, विद्युत सुरक्षा विभाग और अग्निशमन विभाग के अधिकारी शामिल हैं।योजना के अनुसार, सोमवार से सभी टीमों को फील्ड में उतरना था, लेकिन किसी भी टीम की जांच शुरू नहीं हो सकी।
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शहर में करीब 300 से अधिक रेस्टोरेंट, होटल और बैंक्वेट हाल हैं जहां आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। जिला अग्निशमन अधिकारी शांतनु कुमार ने कहा वीआइपी ड्यूटी के चलते सोमवार को निरीक्षण नहीं हो सका।जल्द ही जांच की जाएगी।
सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था
शहर में 300 से अधिक होटल, रेस्टोरेंट और बैंक्वेट हाल संचालित हो रहे हैं। बड़ी संख्या में इन प्रतिष्ठानों में फायर एनओसी, इमरजेंसी एग्जिट, वेंटिलेशन और इलेक्ट्रिकल सेफ्टी मानकों की भारी कमी की शिकायतें आती रही हैं।ताज़ा अग्निकांड ने यह साफ कर दिया है कि बिना अनुमति और बिना सुरक्षा उपायों के भी बहुमंजिला प्रतिष्ठान बेखौफ चल रहे हैं।अब प्रशासन की कार्रवाई कब जमीन पर दिखेगी, यह सवाल उठ रहा है, क्योंकि अग्निकांड के 48 घंटे बाद भी जांच आगे नहीं बढ़ सकी है।

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