होम्योपैथी की 10 दवाओं पर शोध शुरू, जानेंगे और कितने रोग पर कर रहीं काम
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज का होम्योपैथी विभाग 10 दवाओं के अन्य रोगों पर असर जानने के लिए शोध कर रहा है। प्रत्येक दवा का शोध 35 से 40 स्वयंसेवकों ...और पढ़ें

बीआरडी मेडिकल कालेज के अनुसंधान अधिकारी होम्योपैथी डा. रमेश प्रसाद ने दी जानकारी। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कालेज का होम्योपैथी विभाग 10 दवाओं के अन्य रोगों पर असर जानने के लिए शोध कर रहा है। हर दवा का शोध 35 से 40 स्वयंसेवकों पर हो रहा है। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। एक दवा के कई रोगों पर प्रभाव की पुष्टि हुई तो यह शोध पूरे विश्व में उपचार की नई राह खोलेगा।
यह कहना है कि बीआरडी मेडिकल कालेज में अनुसंधान अधिकारी (होम्योपैथी वैज्ञानिक थ्री) डा. रमेश प्रसाद का। वह मंगलवार को मेडिकल कालेज में पत्रकारों से बात कर रहे थे। कहा कि पारंपरिक चिकित्सा पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) 17 से 19 दिसंबर तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में द्वितीय वैश्विक शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। कहा कि नैदानिक परीक्षण इकाई (होम्योपैथी) द्वारा बीआरडी मेडिकल कालेज में इंसेफ्लाइटिस रोगियों पर वर्ष 2012 से 2018 तक शोध किया गया था।
इस शोध में यह पाया गया होम्योपैथी दवाएं प्रभावित रोगियों के उपचार में प्रभावी एवं लाभकारी हैं। वर्ष 2016-2018 तक चरगावां ब्लाक के अंतर्गत 43 ग्राम सभा में एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से बचाव के लिए दवा का वितरण किया गया। नैदानिक परीक्षण इकाई (होम्योपैथी) की ओपीडी में प्रतिदिन 80-100 रोगी आते हैं। गोरखपुर के साथ ही मऊ, आजमगढ़, महराजगंज, देवरिया, बिहार, नेपाल से आने वाले रोगियों को ओपीडी में निश्शुल्क दवाएं दी जाती हैं। संचारी रोगों में बचाव की भी दवाएं दी जाती हैं।
यह शोध हो चुका है
डा. रमेश प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यकम के अंतर्गत इकाई गोरखपुर में वर्ष अप्रैल 2015 से जून 2018 तक शोध कार्य किया गया। इसका नाम स्वस्थ बच्चे के लिए होम्योपैथी दवा के लाथ दिया गया। पाया गया कि बच्चों के दांत निकलने के दौरान होने वाली समस्याओं (दस्त, सर्दी, बुखार) में होम्योपैथी दवाएं ज्यादा उपयोगी हैं। बताया कि इकाई में सिंपल फ्रैक्चर, बवासीर व गुर्दे की पथरी पर भी शोध होगा।
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बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कराते हैं जांच
डा. रमेश प्रसाद ने बताया कि शोध कार्य के पहले शामिल लोगाें के खून की कई तरह की जांच बीआरडी मेडिकल कालेज में कराई जाती हैं। एक महीने बाद दोबारा जांच कर दवाओं के प्रभाव की जानकारी ली जाती है। 17 अक्टूबर को नैदानिक परीक्षण इकाई (होम्योपैथी) और बीआरडी मेडिकल कालेज के बीच अनुसंधान कार्य को सुदृढ़ करने एवं संयुक्त शोध गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो चुका है। इस दौरान सीनियर रिसर्च फेलो डा. विनय कुमार भी मौजूद रहे।

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