गोरखपुर में बेचे गए ट्रांसफार्मर का पता कर रहे दाम, फिर होगी FIR
गोरखपुर के भटहट उपकेंद्र से तीन एमवीए क्षमता के बेचे गए ट्रांसफार्मर की कीमत का पता बिजली निगम के अभियंता लगा रहे हैं। इस मामले में अधीक्षण अभियंता को आरोपियों पर एफआईआर करानी है। जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। ट्रांसफार्मर बेचने की पुष्टि के बाद भी एफआईआर में देरी पर सवाल उठ रहे हैं।

भटहट उपकेंद्र से तीन एमवीए क्षमता का पावर ट्रांसफार्मर बेचने का मामला
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। भटहट उपकेंद्र से बेचे गए तीन एमवीए क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर का बिजली निगम के अभियंता रेट पता कर रहे हैं। इसकी जिम्मेदारी विद्युत वितरण खंड प्रथम गुलरिहा के अधिशासी अभियंता को दी गई है। विद्युत वितरण मंडल प्रथम के अधीक्षण अभियंता डीके सिंह को इस मामले में आराेपितों पर एफआइआर करानी है। अधीक्षण अभियंता की ही रिपोर्ट पर भटहट के एसडीओ राम इकबाल प्रसाद और जेई अजय सिंह को पिछले महीने ही निलंबित किया जा चुका है।
दैनिक जागरण ने आठ अक्टूबर के अंक में कर्मियों ने बेच दिया 40 लाख का ट्रांसफार्मर शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर का संज्ञान लेकर बिजली निगम के चेयरमैन डा. आशीष गोयल ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शंभू कुमार को जांच कराने के लिए कहा था।
विद्युत वितरण मंडल प्रथम के अधीक्षण अभियंता डीके सिंह की अध्यक्षता में राप्तीनगर के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) अभिषेक कुमार, विद्युत भंडार खंड के एक्सईएन अमित कुमार और विद्युत माध्यमिक कार्यखंड के एक्सईएन सुजीत कुमार गुप्ता की जांच टीम का गठन किया। टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर शनिवार को कार्रवाई की संस्तुति की गई।
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यह है मामला
भटहट उपकेंद्र में वर्ष 2024 में तीन-तीन एमवीए क्षमता के दो पावर ट्रांसफार्मर लगे थे। उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने के कारण तब दोनों ट्रांसफार्मरों पर लोड बढ़ गया। इसे देखते हुए ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। नवंबर 2014 में तीन-तीन एमवीए के दोनों ट्रांसफार्मरों की जगह पांच-पांच एमवीए के दो ट्रांसफार्मर लगाए गए। उस समय दोनों तीन-तीन एमवीए के ट्रांसफार्मर अच्छी स्थिति में थे।
इन्हे उपकेंद्र में रख दिया गया। कुछ वर्ष बाद पांच एमवीए के एक ट्रांसफार्मर की जगह 10 एमवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर स्थापित किया गया। इस तरह तीन-तीन एमवीए के दो और पांच एमवीए क्षमता का एक पावर ट्रांसफार्मर भटहट उपकेंद्र में रख दिया गया। पिछले दिनों पता चला कि तीन एमवीए के एक ट्रांसफार्मर को बेच दिया गया है। बाजार में इसकी कीमत तकरीबन 40 लाख रुपये है।
एफआइआर में देर पर उठ रहे सवाल
ट्रांसफार्मर बेचने की पुष्टि के बाद अभियंताओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने में देर पर सवाल उठने लगे हैं। लोगों का कहना है कि सभी को पता चल चुका है कि ट्रांसफार्मर को बेचा गया। जिन लोगों ने इसे बेचने की साजिश की या बेच के रुपये लिए, उनके बारे में सभी को पता भी है। दो अभियंताओं को पहले ही निलंबित किया जा चुका है लेकिन जानबूझकर मामले को टाला जा रहा है। इससे एफआइआर कराने में देर की जा रही है।

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