UP में शिकार बन चोरों को ललचाकर दबोचेंगी 'शेरनी', सुरक्षा का भरोसा भी दिलाएगी टीम
गोरखपुर पुलिस ने ऑटो और ई-रिक्शा में महिलाओं के साथ हो रही चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए एक विशेष रणनीति बनाई है। इसके तहत महिला पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में यात्री बनकर ऑटो में सफर करेंगी और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगी। यह टीम चोर गिरोह को पकड़ने और महिला यात्रियों में सुरक्षा का भरोसा बढ़ाने का काम करेगी।
जितेन्द्र पाण्डेय, जागरण, गोरखपुर। आटो व ई-रिक्शा में सफर करने वाली महिलाओं के लिए अब राहत की खबर है। गहनों और कीमती सामान की चोरी की वारदातों से परेशान महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस ने नई रणनीति अपनाई है।
अब चोरों को उन्हीं की चाल में फंसाने के लिए महिला पुलिसकर्मी ''''शिकार'''' बनकर मैदान में उतरेंगी। यह योजना ना सिर्फ चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाएगी, बल्कि महिला यात्रियों में सुरक्षा का भरोसा भी मजबूत करेगी।
इसके तहत थानों में तैनात प्रशिक्षित महिला पुलिसकर्मियों की विशेष टीम का गठन किया गया है। ये महिला पुलिसकर्मी आम यात्रियों की तरह सादे कपड़ों में आटो व ई-रिक्शा में सफर करेंगी और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगी।
जैसे ही महिलाओं का गिरोह चोरी की कोशिश करता है, टीम तुरंत एक्शन में आएगी और रंगे हाथों उन्हें पकड़ेगी। कैंट क्षेत्र में इस तरह के अभियान को देखत। इसे सभी थाना क्षेत्रों में अमल लाने की कवायद शुरू हो गई है। बीते कुछ महीने से जिले में महिलाओं का ऐसा गिरोह सक्रिय हो गया है, जो मासूम चेहरे और मातृत्व की आड़ में वारदातों को अंजाम दे रहा है।
गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के साथ चलने वाली इन महिलाओं की टोली अब तक दर्जनों यात्रियों को अपना शिकार बना चुकी है। खास बात यह है कि ये महिलाएं आटो और ई-रिक्शा चालकों की मिलीभगत से वारदात को अंजाम दे रही हैं।
तीन से चार की संख्या में चलने वाला यह गिरोह सबसे अधिक अधेड़ और बुजुर्ग महिलाओं को निशाना बना रहा है। अकेली सवारी को बैठाने के बाद आटो चालक बीच रास्ते में गिरोह की महिलाओं को बिठा लेते हैं। इसके बाद चोरी की वारदात को अंजाम दिया जाता है। घटना होते ही महिलाएं अगले मोड़ पर उतर जाती हैं। घर पहुंचने के बाद यात्रियों को पता चलता है कि उनके गहने चोरी हो गए है।
इस तरह देते हैं वारदात को अंजाम
गिरोह की महिलाएं आटो में बैठते ही आपस में धक्का-मुक्की या बातचीत के बहाने यात्रियों को घेर लेती है। इनके गिरोह में कुछ बच्चे शामिल होते है तो गर्भवती। इसके बाद पर्स, मोबाइल, गहने जैसे कीमती सामान चुपचाप निकाल लेती हैं।
गिरोह का व्यवहार इतना सामान्य होता है कि पीड़ित को पहले समझ ही नहीं आता कि कब उनका चेन या बैग गायब हो गया। इस गिरोह का कोई स्थायी ठीकाना नहीं है। इससे पुलिस को भी घटना का पर्दाफाश करने में मशक्कत करनी पड़ती है।
पुलिस ने चिन्हित किया है संदिग्ध स्थल
अब तक की हुई घटनाओं के अनुसार पुलिस को यह पता चला है कि महिलाओं का गिरोह उन्हीं आटो पर बैठते है, जो सीधा और लंबा चले। इससे उनके पास पर्याप्त मौका रहता है और घटना को अंजाम देकर वह किसी मोड़ पर उतरकर फरार हो जाती है।
यह भी पढ़ें- गोरखपुर में अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर, GDA ने पांच एकड़ की प्लाटिंग तोड़ी
पुलिस ऐसे मार्गो और स्टैंड को चिन्हित कर लिया है। जहां से महिला पुलिसकर्मी आटो में सवार होंगी। इसके अलावा गिरोह का साथ देने वाले आटो चालकों पर भी नजर रखा जाएगा। थोड़ा भी संदेह होने पर अगले चौक या चौराहे पर स्थित पुलिस चौकी और पुलिसकर्मियों को सूचना देकर आटो चालक को पकड़ लिया जाएगा।
एक महीने के अंदर इन थाना क्षेत्र में हुई घटनाएं
- कैंट थाना क्षेत्र में - छह
- कोतवाली क्षेत्र में - दो
- खोराबार क्षेत्र में - एक
- शाहपुर क्षेत्र में - दो
- गीडा क्षेत्र में - दो
- सहजनवां क्षेत्र में - दो
यात्रियों के गहने और सामान चोरी करने वाले गिरोह को पकड़ने के लिए महिला पुलिसकर्मियों की टीम बनाई गई है। ये टीम चिन्हित स्थलों से आटो में सवार होकर शहर में घूमेंगी। संदेह होने पर चालक या गिरोह को पकड़ने का काम करेंगी। कैंट क्षेत्र में इसकी शुरूआत हो गई है।
अभिनव त्यागी, एसपी सिटी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।