Gorakhpur News: राप्ती में मासूमों का शव प्रवाहित कर फूट-फूटकर रोए परिजन, गांव में नहीं जला चूल्हा
गोरखपुर के सिकरीगंज में दुर्गा पूजा के लिए मिट्टी लेने गए तीन बच्चों में से दो की गड्ढे में डूबने से मौत हो गई। मृतकों में दीया तिवारी और अनुष्का गौड़ शामिल हैं जबकि आर्यन तिवारी का अस्पताल में इलाज चल रहा है। प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की है। वहीं बड़हलगंज में नदी में बहे अभिनंदन गिरी की तलाश जारी है।

संवाद सूत्र,महादेवा बाजार। सिकरीगंज के पिड़री गांव में सोमवार का दिन गांववासियों के लिए कभी न भूलने वाला बन गया। दुर्गा पूजा की तैयारी के लिए मिट्टी लेने गए तीन मासूम बच्चे पानी से भरे खनन के गड्ढे में फिसलकर गिर गए जिसमें दो की मौत हो गई।
मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद जब परिजनों ने दो बच्चियों के शवों को स्वजन ने राप्ती नदी में प्रवाहित किया, तो हर किसी की आंखें नम हो गईं।
गड्डे में डूबने से छह वर्षीय दीया तिवारी व आठ वर्षीय अनुष्का गौड़ की मौत हो गई थी। तीसरा बच्चा आठ वर्षीय आर्यन तिवारी का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है।
उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।परिवर के लोगों ने बताया कि सोमवार को स्कूल की छुट्टी थी। दोपहर में आर्यन, दीया और अनुष्का गांव के किनारे स्थापित होने वाले दुर्गा पूजा के पंडाल के लिए मिट्टी लेने गए।
पैर फिसलने से दीया गड्ढे में जा गिरी। उसे बचाने के लिए आर्यन और अनुष्का भी पानी में उतर गए।पानी ज्यादा होने की वजह से तीनों डूब गए।ग्रामीणों ने तीनों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने दीया और अनुष्का को मृत घोषित कर दिया।
हादसे के बाद सोमवार की देर रात खजनी तहसीलदार और सीओ गांव पहुंचे। उन्होंने परिवारों से मिलकर ढांढ़स बंधाया और तत्काल 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी। साथ ही आश्वासन दिया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। कोटेदार को निर्देश दिया गया कि पीड़ित परिवार को एक माह का राशन तुरंत उपलब्ध कराए।
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दूसरे दिन भी नहीं मिला अभिनंदन का सुराग
संवाद सूत्र,झुमिला बाजार: बड़हलगंज के दलुआ घाट से सोमवार को नदी में बहे सात वर्षीय अभिनंदन गिरी का दूसरे दिन भी कोई पता नहीं लग सका। एसडीआरएफ की टीम ने मंगलवार को पूरे दिन तलाश की लेकिन सफलता नहीं मिली।अभिनंदन खेलते हुए नदी के किनारे पहुंचा और धारा में बह गया था।परिवार और ग्रामीण नदी किनारे तलाश में जुटे हैं।मां का रो-रोकर बुरा हाल है।
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