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    AI कैमरे से लैस होंगे गोरखपुर शहर के चौराहे, तीन महीने सुरक्षित रहेगा डाटा

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 08:17 AM (IST)

    गोरखपुर को सुरक्षित बनाने के लिए नगर निगम आइटीएमएस फेज-2 के तहत चौराहों पर डोम और सर्विलांस कैमरे लगाएगा। इन कैमरों में तीन महीने का बैकअप होगा। पहले से लगे कैमरों में केवल 24 घंटे का बैकअप था। नए कैमरे एआइ तकनीक से लैस होंगे और एचडी वीडियो रिकॉर्ड कर सकेंगे। जल्द ही प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर को सुरक्षित बनाने की दृष्टिकोण से नगर निगम एक और कदम उठाने जा रहा है। इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) फेज- 2 के तहत शहर के विभिन्न चौराहों पर ऐसे कैमरे लगाने जा रहा है जिनसे न सिर्फ चौराहे के पास की हर गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी बल्कि, करीब तीन महीने तक इनका बैकअप होगा। के बैकअप क्षमता के ये कैमरे शहर की सुरक्षा के लिए बहुत कारगर साबित होंगे।

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    नगर निगम ने स्मार्ट सिटी आइटीएमएस फेज-2 के तहत यह कार्य योजना तैयार की है। इसके तहत चौराहों पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस डोम और सर्विलांस कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों से लोगों की गतिविधियाें पर भी बारीकी से नजर रखी जा सकेगी, जो अब तक उपलब्ध नहीं है।

    दरअसल, नगर निगम ने करीब पां साल पहले स्मार्ट सिटी फेज 1 के तहत शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए शहर के चौराहों को इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) से लैस किया था। इसके अंतर्गत चौराहों पर दो तरह के कैमरे लगाए गए हैं- एएनपीआर और आरएलवीडी।

    एएनपीआर यानी आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडिंग कैमरा हेलमेट नहीं पहनने वालों या फिर यातायात के किसी भी नियम का उल्लंघन करने वाले वाहनों के नंबर प्लेट का फोटो कैप्चर करता है, जो चालान काटने के काम आता है। और दूसरा आरएलवीडी यानी रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन कैमरा, जिससे ट्रैफिक लाइट जंप करने या ट्रैफिक लाइट संबंधित किसी नियम के उल्लंघन को अपने कमरे में कैच करता है।

    इसके बाद यातायात विभाग नियमानुसार कार्रवाई करता है। लेकिन इन दोनों कैमरों का बैकअप ज्यादा नहीं है। मात्र 24 घंटे बैकअप क्षमता वाले इस सिस्टम के कैमरे केवल चालान काटने के दृष्टिकोण से काम आता है और इनका और मामलों में उपयोग नहीं हो पता है। जबकि सुरक्षित शहर के लिए चौराहों पर लगे कैमरों का बैकअप होना बहुत ज्यादा जरूरी है।

    इसी वजह से नगर निगम ने स्मार्ट सिटी आइटीएमएस फेज 2 प्रोजेक्ट तैयार किया है। जल्द ही इसे शासन को भेज दिया जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद शहर के सभी चौराहे इस तकनीक से लैस हो जाएंगे और शहर सुरक्षित शहर में तब्दील हो जाएगा।

    यह भी पढ़ें- गोरखपुर विश्वविद्यालय में आज से शुरू होगी दूसरे चरण की स्पॉट काउंसिलिंग, बची सीटों पर होगा प्रवेश

    स्मार्ट सिटी आइटीएमएस फेज 2 के तहत सभी चौराहों पर एआइ तकनीक से लैस डोम और सर्विलांस कैमरे लगाए जाएंगे। इनका करीब 3 महीने का बैकअप होगा। जल्द ही इसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया जाएगा।

    -अमित कुमार शर्मा, मुख्य अभियंता, नगर निगम

    सर्विलांस कैमरे में होती है एचडी वीडियो रिकार्ड की सुविधा

    अमित शर्मा ने बताया कि सर्विलांस कैमरा किसी खास जगह पर नज़र रखने, वीडियो रिकार्ड करने और चोरी रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कैमरा है। नाइट विजन के अलावा एचडी वीडियो रिकार्ड की सुविधा भी होती है। संदेह होने पर सीधे फोन पर अलर्ट भेज सकते हैं।

    वहीं, डोम सीसीटीवी कैमरा एक प्लास्टिक का गुंबद होता है जो कैमरे के लेंस पर लगा होता है, जो अक्सर एक वाइड-एंगल लेंस होता है। इससे काफी ज्यादा एरिया का दृश्य मिलता है।