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    गोरखपुर मंडल में तस्करों के लिए बने 17 सेफ कॉरिडोर चिह्नित, पुलिस की कार्रवाई ठंडी पड़ी तो बेखौफ हुआ गिरोह

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 11:26 AM (IST)

    गोरखपुर में पशु तस्करों का नेटवर्क सक्रिय है। 2016 में चिह्नित 17 रास्तों को तस्करों ने सुरक्षित गलियारे बना लिए हैं। पुलिस की कार्रवाई ठंडी पड़ने से तस्कर बेखौफ हैं और पुराने रास्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पुलिस अब फिर से इन रास्तों पर बैरियर लगाने और सघन चेकिंग करने की तैयारी कर रही है।

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    33 थाने बेअसर,तस्करों ने पुराने रास्तों को ही बना रखा है अड्डा

    सतीश पांडेय,जागरण गोरखपुर। पशु तस्करों का नेटवर्क पुलिस की आंखों में धूल झोंककर पुराने रास्तों से गुजर रहा है, जिन्हें आठ वर्ष पहले ही चिह्नित किया गया था। 2016 में तत्कालीन डीआइजी रेंज ने गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर और महराजगंज के कुल 33 थानाक्षेत्रों में 17 प्रमुख मार्गों की सूची तैयार कराईथी।

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    दावा था कि हर रास्ते पर बैरियर लगेगा और रात में सघन चेकिंग होगी। लेकिन, कुछ ही महीनों में अभियान ठंडा पड़ गया और आज हालत यह है कि वही रास्ते तस्करों के लिए सुरक्षित गलियारे बन गए हैं।

    पुलिस सूत्र मानते हैं कि नेटवर्क की पकड़ इतनी मजबूत हो चुकी है कि बिना इंटेलिजेंस और एसटीएफ के सहयोग के इसे तोड़ा नहीं जा सकता। फर्जी नंबर प्लेट, चेसिस और इंजन बदलकर गाड़ियां तैयार करने और रात में सीमित गश्त का फायदा उठाकर तस्कर खुलेआम वारदातें कर रहे हैं। ग्रामीण भी मानते हैं कि कई बार शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई आधी-अधूरी होती है।

    वर्ष 2020 से अब तक तस्करों ने जिले में पुलिस के साथ ही पब्लिक पर 15 से ज्यादा बार हमला किया है।अब रेंज स्तर पर एसएसपी/एसपी को पत्र भेजकर चिह्नित रास्तों पर बैरियर लगाने व रात में सघन चेकिंग कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

    थानाक्षेत्र (जिला वार) :

    • गोरखपुर: गोला, बड़हलगंज, गगहा, खजनी, बेलीपार, सहजनवां, चिलुआताल।
    • देवरिया: बरहज, मईल, लार, कोतवाली, गौरी बाजार, तरकुलवा, बघौचघाट, सलेमपुर, खुखुंदू, भाटपार रानी, बनकटा।
    • कुशीनगर: कोतवाली पड़रौना, खड्डा, तरया सुजान, पाथेरवा, विशुनपुरा, हाटा, बरवापट्टी/बहादुर, समुई चौकी।
    • महराजगंज: कोल्हुई, बृजमनगंज, घुघली, श्यामदेउरवां, कोठीभार, फरेंदा।

    पहचाने गए मुख्य रूट :

    • सहजनवां - बड़हलगंज मार्ग
    • सहजनवां - कुशीनगर फोरलेन
    • बड़हलगंज - पटना मार्ग
    • कपरवार घाट - बरहज बाजार मार्ग
    • मईल, लार होते हुए मेहरौना घाट मार्ग
    • देवरिया कोतवाली सदर से करौंदी मार्ग
    • बघौचघाट से पकहाघाट मार्ग
    • बनकटा से रामपुर बुजुर्ग मार्ग
    • कुशीनगर के मुख्य नेशनल हाईवे
    • खड्डा - मंशा छापर मार्ग इत्यादि

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    2016 के बाद क्या हुआ,अभियान क्यों रुक गया?

    वर्ष 2016 में जिन रूट्स की पहचान कर बैरियर व चेकिंग अभियान चलाया गया था, वह कुछ ही समय तक प्रभावशाली रहा। बाद में अभियान थम गया।अब वही पुरानी कमजोरियां बार-बार सामने आ रही हैं। रेंज कमान ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इस बार न केवल नाकेबंदी की जाएगी, बल्कि पिछले 10 वर्ष के रिकार्ड का सत्यापन किया जाएगा।

    पशु तस्कर किस रास्ते आते व जाते हैं उसकी सूची बन रही है।रूट मैपिंग के बाद संदिग्ध वाहन व व्यक्तियों की निरंतर निगरानी के साथ ही कार्रवई होगी। चिह्नित रास्तों पर जो पुलिसकर्मी लंबे समय से तैनात हैं, उनकी भूमिका की भी जांच हो रही है।पुरानी सूची की भी समीक्षा कर चिह्नित रास्तों पर चौकसी बढ़ाई जाएगी।- डॉ. एस चनप्पा,डीआइजी रेंज