यूपी के इस जिले में बिजली विभाग के सात इंजीनियर सस्पेंड, लापरवाही की पुष्टि के बाद हुई बड़ी कार्रवाई
गोरखपुर में बिजली विभाग ने काम में लापरवाही बरतने वाले सात अभियंताओं को निलंबित कर दिया है। इनमें तीन अधिशासी अभियंता तीन एसडीओ और एक जेई शामिल हैं। मेडिकल कॉलेज उपकेंद्र से जुड़े मोगलहा में अवैध तरीके से शटडाउन देकर छत का लेंटर लगाया गया था जिससे एक युवती की मृत्यु हो गई थी।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। काम में लापरवाही बरतने वाले बिजली निगम के सात अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया है। इनमें तीन अधिशासी अभियंता (एक्सईएन), तीन एसडीओ (दो सहायक अभियंता मीटर), एक जेई शामिल हैं। निलंबन की जद में एक तकनीशियन ग्रेड टू भी आए हैं। सभी एक्सईएन को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के वाराणसी मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। दो एसडीओ को आजमगढ़ के मुख्य अभियंता कार्यालय से संबद्ध किया गया है। जेई व तकनीशियन ग्रेड टू को मीरजापुर के मुख्य अभियंता के कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
मेडिकल कॉलेज उपकेंद्र से जुड़े मोगलहा में अवैध तरीके से शटडाउन देकर छत का लेंटर लगाया गया था। तार पर प्लास्टिक का पाइप भी चढ़ाया गया था। 14 सितंबर को मकांन मालकिन की 18 वर्षीय बेटी छत से गुजर रहे 11 हजार वोल्ट की लाइन के संपर्क में आ गई। उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई थी।
दैनिक जागरण ने मामले में बिजलीकर्मियों की करतूत उजागर की तो जांच हुई। इसके बाद राप्तीनगर के एसडीओ भानु प्रताप, मेडिकल कालेज उपकेंद्र के जेई दुर्गा प्रसाद और तकनीशियन ग्रेड टू जयंत कुमार गौतम को निलंबित कर दिया गया है। छह निविदाकर्मी पहले ही बर्खास्त किए जा चुके हैं।दूसरा मामला क्वॉलिटी कंट्रोल थ्री से रोके गए तकरीबन चार हजार स्मार्ट मीटर का पूरा ब्योरा सिस्टम में दर्ज करने का है।
इस मामले में एक्सईएन मीटर व सहायक अभियंता मीटर द्वारा अपनी आइडी व पासवर्ड को सुरक्षित न रख पाने की पुष्टि हुई। इसके बाद परीक्षण खंड के एक्सईएन शिवेंद्र सिंह, परवेज आलम व अविनाश अग्रहिर और सहायक अभियंता मीटर योगेंद्र कुमार यादव व अक्षय लाल को निलंबित किया गया है।
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