Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साइबर ठगी के शिकार युवक को नहीं मिले पूरे रुपये, बैंक प्रबंधक पर आरोप

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 08:50 AM (IST)

    गोरखपुर में साइबर ठगी के शिकार युवक को राहत राशि न लौटाने और धमकी देने के आरोप में आरबीएल बैंक के शाखा प्रबंधक समेत कर्मचारियों पर केस दर्ज हुआ है। पीड़ित संदीप कुमार का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद बैंक ने 12.78 लाख रुपये नहीं लौटाए और पूछताछ करने पर जान से मारने की धमकी दी।

    Hero Image
    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। साइबर ठगी के शिकार युवक की राहत राशि हड़पने और धमकी देने के आरोप में आरबीएल बैंक के शाखा प्रबंधक समेत कर्मचारियों पर केस दर्ज किया गया है। पीड़ित संदीप कुमार ने आरोप लगाया है कि न्यायालय के स्पष्ट आदेश के बावजूद बैंक ने 12.78 लाख रुपये नहीं लौटाए। पूछताछ करने पर शाखा प्रबंधक ने जान से मारने की धमकी दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झंगहा थाना क्षेत्र के अमहिया निवासी संदीप कुमार वर्ष 2024 में साइबर ठगी का शिकार हुए थे। मामले की शिकायत साइबर थाना गोरखपुर में दर्ज हुई, जिसके बाद जांच में पुलिस ने आरबीएल बैंक के खातों में जमा 27.49 लाख रुपये सीज कराए। बाद में संदीप ने न्यायालय में धनराशि रिलीज के लिए प्रार्थना पत्र दिया।

    अप्रैल 2024 में सीजेएम कोर्ट ने संदीप के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पूरी राशि लौटाने का आदेश दिया। संदीप का आरोप है कि बैंक ने केवल 14.70 लाख रुपये ही लौटाए, जबकि शेष 12.78 लाख रुपये रोक लिए गए। जब उन्होंने जानकारी चाही तो शाखा प्रबंधक कमलेश चौरसिया और अन्य कर्मचारियों ने गुमराह किया। पीड़ित का यह भी आरोप है कि बैंक के वरिष्ठ अधिकारी योगेश नरसुले ने फोन पर मुकदमा वापस लेने की धमकी दी।

    यह भी पढ़ें- दिल्ली के शोरूम से नई THAR चोरी कर बेचने आया था शातिर चोर, STF ने पहुंचाया जेल

    22 जुलाई 2025 को दीवानी कचहरी में शाखा प्रबंधक ने धमकाते हुए कहा, 'रुपये नहीं मिलेंगे, ज्यादा पैरवी करोगे तो हत्या कर दूंगा।' आठ अगस्त को संदीप ने एसएसपी को लिखित शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    संदीप का कहना है कि वह कर्जदार बन चुका है और इस रकम की उसे जरूरत है। बैंक अधिकारियों की धमकियों से वह भयभीत है। दोबारा से न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर अधिकारियों पर कार्रवाई कराने और शेष रकम वापस दिलाने की मांग की गई है।