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    अब वेंडरों की होगी एक पहचान, पहनेंगे QR कोड वाले आईकार्ड

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 08:32 AM (IST)

    गोरखपुर में रेलवे वेंडरों को अब क्यूआर कोड आधारित पहचान पत्र मिलेंगे। स्कैन करने पर वेंडर का नाम आधार फिटनेस प्रमाण पत्र जैसी जानकारी मिलेगी। इससे खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी और अवैध वेंडिंग पर रोक लगेगी। रेलवे बोर्ड के निर्देश पर लखनऊ मंडल प्रशासन ने गोरखपुर समेत कई स्टेशनों के लिए आईकार्ड जारी कर दिए हैं जिससे स्टेशनों और ट्रेनों में अवैध वेंडिंग पर नियंत्रण किया जा सकेगा।

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    गोरखपुर समेत लखनऊ मंडल में वेंडरों के लिए तैयार हुए 443 पहचान पत्र

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। रेलवे के वेंडरों की एक अलग पहचान होगी। अब वे क्यूआर कोड वाले पहचान पत्र (आइकार्ड) पहनेंगे। क्यूआर कोड को स्कैन करते ही वेंडर का नाम, आधार संख्या, चिकित्सकीय फिटनेस प्रमाणपत्र, पुलिस सत्यापन तिथि एवं वैधता, तैनाती इकाई तथा लाइसेंसधारक का नाम सामने आ जाएगा। इस व्यवस्था के लागू होने से स्टेशन और ट्रेन में बिकने वाली सभी खाद्य सामग्री के गुणवत्ता की जिम्मेदारी सीधे तौर पर तय हो सकेगी। अवैध वेंडिंग पर रोक लगेगी।

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    रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर लखनऊ मंडल प्रशासन ने गोरखपुर के 79 समेत आनंदनगर, गोंडा, लखनऊ जंक्शन और ऐशबाग कुल 28 स्टेशनों के लिए 443 स्टेंडर्डाइज्ड आईकार्ड (मानकीकृत पहचान पत्र) जारी कर दिया है। वेंडरों में जल्द ही पहचान पत्र का वितरण सुनिश्चित कर दिया जाएगा। इसके साथ पहचान पत्र अनिवार्य भी हो जाएगा।

    दरअसल, रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में खानपान की गुणवत्ता पर निगरानी बढ़ाने तथा अवैध वेंडिंग पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे बोर्ड ने वेंडरों व दुकानदारों की पहचान प्रमाणिक करने का दिशा-निर्देश जारी किया है।

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    आने वाले दिनों में सभी स्टेशनों और ट्रेंनों में कार्यरत रेलवे व आइआरसीटीसी के अधिकृत विक्रेताओं, वेंडरों, सहायकों, लाइसेंसधारकों व उनके कर्मचारियों के लिए प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएंगे। बनारस में यह व्यवस्था पिछले माह से लागू है।

    इस नई व्यवस्था से गोरखपुर समेत अन्य रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में अवैध वेंडिंग पर रोक लगेगी। रेलवे स्टेशनों पर व ट्रेनों में यात्री ही नहीं रेलवे व आइआरसीटीसी के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी अधिकृत वेंडरों की पहचान नहीं हो पाती है। रेलवे और आइआरसीटीसी के अधिकृत वेंडरों की आड़ में अवैध वेंडर भी धड़ल्ले से खानपान की सामग्री बेचते रहते हैं।