गोरखपुर में बिजलीकर्मियों ने बेच दिया 40 लाख रुपये का ट्रांसफार्मर, जांच के आदेश
गोरखपुर के भटहट उपकेंद्र से 40 लाख रुपये का पावर ट्रांसफार्मर बेचने का मामला सामने आया है। तीन एमवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर दो बार में बेचा गया जिसमें तांबे के तार और बॉडी शामिल हैं। चेयरमैन ने जांच के आदेश दिए हैं जिससे निगम में हड़कंप मचा है। ट्रांसफार्मर को इसलिए बेचा गया क्योंकि यह लंबे समय से बिना लिखा-पढ़ी के उपकेंद्र में रखा था।

दुर्गेश त्रिपाठी, गोरखपुर। बिजली निगम में 40 लाख रुपये का पावर ट्रांसफार्मर बेचने का मामला सामने आ रहा है। भटहट उपकेंद्र में रखा तीन एमवीए क्षमता का पावर ट्रांसफार्मर दो बार में बेचा गया है। ट्रांसफार्मर का कापर वायर गोरखनाथ क्षेत्र में बेचा गया है तो 25 अगस्त को ट्रांसफार्मर की पूरी बाडी बेच दी गई है।
मामले की जानकारी चेयरमैन डा. आशीष गोयल को हुई तो उन्होंने जांच के निर्देश दिए हैं। ट्रांसफार्मर बेचने की बात सामने आने के बाद निगम में अफरातफरी मची है। भटहट में 10 वर्ष में तैनात जेई, एसडीओ और विद्युत वितरण खंड प्रथम में तैनात अधिशासी अभियंताओं के बारे में भी जानकारी की जा रही है।
भटहट उपकेंद्र में वर्ष 2024 में तीन-तीन एमवीए क्षमता के दो पावर ट्रांसफार्मर लगे थे। उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने के कारण तब दोनों ट्रांसफार्मरों पर लोड बढ़ गया। इसे देखते हुए ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया गया था।
नवंबर 2014 में तीन-तीन एमवीए के दोनों ट्रांसफार्मरों की जगह पांच-पांच एमवीए के दो ट्रांसफार्मर लगाए गए। उस समय दोनों तीन-तीन एमवीए के ट्रांसफार्मर अच्छी स्थिति में थे। इन्हे उपकेंद्र में रख दिया गया। कुछ वर्ष बाद पांच एमवीए के एक ट्रांसफार्मर की जगह 10 एमवीए क्षमता का ट्रांसफार्मर स्थापित किया गया।
इस तरह तीन-तीन एमवीए के दो और पांच एमवीए क्षमता का एक पावर ट्रांसफार्मर भटहट उपकेंद्र में रख दिया गया। पिछले दिनों पता चला कि तीन एमवीए के एक ट्रांसफार्मर को बेच दिया गया है। बाजार में इसकी कीमत 35 लाख रुपये से ज्यादा है।
दो बार में बेचा गया ट्रांसफार्मर का पार्ट
तीन एमवीए क्षमता का पावर ट्रांसफार्मर काफी बड़ा होता है। इसमें 17 सौ लीटर से ज्यादा तेल डाला जाता है। इसका वजन छह हजार किलोग्राम से ज्यादा होता है। भटहट में ट्रांसफार्मर को दो बार में बेचा गया। पहली बार उसे खोलकर अंदर लगे कापर के तार को निकाला गया। इसे वाहन में रखकर गोरखनाथ क्षेत्र में बेचा गया। इसके बाद ट्रांसफार्मर की पूरी बाडी बेची गई।
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जब नहीं हुई लिखा-पढ़ी तो बेचा
सूत्रों का कहना है कि लंबे समय से भटहट उपकेंद्र में पावर ट्रांसफार्मर रखा गया था। इसके बारे में लिखा-पढ़ी भी नहीं हो रही थी। अमूमन एक उपकेंद्र से निकाले गए पावर ट्रांसफार्मर जरूरत को देखते हुए दूसरे उपकेंद्र पर भेज दिए जाते हैं लेकिन तीन एमवीए क्षमता के पावर ट्रांसफार्मर अब न लगने के कारण इसे भटहट उपकेंद्र पर ही छोड़ दिया गया था। बिजलीकर्मियों ने इसी का फायदा उठाया। मौका देखकर ट्रांसफार्मर बेचना शुरू कर दिया।
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