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    UP News: तस्करों पर शिकंजा कसने को बिहार पुलिस से होगी बात, इंटरस्टेट बैठक में बनेगी रणनीति

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 07:36 AM (IST)

    गोरखपुर पुलिस पशु तस्करी पर नकेल कसने के लिए बिहार पुलिस के साथ मिलकर रणनीति बनाएगी। पश्चिमी चंपारण गोपालगंज और सिवान से संचालित गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पुलिस पिछले 10 वर्षों के मामलों की जांच कर रही है ताकि पूरे नेटवर्क को खत्म किया जा सके और तस्करों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकें।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। पशु तस्करी के मामले में पुलिस अब बड़े स्तर पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है। रेंज स्तर पर बिहार पुलिस से बैठक कर संयुक्त रणनीति बनाई जाएगी। इसके लिए पिछले 10 वर्षों में दर्ज मामलों का रिकार्ड खंगाल कर उन गैंगों की सूची तैयार की जा रही है जिनके नाम बार-बार सामने आते रहे हैं। एडीजी मुथा अशोक जैन ने कहा कि पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म करना ही इस योजना का मकसद है।

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    पशु तस्करी करने वाले गिरोह की जड़े बिहार में है।पश्चिमी चंपारण,गोपालंज व सिवान में बैठे सरगना अपने मजबूत नेटवर्क के जरिए इसका संचालन कर रहे हैं।पुलिस की जांच में कई बड़े नाम सामने आए हैं, जिनका नेटवर्क गोरखपुर और आसपास के जिलों में फैला है।

    कुशीनगर जिले का रहने वाला जवाहिर यादव इसका बड़ा उदाहरण है, जो पश्चिमी चंपारण जिले के धनहा थाना क्षेत्र के तमकुहा से गिरोह को संचालित करता है। उसका नेटवर्क कुशीनगर के साथ गोरखपुर के पिपराइच, गुलरिहा और शाहपुर इलाके में सक्रिय है।

    करीब दो माह पहले शाहपुर पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान उसके गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया था।इसी इलाके का रहने वाला साहब अंसारी भी सक्रिय नेटवर्क चलाता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार उसका भी गिरोह तमकुहा से ही अपना संचालन करता है और सीमावर्ती इलाकों में इसकी गहरी पैठ है। गोपालगंज जिले से भी कई नाम उभरे हैं।

    नरहवा और गोपालपुर के मिंटू खान, भुट्टू समेत करीब 10 गैंग गोरखपुर और आसपास के जिलों में सक्रिय हैं। इन गिरोहों के पास सौ से अधिक पिकअप वाहन हैं, जिनकी मदद से पशुओं को अवैध रूप से उठाकर ले जाया जाता है।

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    पकड़े गए तस्करों ने खुलासा किया था कि चोरी या अवैध रूप से उठाए गए पशुओं को सिवान जिले के बढ़हरिया में रखा जाता है और वहीं से आगे की डील तय होती है।पुलिस का कहना है कि ऐसे गिरोह सीमापार से नेटवर्क चलाते हैं और जब तक गोरखपुर व बिहार पुलिस का संयुक्त अभियान नहीं होगा, तब तक इन पर पूरी तरह लगाम लगाना मुश्किल है।

    एडीजी मुथा अशोक जैन ने बताया कि बैठक में साझा खुफिया सूचना, छापेमारी की संयुक्त योजना और वाहनों की ट्रैकिंग को लेकर ठोस रणनीति बनेगी। उन्होंने कहा कि गिरोहों के लाजिस्टिक सपोर्ट, पिकअप और स्टोरेज प्वाइंट पर भी कार्रवाई होगी, ताकि पूरे नेटवर्क की कमर तोड़ी जा सके।