DDU News: शोध छात्रों को नहीं मिली परीक्षा की जानकारी, दिया धरना
गोरखपुर में प्री-पीएचडी परीक्षा में लापरवाही के कारण छात्रों ने कुलपति कार्यालय पर प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप है कि उन्हें परीक्षा की जानकारी नहीं दी गई। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने छात्रों को पुन परीक्षा का आश्वासन दिया। छात्रों ने सभी को परीक्षा में शामिल होने का अवसर देने की मांग की। विश्वविद्यालय की लापरवाही के कारण अफरा-तफरी मची रही।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। प्री-पीएचडी की रिसर्च एथिक्स और प्लेगेरिज्म विषय की परीक्षा के आयोजन में लापरवाही बरतने को लेकर शोध छात्रोंं का गुस्सा शनिवार को फूट पड़ा। छात्रों का आरोप था कि उन्हें परीक्षा की जानकारी नहीं दी गई और यह भी नहीं बताया गया कि किन-किन छात्रों को यह परीक्षा देनी है। इसे लेकर छात्राें ने कुलपति कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। परीक्षा न दे पाने वाले शोधार्थियों को फिर से परीक्षा देने का अवसर मिलने का आश्वासन जब कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने मिला, तब जाकर छात्र माने।
छात्रों के मुताबिक राजनीति शास्त्र विभाग में जब शोध छात्र परीक्षा के लिए पहुंचे तो उन्हें जानकारी मिली कि सिर्फ तीन छात्रों की परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र एवं उत्तर पुस्तिका शोध अनुभाग की ओर से भेजी गई है।
इसे लेकर विभाग की ओर से जब छात्रों को कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई तो छात्र कुलपति कार्यालय पहुंच गए। सुरक्षा गार्ड ने जब उन्हेंं कुलपति तक जाने से रोका तो वह धरने पर बैठ गए। करीब एक एक घंटे के बाद शोध के निदेशक ने बताया कि जिन छात्रों ने स्वयं पोर्टल पर पंजीकृत कर असाइनमेंट जमा किया है, उनकी ही परीक्षा कराई जाएगी।
अन्य छात्रों को असाइनमेंट जमा करने के बाद ही परीक्षाएं छह महीने बाद परीक्षा कराई जाएंगी। इसपर छात्र भड़क गए। छात्रों का कहना था कि अधिकांश विभागाध्यक्षों को भी इस बात की जानकारी नहीं है। ऐसे में छात्रों को परीक्षा से वंचित करना गलत निर्णय है।
छात्रों ने मांग की कि सत्र 2023-24 के सभी छात्रों को परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जाए। प्रदर्शन करने वालों में शोध छात्र सौरभ कुमार, दुर्गेश कुमार, अंकुर कुमार, अभिमन्यु कनौजिया, आकाश मोहन, मुन्ना भारती, विनीत, पृथ्वी पाल, सुरेंद्र, रोहित, सुनील, विपिन, रहमान आदि शामिल रहे।
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परीक्षा के दिन मांगा जा रहा था छात्रों का डिटेल
विश्वविद्यालय की लापरवाही का प्रमाण यह रहा कि प्री-प्रीएचडी करने वाले सत्र 2023-24 के छात्रों की पहली परीक्षा छह माह पहले निरस्त हो चुकी थी। इस बार परीक्षा की जानकारी सभी छात्रों को दी ही नहीं गई। कुछ विभाग जो सक्रिय थे, वह तो किसी तरह पहुंच गए, लेकिन अन्य छात्र धीरे-धीरे विश्वविद्यालय में पहुंचे। फिर तो अफरा-तफरी की स्थिति हो गई। डीन और विभागाध्यक्षों के बने एक वाट्सएप ग्रुप में परीक्षा के दिन छात्रों का आनन-फानन में डिटेल मांगा जाने लगा।
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