यूपी में रात-रात भर क्यों जाग रहे हैं गांववाले? पुलिस समझा रही फिर नहीं खत्म हो रहा है डर
गोरखपुर के ग्रामीण इलाकों में रहस्यमयी ड्रोन उड़ने से दहशत का माहौल है। ग्रामीण रात में जागकर पहरा दे रहे हैं। पुलिस को ड्रोन की सूचना मिली है लेकिन अभी तक ऑपरेटर का पता नहीं चला है। आशंका जताई जा रही है कि ड्रोन का इस्तेमाल अपराध करने के लिए किया जा रहा है। पुलिस जांच कर रही है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

जागरण संवाददाता, गाेरखपुर। ग्रामीण इलाकों में रात के अंधेरे में उड़ता रहस्यमयी ड्रोन अब पुलिस और प्रशासन के लिए नया सिरदर्द बन गया है। गांववालों का कहना है कि यह ड्रोन कभी खेतों के ऊपर मंडराता है तो कभी आबादी वाले हिस्से पर देर तक घूमता रहता है। कोई इसे पशु तस्करों की रेकी बता रहा है, तो कोई चोरों द्वारा वारदात से पहले निगरानी करने का अंदेशा जता रहा है।
ड्रोन की सूचना मिलने पर कई बार पुलिस मौके पर पहुंची।मगर अब तक न तो आपरेटर का पता चला है और न ही मकसद साफ हो पाया है। बड़हलगंज,गोला,पीपीगंज,खोराबार,चौरीचौरा और सहजनवा क्षेत्र के गांवों में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि लोग रातभर जागकर पहरा दे रहे हैं।
पिछले हफ्ते कई बार ड्रोन की सूचना पुलिस को मिली। मौके पर पहुंची टीम ने खुद ड्रोन देखा और चार-पांच किलोमीटर तक पीछा भी किया, लेकिन ऊंचाई और तेज रफ्तार की वजह से पकड़ नहीं पाई। कंट्रोल रूम में हर रोज ड्रोन उड़ने की शिकायत दर्ज हो रही है, मगर अब तक न तो आपरेटर का पता चला और न ही उड़ान का कारण साफ हो पाया है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर अपराधी कैमरे से गांव की गतिविधियां रिकार्ड कर रहे हैं तो यह सीधे-सीधे कानून-व्यवस्था पर हमला है।महिलाओं और बच्चों का कहना है कि अंधेरा होते ही घर से बाहर निकलने में डर लग रहा है।
एसएसपी राजकरन नय्यर ने थानों को अलर्ट करते हुए कहा है कि ड्रोन दिखने पर तुरंत टीम मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को भरोसे में ले। डीआइजी डा. एस. चनप्पा ने का कहना है कि गांवों के ऊपर उड़ने वाले ड्रोन की घटनाओं की हर स्तर से जांच की जा रही है।बिना अनुमति ड्रोन उड़ाना कानूनन अपराध है, इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अपराधियों की नई चाल?
स्थानीय लोगों का मानना है कि ड्रोन के जरिए पशु तस्करी के रूट चिन्हित किए जा रहे हैं या फिर चोरी और डकैती की वारदातों से पहले गांव की रेकी हो रही है। यह भी आशंका है कि अपराधी पुलिस की गश्त और गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ड्रोन की उड़ान क्षमता :
- छोटे ड्रोन: 20-30 मिनट तक उड़ने के साथ ही दो से तीन किमी तक दूरी तय कर सकते हैं।
- हाई-रेंज ड्रोन: 5 से 7 किमी तक, नाइट विजन कैमरे और जीपीएस से लैस होते हैं।
- कई ड्रोन बिना आवाज के भी उड़ सकते हैं, जिससे पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है।
बचाव कैसे करें?
- ड्रोन दिखते ही तुरंत 112 या नजदीकी थाने पर सूचना दें।
- घर और पशुशाला के पास सीसी कैमरे लगवाएं।
- रात में घरों और रास्तों पर रोशनी बढ़ाएं।
- अफवाह न फैलाएं, लेकिन संदिग्ध गतिविधियों को नजरअंदाज भी न करें।
जिले में दाे वर्ष पहले लागू हुई थी ड्रोन नियमावली
बिना अनुमति के शहर में ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध है।सुरक्षा के लिहाज से पुलिस अधिकारियों ने दो वर्ष पहले ही ड्रोन पॉलिसी 2023 को लागू किया था।सुरक्षा के लिहाज से शहर को तीन जोन (रेड,येलो व ग्रीन) में बांटा गया है।
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रेड जोन में गोरखपुर एयरफोर्स स्टेशन,एयरपोर्ट और आवासी क्षेत्र को रखा गया है।जिसके आस-पास किसी को भी ड्रोन उड़ाने की इजाजत नहीं मिलेगी।यहां से 12 किलोमीटर की परिधि को येलो जोन घोषित किया गया है जहां ड्रोन उड़ाने के लिए एसएसपी कार्यालय से अनुमति से लेनी पड़ेगी।
मनमानी करने पर पुलिस की ओर से चेतावनी दी गई थी कि मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही ड्रोन को जब्त करेगी। 12 किलोमीटर की परिधी के बाहर का क्षेत्र ग्रीन जोन घोषित हुआ है।
इस क्षेत्र में 400 फीट की ऊंचाई तक बिना अनुमति के ड्रोन उड़ाया जा सकता है।इससे अधिक ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति लेनी होगी।
कराना होता है रजिस्ट्रेशन
ड्रोन रखने वालों को नागर विमानन महानिदेशालय(डीजीसीए) के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने का प्राविधान है।इसके साथ ही ड्रोन की गतिविधियों पर थाना स्तर पर भी निगरानी करने की व्यवस्था बनाई गई है।
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