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    गोरखपुर के स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचे रोगियों की भी होगी लिवर, किडनी और थायरायड जांच, जिला अस्पताल पर घटेगा बोझ

    Updated: Wed, 24 Sep 2025 11:05 PM (IST)

    गोरखपुर में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एक नई पहल की गई। अब शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों पर ही किडनी लिवर थायरायड और कोलेस्ट्रॉल जैसी जांचें हो सकेंगी। रोगियों को जिला अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि उनके नमूने स्वास्थ्य केंद्रों पर ही लिए जाएंगे और जिला अस्पताल की नई पैथोलाजी लैब में जांचे जाएंगे। इस सुविधा से जिला अस्पताल में भीड़ कम होगी।

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    गोरखपुर के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर हो सकेगी लिवर, किडनी और थॉयरायड जांच।

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर व ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचे रोगियों को भी अब किडनी, लिवर, थायरायड व कोलेस्ट्राल की जांच के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। उन्हें इसके लिए जिला अस्पताल जाने की जरूरत नहीं होगी। डॉक्टर द्वारा यह जांचें लिखने पर रोगियों के नमूने वहीं संग्रहित कर लिए जाएंगे। 

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    उनकी जांच जिला अस्पताल की नई बनी पैथोलाजी (इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लेबोरेट्री) में कराई जाएगी। इस लैब का उद्घाटन बुधवार को प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने लखनऊ में किया। सीएमओ डॉ. राजेश झा ने बताया कि वहां से शिलापट आने के बाद लैब की दीवार में लगवा दिया जाएगा।

    जिला अस्पताल में नई लैब बनकर तैयार हो गई है। मशीनें शिफ्ट कर दी गई हैं। कुल 117 जांचें हो सकेंगी। पहले लगभग 60 जांचें हो पाती थीं। इस लैब के शुरू होने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने अपने स्वास्थ्य केंद्रों पर कलेक्शन सेंटर खोलना शुरू कर दिया है। पहले दिन बसंतपुर पीएचसी पर कलेक्शन सेंटर खोला गया। वहां कोल्ड बाक्स, लैब टेक्नीशियन तैनाती कर दी गई है।

     धीरे-धीरे सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जो जांचें स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं हो पाती हैं, खासकर किडनी, लिवर, कोलेस्ट्राल, टायफायड व अनेक प्रकार के वायरस की जांचों के लिए रोगियों के नमूने लिए जाएंगे।

    कोल्ड बाक्स में नमूने जिला अस्पताल की पैथोलाजी में भेजे जाएंगे। वहीं जांच होगी। रोगियों को अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य केंद्र से ही मिल जाएगी। उनके मोबाइल नंबर पर भी रिपोर्ट भेज दी जाएगी, वे डाउनलोड कर सकेंगे। इस सुविधा के शुरू हो जाने से जिला अस्पताल के ओपीडी व पैथोलॉजी पर भीड़ कम होगी। 

    प्रथम चरण में शहर के 10 स्वास्थ्य केंद्रों पर यह व्यवस्था लागू की जाएगी। दूसरे चरण में शहर के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों व ग्रामीण क्षेत्र के चार-पांच स्वास्थ्य केंद्रों पर यह व्यवस्था की जाएगी। तीसरे चरण में ग्रामीण क्षेत्र के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कलेक्शन सेंटर खोल दिए जाएंगे।

    तीन मंजिले भवन में एक छत के नीचे मिलेंगी सभी सुविधाएं

    जिला अस्पताल में तीन मंजिला भवन बनेगा। पुराने भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चल रही है। एक छत के नीचे पैथोलाजी, ओपीडी, दवा वितरण केंद्र, ड्रग स्टोर, व पार्किंग की व्यवस्था रहेगी। प्रशासनिक अधिकारियों के कक्ष भी इसी भवन में होंगे। डीएनबी कोर्स भी संचालित किया जाएगा। 24 करोड़ रुपये की लागत से भवन बनेगा। अभी मेडिसन, आर्थो, सर्जरी, चर्म रोग का ओपीडी एक भवन में है। मानसिक रोग व नेत्र रोग का ओपीडी दूसरे भवन में है।

    हृदय रोग व डायलिसिस यूनिट तथा फिजियोथेरेपी सेंटर अलग-अलग भवनों में हैं। पैथोलाजी व रेडियोलाजी भी अलग-अलग भवनों में स्थापित हैं। रोगियों को अनेक जगह भटकना होता है। नया भवन बन जाने से सभी सुविधाएं एक छत के नीचे मिलने लगेंगी।

    ट्रामा सेंटर बनकर तैयार, शीघ्र शुरू होने की उम्मीद

    जिला अस्पताल में छह बेड का ट्रामा सेंटर बनकर तैयार है। इसके शीघ्र शुरू होने की उम्मीद है। इसके शुरू हो जाने से गंभीर रोगियों व दुर्घटना में घायलों को तत्काल उपचार उपलब्ध हो सकेगा। अभी ऐसे रोगियों को शहर से आठ किलोमीटर दूर बीआरडी मेडिकल कालेज जाना होता है।