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    'जय महाकाली आयो गोरखाली...' से सैनिकों को सम्मान, शौर्यगाथा के गान से झूम उठी गुरु गोरखनाथ की धरती

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 09:24 AM (IST)

    गोरखपुर में गोरखा युद्ध स्मारक के सुंदरीकरण और संग्रहालय निर्माण का भूमि पूजन हुआ। सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने जय महाकाली आयो गोरखाली का उद्घोष किया। उन्होंने कहा कि यह स्मारक भारत-नेपाल के रिश्तों को मजबूत करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा गोरखनाथ और गोरखा के संबंध को बताया। उन्होंने रेजिमेंटल मंदिर में मां काली की पूजा की और गोरखा जवानों को श्रद्धांजलि दी।

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    जीआरडी परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंच पर शौर्य प्रदर्शन करते सैनिक। जागरण

    आशुतोष मिश्र, जागरण, गोरखपुर। गोरखा युद्ध स्मारक के सुंदरीकरण और संग्रहालय निर्माण के भूमिपूजन समारोह के अवसर पर बजते सैन्य बैंड की धुन से दूर तक घुलता वीर रस। शिवावतार बाबा गुरु गोरखनाथ की धरती गोरखा शिष्यों की शौर्यगाथा के गान से मानों झूम उठी है।

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    गोरखा रिक्रूटमेंट डिपो (जीआरडी) परिसर में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान सुंदरीकरण एवं निर्माण कार्य की आधारशिला रखने के बाद रेजीमेंट का युद्धघोष करते हैं- जय महाकाली आयो गोरखाली। इसके साथ ही परिसर को पार कर अदम्य साहस और वीरता की अनुगूंज जहां तक सुनाई देती है, सबको वीर बलिदानी गोरखा सैनिकों के प्रति सम्मान से भर देती है।

    गोरखा युद्ध स्मारक के सुंदरीकरण और संग्रहालय निर्माण की आधारशिला रखते हुए सीडीएस भरोसा जताते हैं कि यह स्मारक भारत–नेपाल के ऐतिहासिक रिश्तों को भी नई मजबूती देगा। वैसे यह पहल बाबा गोरखनाथ की तपोस्थली (गोरखपुर) और उनकी विश्रामस्थली (नेपाल का गोरखा जिला) के आपसी संबंधों की दृष्टि से एक नए युग का सूत्रपात है।

    गुरु गोरखनाथ के सम्मान में न सिर्फ उस स्थान बल्कि वहां के लोगों ने जो गोरखा नाम अपनाया, अब गुरु की तपोस्थली से उस ''गोरखा'' की शौर्यगाथा देश-दुनिया तक फैलेगी। सीडीएस के लिए इस गर्वित करने वाले अवसर का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि गोरखा रेजीमेंट से उनका 44 वर्ष पुराना नाता है।

    मंच से वह पूरे गर्व के साथ रेजीमेंट से जुड़े अनुभव सुनाते हैं। यह स्मारक शौर्यगाथाओं को जीवंत रखेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा, सीडीएस यह भरोसा भी जताते हैं। इसी बीच वहां लगे प्रोजेक्टर पर सैम बहादुर वीडियो क्लिप चलाई जाती है।

    भारत के महान फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ का कथन आवाज पाता है-"अगर कोई कहे कि उसे मौत से डर नहीं लगता तो या तो वह झूठ बोल रहा है या वह गोरखा है।" गोरखा सैनिकों असाधारण साहस और बहादुरी के दृश्य मंच से लेकर दीर्घा तक सबको गौरवबोध से भर जाते हैं। इसीलिए, मंच के वक्ताओं के साथ हर बार वो पूरे जोश में चिल्लाते हैं- जय महाकाली आयो गोरखाली।

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संबोधन को आते हैं, तो वह बाबा गोरखनाथ और गोरखा के संबंध को समझाते हैं। बताते हैं- गोरखा जवानों एवं गुरु गोरखनाथ की आराध्य देवी मां काली हैं। इसीलिए जहां गुरु गोरखनाथ के मंदिर हैं, वहां मां काली का मंदिर अवश्य होता है। इसके बाद वह सीडीएस अनिल चौहान के साथ रेजिमेंटल मंदिर में जाते हैं, जहां मां काली की पूजा कर अमर बलिदानी गोरखा जवानों के प्रति श्रद्धा में शीश नवाते हैं।

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