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    'फीस माफी संभव नहीं', स्कूल ने पंखुड़ी को लौटाया; CM योगी ने अधिकारियों को छात्रा के एडमिशन के दिए थे निर्देश

    गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिली छात्रा पंखुड़ी का दाखिला अभी तक नहीं हो पाया है। पिता का आरोप है कि प्रधानाचार्य ने फीस माफी से इनकार कर दिया और खराब बर्ताव किया। मामला बढ़ने पर बीएसए ने स्कूल प्रबंधन से विचार करने को कहा है। पंखुड़ी ने आर्थिक तंगी के कारण मुख्यमंत्री से मदद मांगी थी। सपा नेताओं की मदद को उसने मना कर दिया।

    By Jagran News Edited By: Prince Gourh Updated: Mon, 07 Jul 2025 06:59 AM (IST)
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    स्कूल ने पंखुड़ी को लौटाया (फाइल फोटो)

    जेएनएन, गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक जुलाई को जनता दर्शन में मिली छात्रा पंखुड़ी का दाखिला पांच दिन बाद भी स्कूल में नहीं हो सका। पिता राजीव त्रिपाठी का आरोप है कि प्रधानाचार्य ने न केवल उनके साथ खराब बर्ताव किया बल्कि फीस माफी में असमर्थता जताकर लौटा दिया।

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    प्रधानाचार्य राजेश सिंह ने छात्रा या पिता के स्कूल न आने की बात कही जिस पर पिता ने दावा किया कि स्कूल के सीसीटीवी फुटेज में इसे देखा जा सकता है।

    मामले के तूल पकड़ने पर प्रशासन हरकत में आया और बीएसए ने रविवार को आननफानन पत्र जारी कर स्कूल प्रबंधन से छात्रा के आवेदन पर विचार को कहा। पिता ने कहा कि सोमवार को पत्र लेकर वह दोबारा स्कूल जाएंगे।

    छात्रा ने सीएम योगी से लगाई थी गुहार

    पुर्दिलपुर की रहने वाली पंखुड़ी ने गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी परेशानी बताई थी। उसने कहा था कि वह सरस्वती शिशु मंदिर, पक्कीबाग में सातवीं की छात्रा थी। आर्थिक वजहों से उसकी पढ़ाई छूट गई है। पिता राजीव त्रिपाठी बीमार हैं और मां मीनाक्षी दुकान पर काम करती हैं।

    फीस न जमा हो पाने के कारण वह स्कूल जाने की बजाय मुख्यमंत्री के पास मदद की उम्मीद लेकर आई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया था कि फीस के अभाव में पंखुड़ी की पढ़ाई नहीं रुकनी चाहिए।

    आवेदन पत्र देखकर भड़के प्रधानाचार्य

    मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी जब किसी ने उनकी सुध नहीं ली तो शनिवार दोपहर छात्रा पंखुड़ी अपने पिता राजीव त्रिपाठी के साथ स्कूल पहुंची। पिता ने बताया कि बेटी पंखुड़ी की तरफ से लिखा आवेदन उन्होंने प्रधानाचार्य राजेश सिंह को सौंपा।

    आवेदन पत्र देखते ही प्रधानाचार्य भड़क गए और बोले की तुम्हें जनता दर्शन में नहीं जाना चाहिए था। तुमने हमारे विद्यालय की छवि खराब कर दी है। फीस माफी संभव नहीं है। प्रधानाचार्य का बर्ताव देखकर पिता-पुत्री दोनों अचंभित रह गए और निराश होकर लौट आए।

    इस प्रकरण का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद पंखुड़ी और उसके पिता के आरोपों के संबंध में प्रधानाचार्य राजेश सिंह से पूछा गया तो वह मुकर गए। उन्होंने कहा कि पिता या बेटी मुझसे मिलने ही नहीं आए थे और छात्रा को विद्यालय में प्रवेश दिया जाएगा। प्रक्रिया में थोड़ा समय लग रहा है।

    सपा नेताओं को छात्रा ने मदद के लिए किया मना

    इस प्रकरण को मुद्दा बनाते हुए सपा के स्थानीय नेताओं ने पंखुड़ी से संपर्क कर स्कूल में प्रवेश दिलाने का आश्वासन दिया लेकिन छात्रा ने कहा कि मुझे मुख्यमंत्री जी पर भरोसा है और वही मेरा प्रवेश दिलाएंगे। मुझे किसी दूसरे की मदद की आवश्यकता नहीं है।

    पिता राजीव त्रिपाठी ने बताया कि रविवार को शिक्षा विभाग के दो अधिकारी मेरे घर आए थे। बताया कि डीएम साहब के आदेश से आए हैं। उन्होंने मुझे बीएसए का लिखा एक पत्र दिया और कहा कि आप इसे लेकर सोमवार को विद्यालय चले जाएं पंखुड़ी का प्रवेश हो जाएगा।

    जिलाधिकारी का बयान

    प्रवेश के लिए पहले ही आदेश जारी किया जा चुका है। सोमवार को छात्रा का प्रवेश हो जाएगा। प्रवेश की प्रक्रिया होती है। स्कूल प्रबंधन को तुरंत जानकारी नहीं मिल पाई होगी।- कृष्णा करूणेश, जिलाधिकारी, गोरखपुर।

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