BRD मेडिकल कॉलेज: अब एक घंटे में मिल जाएगी रोगियों को ब्लड जांच रिपोर्ट, नई मशीनों से मरीजों को तुरंत राहत
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दो नई पैथोलॉजी मशीनें लगने से खून की जांच क्षमता तीन गुना बढ़ गई है। बायोकेमेस्ट्री मशीन एक घंटे में 400 नमूने और एचवीए1सी मशीन 50 जांचें कर सकेगी। अब मरीजों को रिपोर्ट जल्दी मिलेगी और हीमोफीलिया की जांच भी यहीं हो सकेगी। इससे ओपीडी और इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कालेज में पैथोलाजिकल जांच की दो अत्याधुनिक मशीनें आ गई हैं। इससे खून के जांच की क्षमता लगभग तीन गुणा बढ़ जाएगी। बायोकेमेस्ट्री जांच (किडनी, लिवर, मधुमेह, कोलेस्ट्राल आदि) मशीन एक घंटे में चार सौ नमूनों की जांच कर देगी।
पुरानी मशीन 150 नमूनों की ही जांच कर पाती थी। साथ ही एचवीए1सी जांच (तीन माह में रक्त में शर्करा के औसत स्तर की जांच) के लिए आई मशीन एक घंटे में 50 जांचें कर सकेगी, पुरानी मशीन केवल 20 जांचें ही कर पाती थी। प्रबंधन के अनुसार जितनी जांचें पहले चार घंटे में होती थीं, उतनी जांचें अब एक घंटे में हो जाएंगी। रोगियों को शीघ्र रिपोर्ट मिल जाने से जल्दी सटीक उपचार शुरू हो जाएगा।
बीआरडी मेडिकल कालेज में रोज लगभग तीन हजार रोगी ओपीडी में पहुंचते हैं। पर्चा बनवाने व डाक्टर को दिखाने में ही उन्हें काफी समय लग जाता है। डाक्टर दवा व जांच लिखते हैं। इसके बाद यूजर चार्ज काउंटर पर जाकर यूजर चार्ज करने में भी लगभग एक घंटे का समय लग जाता है। फिर वे बाद नमूना देने के लिए लाइन लगाते हैं।
इसमें लगभग दोपहर के 12 बज जाते हैं। रिपोर्ट शाम को मिलती है। इसलिए उसी दिन वे डाक्टर को रिपोर्ट नहीं दिखा पाते। पुन: एक सप्ताह बाद जब वही डाक्टर ओपीडी में बैठेंगे तो रिपोर्ट देखकर कर दवा बदलेंगे। सटीक उपचार शुरू होने में एक सप्ताह लग जाता है, क्योंकि हर दिन ओपीडी में डाक्टर बदल जाते हैं।
इसके अलावा प्रतिदिन इमरजेंसी में लगभग 150 रोगी भर्ती होते हैं। उनकी भी जांच में पांच-छह घंटे लग जाते हैं। नई मशीनें आ जाने से रोगियों को राहत मिलेगी। अब नमूने देने के बाद एक घंटे में ही रिपोर्ट मिल जाएगी। ज्यादातर रोगी उसी दिन ओपीडी में डाक्टर को रिपोर्ट दिखा सकेंगे। इससे उनकी सटीक दवा शीघ्र शुरू हो जाएगी।
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हीमोफीलिया की भी होगी जांच
बीआरडी मेडिकल कालेज समेत किसी सरकारी अस्पताल में अभी हीमोफीलिया की जांच नहीं होती है। इसके लिए रोगियों को लखनऊ जानाा पड़ता है। अब बीआरडी मेडिकल कालेज में ही यह जांच संभव हो सकेगी, इसके लिए लैब का निर्माण शुरू हो गया है। संदिग्ध रोगियों को अब हीमोफीलिया जांच के लिए शहर से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
रोगियों के हित में रक्त जांच की दो अत्याधुनिक मशीनें मंगा ली गई हैं। इन मशीनों की क्षमता पुरानी मशीनों की अपेक्षा लगभग तीन गुणा ज्यादा है। रोगियों को अब एक घंटे में रिपोर्ट मिल जाएगी। साथ ही हीमोफीलिया जांच के लिए नए लैब का निर्माण शुरू करा दिया गया है।
-डा. राजेश कुमार राय, अध्यक्ष पैथोलाजी विभाग, बीआरडी मेडिकल कॉलेज
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