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    गोरखपुर BRD मेडिकल कॉलेज: सर्जरी की थी आवश्यकता, रेडियोथेरेपी से ठीक हो गया जबड़े का कैंसर

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 12:49 PM (IST)

    गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने कुशीनगर की एक महिला के जबड़े के कैंसर का रेडियोथेरेपी से सफल इलाज किया। महिला को इविंग सारकोमा नामक कैंसर था और सर्जरी से चेहरे की बनावट बिगड़ने का डर था। बीआरडी में रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी से एक साल में कैंसर ठीक हो गया और सात साल बाद भी वापस नहीं आया है। यह दुर्लभ मामला है जिसमें रेडियोथेरेपी से सफलता मिली।

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    चेहरे की बनावट बिगड़ने के डर से महिला रोगी ने नहीं कराया ऑपरेशन। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। कुशीनगर एक महिला रोगी को जबड़े के निचले हिस्से (ठुड्डी) में इविंग सारकोमा नामक कैंसर था। सर्जरी की आवश्यकता थी। ऑपरेशन से चेहरे की बनावट बिगड़ जाती, इसलिए राेगी ने ऑपरेशन नहीं कराने का निर्णय लिया।

    बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विशेषज्ञों ने उसे रेडियोथेरेपी से ठीक करने की कोशिश की। एक साल के उपचार के बाद पेट सीटी जांच कराई गई तो पता चला कि कैंसर पूरी तरह ठीक हो गया है। रोगी को ठीक हुए सात साल हो गए।

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    डॉक्टरों के अनुसार अब कैंसर के दोबारा होने की आशंका निर्मूल हो चुकी है। रेडियोथेरेपी की वजह से कभी-कभी लार कम बनने व छाले पड़ने की समस्या आती है तो महिला का उपचार कर दिया जाता है।

    डाॅक्टरों के अनुसार 10 लाख लोगों में से एक से तीन लोगों में यह कैंसर पाया जाता है। जीन में बदलाव से होने वाले इस कैंसर का कोई सटीक कारण अभी सामने नहीं आ पाया है। आमताैर पर सर्जरी को ही इसका बेहतर उपचार माना जाता है।

    इसे बीआरडी में पहली बार रेडियोथेरेपी से ठीक किया गया। कुशीनगर की 40 वर्षीय इस महिला को 2016 में दांत में दर्द व मसूढ़ों में सूजन की दिक्कत हुई। कुशीगनर में दवा कराने के बाद जब दर्द से राहत नहीं मिली तो उन्होंने दांत उखड़वा दिया। इसके बाद भी दर्द व सूजन बनी रही।

    उन्होंने गोरखपुर में दंत रोग चिकित्सक को दिखाया। उन्होंने बायोप्सी जांच कराई तो ठुड्डी की हड्डी में कैंसर की पुष्टि हुई। इसके बाद महिला उपचार के लिए लखनऊ चली गईं। वहां डाक्टर ने सर्जरी की सलाह दी। चेहरे की बनावट बिगड़ने की डर से उन्होंने सर्जरी नहीं कराई। दवा कराती रहीं।

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    2018 में वह बीआरडी मेडिकल काॅलेज के कैंसर रोग विभाग में पहुंची। डाॅक्टरों ने उन्हें 30 रेडियोथेरेपी व 12 साइकिल कीमोथेरेपी दी। एक साल के उपचार के बाद उनकी कैंसर जांच की रिपोर्ट सामान्य आ गई।

    जबड़े के निचते हिस्से की हड्डी में कैंसर के मामले बहुत कम पाए जाते हैं। सर्जरी को ही इसका सबसे अच्छा उपचार माना जाता है। लेकिन महिला को चेहरे की बनावट खराब होने का डर था। इसलिए रेडियोथेरेपी की गई। यह मामला अनोखा है और बीआरडी में पहली बार इस तरह के कैंसर को रेडियोथेरेपी से ठीक किया गया।

    -डाॅ. मामून खान, कैंसर रोग विशेषज्ञ बीआरडी मेडिकल काॅलेज

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