दीपक हत्याकांड का आरोपी ढेर, महुआचाफी में टूटा सन्नाटा, गांव के लोगों ने कहा- खबर से मिला सकून
गोरखपुर के महुआचाफी गांव में दीपक की हत्या के बाद दहशत का माहौल था। आरोपी जुबैर के मुठभेड़ में मारे जाने की खबर से गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। लोग घरों से बाहर निकले और न्याय की शुरुआत होने की बात कही। पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली लेकिन पुलिस से अपराधियों के खिलाफ अभियान जारी रखने की मांग की।

संवाद सूत्र, चरगांवा। पिपराइच के महुआचाफी गांव में 15 सितंबर की रात हुई वारदात ने पूरे गांव को खामोशी और खौफ में धकेल दिया था।लोग देर रात तक जागते, दरवाजे बंद कर लेते और अजनबी दिखने पर लाठी-डंडा लेकर सड़क पर निकल आते थे। लेकिन शुक्रवार देर रात जब खबर आई कि रामपुर में पुलिस और एसटीएफ की मुठभेड़ में मुख्य आरोपी जुबैर ढेर हो गया है, तो गांव का सन्नाटा पहली बार टूटा।
दीपक की हत्या के बाद गांव के हालात इस कदर बिगड़े कि रात को कोई भी बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था। बच्चे रोते थे, महिलाएं खेत-खलिहान अकेले जाने से बचतीं। लोग कहते पता नहीं तस्कर कब दोबारा आ धमकें।
दो दिन पहले आसमान में ड्रोन जैसी हरकत दिखी तो पूरा गांव हथियार लेकर सड़क पर उतर आया।शुक्रवार की रात में पुलिस के जरिए मुठभेड़ में जुबैर के मारे जाने की खबर गांव पहुंची, तो पहली बार माहौल बदला।
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परिवार के साथ ही गांव के लोग बाहर निकले बोले कि न्याय की शुरुआत हुई है। दिल का बोझ थोड़ा हल्का हुआ है।छात्र दीपक का घर पिछले 11 दिन से खामोश था। मां सीमा देवी अक्सर रोते-रोते बेसुध हो जाती थीं और पिता दुर्गेश गुप्ता गुमसुम रहते थे।
भाई प्रिंस ने भी राहत की सांस ली और बोला भैया की हत्या का दर्द कभी नहीं मिटेगा, लेकिन अपराधियों का खात्मा इंसाफ की पहली सीढ़ी है।गांव के लोगों ने कहा कि पुलिस ने जो काम किया है उसके लिए धन्यवाद, लेकिन यह अभियान पूरी तरह खत्म नहीं होना चाहिए।
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