रेलवे ने फिर किया बड़ा बदलाव, यात्रियों को मिलेगी ये सहूलियत; AC कोच में 4 बर्थ इन लोगों के लिए हो गए रिजर्व
गोरखपुर से खबर है कि ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के लिए रेलवे ने एक नई सुविधा शुरू की है। अब एसी कोच में खराबी होने पर यात्रियों को मैकेनिक ढूंढने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि रेलवे बोर्ड ने एसी मैकेनिक और सफाईकर्मियों के लिए कोच में ही बर्थ आरक्षित कर दी है। इससे यात्रियों को काफी सहूलियत मिलेगी।

प्रेम नारायण द्विवेदी, गोरखपुर। ट्रेन में सफर के दौरान एसी में गड़बड़ी होने या तापमान कम-अधिक कराने के लिए मैकेनिक को तलाशना यात्रियों के लिए आसान होगा। एसी मैकेनिक (निरीक्षक व सहायक) और सफाईकर्मी यात्रा के दौरान संबंधित कोच में ही उपलब्ध रहेंगे।
रेलवे बोर्ड ने मैकेनिक के लिए एसी कोच में दो और आनबोर्ड हाउसकीपिंग (ओबीएचएस) के सफाईकर्मियों के लिए निचली श्रेणी में अलग-अलग चार बर्थ आरक्षित रखने की नई व्यवस्था दी है। जिन ट्रेनों में पेंट्रीकार नहीं होगी, उनमें ट्रेन साइड वेंडिंग स्टाफ (टीएसवी) के लिए भी निचली दो बर्थ आरक्षित होंगी।
वर्तमान में सीट न होने के चलते एसी मैकेनिक कोच अटेंडेंट के पटरे या पावरकार में सफर करते हैं, तो सफाईकर्मी इधर-उधर भटकते रहते हैं। जरूरत पर इन्हें ढूंढना मुश्किल होता है। साइड वेंडिंग स्टाफ के कोच में रहने से यात्रियों के लिए खान-पान की सुविधा भी आसान होगी। यदि इन लोगों ने बर्थ बेचने या दुरुपयोग करने का प्रयास किया तो दस से 50 हजार रुपये तक के अर्थदंड का प्रविधान होगा।
यात्रियों की सहूलियत, एसी मैकेनिक, सफाईकर्मियों व टीएसवी वेंडरों को अतिरिक्त सुविधा प्रदान करने के लिए रेलवे बोर्ड के संयुक्त निदेशक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोचिंग) प्रांजल मिश्रा ने 31 जुलाई को पत्र लिखकर भारतीय रेलवे के सभी महाप्रबंधकों (जीएम) को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
उन्होंने कहा कि संविदा के सफाईकर्मियों के लिए भी निश्शुल्क निर्धारित बर्थ का प्रविधान किया जाएगा। इनके लिए पेंट्रीकार से भुगतान के आधार पर जनता खाना उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी। जिन ट्रेनों में पेंट्रीकार नहीं है, उनमें कर्मचारियों को स्टेशनों से एजेंसी के माध्यम से जनता खाना उपलब्ध कराया जाएगा।
अगर कर्मचारी आवंटित बर्थ का दुरुपयोग करते हैं, तो पहली बार पकड़े जाने पर दस हजार, दूसरी बार बीस हजार और अनुबंध का उल्लंघन करने के आरोप में 50 हजार तक का जुर्माने का प्रविधान होगा। बोर्ड के संयुक्त निदेशक ने महाप्रबंधकों से कोचों में अतिरिक्त बर्थों की व्यवस्था कराने के लिए भी सुझाव दिया है।
उन्होंने कहा है कि कोचों में लिनेन रखने व मिनी पेंट्रीकार के पास पर्याप्त जगह होती है। इसका उपयोग रेट्रो-फिटमेंट के तहत कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त बर्थ की व्यवस्था की जा सकती है। जरूरत पड़ने पर बर्थों को हटाया भी जा सकता है।
सफाई कर्मचारियों के लिए कोई खाली बर्थ आवंटित नहीं की जाएगी। बोर्ड के इस निर्णय पर एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) के महामंत्री केएल गुप्ता ने प्रसन्नता जताई है।
उन्होंने बताया है कि आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआइआरएफ) के महामंत्री शिवगोपाल मिश्र ने 24 व 25 जून 2022 को रेलवे बोर्ड के साथ आयोजित स्थायी वार्ता तंत्र (पीएनएम) की बैठक में एसी मैकेनिक व सफाईकर्मियों के लिए बर्थ आरक्षित करने का मुद्दा उठाया था। बैठक में ही आवश्यकताओं के आकलन के लिए समिति गठित कर दी गई थी। समिति के सुझाव पर बोर्ड ने यह निर्णय लिया है।
टर्मिनल स्टेशनों पर विश्राम की भी मिलेगी सुविधा
एसी मैकेनिक, कोच अटेंडेंट, पावर कार स्टाफ, सफाईकर्मियों तथा टीएसवी वेंडरों के लिए टर्मिनल स्टेशनों पर विश्राम की भी सुविधा मिलेगी। रेलवे बोर्ड के संयुक्त निदेशक ने सभी महाप्रबंधकों को अपनी शक्तियों का उपयोग कर विश्राम की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देशित किया है। जिनमें शौचालय, स्नान, आराम करने की जगह तथा लाकर आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाएंगी।
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