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    जल संरक्षण में तीसरे पायदान पर गोरखपुर, मिलेगा राष्ट्रीय जल अवार्ड

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 02:51 PM (IST)

    गोरखपुर नगर निगम को जल संरक्षण और जल प्रबंधन में उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। जल संचय जन भागीदारी श्रेणी में गोरखपुर को देश में तीसरा स्थान मिला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 18 नवंबर को नई दिल्ली में यह पुरस्कार प्रदान करेंगी। नगर निगम को प्रशस्ति पत्र के साथ दो करोड़ रुपये भी मिलेंगे। जल संरक्षण में अभिनव प्रयासों के लिए गोरखपुर को यह सम्मान मिला है।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। नगर निगम गोरखपुर के नाम और एक उपलब्धि जुड़ने जा रही है। जल के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने, जल संरक्षण और जल उपयोग की सर्वोत्तम प्रणालियों को अपनाने के लिए नगर निगम गोरखपुर को राष्ट्रीय जल पुरस्कार मिलेगा। जल संचय जन भागीदारी- 1.0 पुरस्कार के लिए गोरखपुर का चयन देश में तीसरे स्थान के लिए हुआ है।

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    18 नवंबर को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु यह पुरस्कार प्रदान करेंगी। इसमें जल शक्ति मंत्री सीआर पाटील भी मौजूद रहेंगे। पुरस्कार स्वरूप नगर निगम को प्रशस्तिपत्र के अलावा दो करोड़ रुपये रुपये भी मिलेंगे।

    राष्ट्रीय जल पुरस्कार भारत सरकार द्वारा जल संरक्षण, जल प्रबंधन और ''जल समृद्ध भारत'' के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देने वाले व्यक्तियों, संगठनों और संस्थानों को सम्मानित करने के लिए दिए जाते हैं। जल शक्ति मंत्रालय ने 2018 में इसकी शुरुआत की थी और अब यह देश के विभिन्न हितधारकों को जल संसाधनों के समग्र प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता है।

    इस वर्ष जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जल संचय जन भागीदारी श्रेणी में पुरस्कार शुरू किया गया है। नगर निकाय की श्रेणी में नगर निगम गोरखपुर को तीसरा स्थान मिला है। इसमें रायपुर नगर निगम ने पहला, हैदराबाद नगर निगम ने दूसरा और गोरखपुर नगर निगम ने तीसरा स्थान हासिल किया है।

    नगर निगम गोरखपुर ने बीते कुछ वर्षों में जल संरक्षण को लेकर विभिन्न अभिनव प्रयास किए हैं। वर्षा जल संचयन, जल स्रोतों का पुनर्जीवन, जागरूकता अभियान, जल उपयोग में दक्षता और सामुदायिक सहभागिता जैसे क्षेत्रों में निगम ने बेहतरीन कार्य किया है। तकिया घाट में फाइटोरेमिडिएशन तकनीक से नालों के पानी के शोधन को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। इसके अलावा नगर निगम को वाटर प्लस श्रेणी का दर्जा भी हासिल हुआ है। यही कारण है कि राष्ट्रीय स्तर पर गोरखपुर को यह सम्मान मिला है।

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    प्रदेश में मिला पहला स्थान

    जल संरक्षण श्रेणी में बेहतर प्रदर्शन करने वाले टाप-5 में उत्तर प्रदेश के दो नगर निगम शामिल हैं। प्रदेश में नगर निगम गोरखपुर को पहला स्थान और देश में तीसरा स्थान हासिल हुआ है। इनमें गोरखपुर नगर निगम को देश में तीसरा और गाजियाबाद नगर निगम को पांचवां स्थान स्थान हासिल हुआ है।

    पहला स्थान छत्तीसगढ़ के रायपुर नगर निगम को, दूसरा स्थान तेलंगाना के हैदराबाद नगर निगम, तीसरा स्थान उत्तर प्रदेश के गोरखपुर नगर निगम को, चौथा स्थान आंध्रप्रदेश के राजमुंदरी नगर निगम को और पांचवा स्थान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद नगर निगम को हासिल हुआ है।

    मात्र 32 अंक के फासले से मिला तीसरा स्थान

    रायपुर नगर निगम को इस श्रेणी में 33082 अंक मिले हैं। वहीं गोरखपुर नगर निगम को 14331 अंक हासिल हुए हैं। दोनों के बीच तो काफी ज्यादा अंक का फासला है, लेकिन 14363 अंक हासिल कर दूसरा स्थान हासिल करने वाले हैदराबाद नगर निगम से मात्र 32 अंक का फासला रह गया है।

    यह सम्मान गोरखपुर की जनता और सभी सहयोगी संस्थाओं की साझा सफलता है। यह पुरस्कार न केवल नगर निगम के प्रयासों की पहचान है, बल्कि भविष्य में और बेहतर कार्य करने की प्रेरणा भी देगा। जल संरक्षण को लेकर गोरखपुर का यह प्रयास देश के अन्य नगर निकायों के लिए भी मिसाल बनेगा।

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    -गौरव सिंह सोगरवाल, नगर आयुक्त