गोरखपुर के पीपीगंज समेत 177 वर्ग किमी क्षेत्र का बनेगा मास्टर प्लान, जीडीए बोर्ड से मिल चुकी है मंजूरी
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने पीपीगंज और आसपास के 177 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के लिए मास्टर प्लान को मंजूरी दी। इस योजना का उद्देश्य क्षेत्र का सुन ...और पढ़ें

गोरखपुर विकास प्राधिकरण। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। अमृत 2.0 योजना के तहत पीपीगंज नगर पंचायत में जल आपूर्ति एवं सीवरेज आदि की सुविधा विकसित करने के लिए नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग जिस संस्था का चयन करेगा, गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) पीपीगंज नगर पंचायत क्षेत्र और गोरखपुर महायोजना–2031 के बाकी बचे 177 वर्ग किमी अधिसूचित क्षेत्र की उसी से नई महायोजना (मास्टर प्लान) भी तैयार कराएगा।
इसके लिए आवश्यक सर्वे, मैपिंग और अन्य तकनीकी कार्यों पर होने वाले कार्य के लिए व्यय का प्राधिकरण भुगतान करेगा। जीडीए बोर्ड ने प्रति वर्ग किमी 18,000 रुपये के भुगतान और नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग, उत्तर प्रदेश को अभिकरण घोषित किए जाने की पहले ही स्वीकृति दे दी है। शासन को प्रस्ताव भेजने की तैयारी भी अंतिम चरण में है।
भारत सरकार की अमृत 2.0 योजना की सब-स्कीम में 50,000 से 99,999 की आबादी वाले वैधानिक नगरों में पीपीगंज का चयन हुआ है। इसके बाद शासन ने जीडीए को नगर पंचायत का एरिया आफ इंटरेस्ट (एओआइ) उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
जीडीए बोर्ड की 25 जुलाई 2024 की बैठक में भी विस्तारित क्षेत्र की महायोजना बनाने की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है। इसी क्रम में अवशेष 177 वर्ग किमी क्षेत्र की महायोजना तैयार करने के लिए एओआइ की केएमएल फाइल, हस्ताक्षरित मानचित्र और बेस मैप/जियो डाटाबेस निर्माण के लिए सर्वे आफ इंडिया को अतिरिक्त शुल्क देने का निर्णय किया गया है।
साल 2020 में जीडीए ने अपनी सीमा का विस्तार करते हुए पीपीगंज, मुंडेरा व पिपराइच नगर पंचायतों के साथ 233 राजस्व गांवों को शामिल किया था। इससे प्राधिकरण का क्षेत्रफल बढ़कर लगभग 642 वर्ग किमी हो गया। हालांकि, वर्तमान में प्रभावी गोरखपुर महायोजना–2031 (पुनरीक्षित) 520 वर्ग किमी एओआई पर आधारित है, जिसमें से 465 वर्ग किमी जीडीए क्षेत्र है। शेष 177 वर्ग किमी क्षेत्र की महायोजना अब तैयार की जाएगी।
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पीपीगंज नगर पंचायत के विकास की खुलेगी नई राह
अमृत 2.0 योजना के तहत चयनित पीपीगंज नगर पंचायत का डिजिटल, जीआइएस आधारित मास्टर प्लान बनाया जाएगा। इससे भविष्य की जनसंख्या वृद्धि, भूमि उपयोग, सड़क नेटवर्क, जलापूर्ति, सीवरेज, हरित क्षेत्र और सार्वजनिक सुविधाओं की वैज्ञानिक ढंग से योजना बन सकेगी।
जीआइएस मैपिंग के माध्यम से अवैध निर्माणों पर रोक, शहरी विकास में सुव्यवस्था, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, जलभराव एवं बाढ़ संवेदनशील क्षेत्रों का विश्लेषण भी आसानी से उपलब्ध होगा।
अमृत 2.0 में चयनित पीपीगंज नगर पंचायत की महायोजना के लिए शासन स्तर पर फर्म का चयन होगा। हमारा प्रयास है कि वही फर्म जीडीए के अवशेष 177 वर्ग किमी विस्तारित क्षेत्र की महायोजना भी तैयार करे। अतिरिक्त व्यय प्राधिकरण वहन करेगा। बोर्ड की स्वीकृति के बाद प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है।
- आनंद वर्द्धन, उपाध्यक्ष, जीडीए

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