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    Gorakhpur Loot Case: लूट के बाद फरार पुलिसकर्मियों के घर भेजा गया नोटिस, 22 दिनों बाद भी नहीं सुलझी गुत्थी

    गोरखपुर के राजघाट पुल पर 5 अगस्त को हुई लूट की गुत्थी अभी तक अनसुलझी है। पुलिस ने संदेह के घेरे में आए पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है लेकिन उनकी भूमिका पर रहस्य बना हुआ है। पुलिसकर्मियों के गैरहाजिर रहने पर उनके घर नोटिस भेजा गया है और उनके मेडिकल का सत्यापन कराया जा रहा है। एसपी सिटी ने जल्द खुलासे का वादा किया है।

    By Satish pandey Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 27 Aug 2025 03:25 PM (IST)
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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। राजघाट पुल पर पांच अगस्त को बेलीपार के पिछौरा निवासी रविशंकर से तमंचे के बल पर 90 हजार रुपये लूट की गुत्थी अब तक पुलिस नहीं सुलझा पाई है। घटना के बाद संदेह के घेरे में आए चौकी इंचार्ज शुभम श्रीवास्तव समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित तो कर दिया गया, लेकिन उनकी भूमिका को लेकर रहस्य गहराता जा रहा है।

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    अब विभागीय जांच शुरू हो चुकी है।निलंबन के 20 दिन बाद भी पुलिस लाइन में आमद न कराने पर सभी पुलिसकर्मियों के घर नोटिस भेजा गया है।

    दरअसल, लूट की घटना के अगले ही दिन बदमाशों ने पीड़ित से तीन लाख रुपये और वसूलने की कोशिश की थी। पीड़ित ने इसकी शिकायत सीधे एसपी सिटी अभिनव त्यागी से की। जब केस दर्ज हुआ तो चौंकाने वाला खुलासा सामने आया- खुद को क्राइम ब्रांच का बताकर लूट करने वालों के पीछे पुलिसकर्मियों की मिलीभगत की आशंका सामने आयी, यही वजह रही कि नौसढ़ चौकी प्रभारी रहे शुभम श्रीवास्तव, महिला दारोगा समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया।

    पूछताछ व जांच होने पर तीन पुलिसकर्मी बिना अनुमति के जीडी में किशोरी को बरामद करने का तथ्य दर्ज कर मुंबई चले गए थे। निलंबन के बाद उन्होंने 12 से 22 अगस्त तक के लिए मेडिकल भेजा, लेकिन मेडिकल की मियाद खत्म होने के बावजूद अब तक पुलिस लाइन में आमद नहीं कराई।

    सूत्रों के मुताबिक, विभाग ने अब उनके मूल पते पर नोटिस भेजा है और गैरहाजिर रहने की वजह पूछी है।इसके अलावा इंदौर के जिस डाक्टर से निलंबित पुलिसकर्मियों ने मेडिकल बनवाकर भेजा था, उसका भी सत्यापन कराया जाएगा।

    विभाग यह जानना चाहता है कि मेडिकल सही है या सिर्फ जांच से बचने का बहाना।एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने कहा कि निलंबित पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। लूटकांड की विवेचना भी तेजी से की जा रही है। उन्होंने बताया बहुत जल्द मामले की गुत्थी सुलझा ली जाएगी और सच्चाई सामने आ जाएगी।

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    घटनाक्रम की टाइमलाइन

    • 05 अगस्त: बेलीपार के रविशंकर से राजघाट पुल पर कार सवारों ने 90 हजार रुपये लूटे।
    • 06 अगस्त: बदमाशों ने पीड़ित से तीन लाख रुपये और वसूलने की कोशिश की।
    • 06 अगस्त: पीड़ित ने एसपी सिटी से शिकायत की, राजघाट थाने में केस दर्ज।
    • 07 अगस्त: लूटकांड में पुलिस की भूमिका संदिग्ध दिखने पर पांच पुलिसकर्मी निलंबित हुए।
    • 12 अगस्त: निलंबित दरोगा व तीन सिपाहियों ने 10 दिन का मेडिकल भेजा, आमद नहीं कराई।
    • 22 अगस्त: मेडिकल की मियाद खत्म हो गई, लेकिन पुलिस लाइन में हाजिरी नहीं दी।
    • 24 अगस्त: विभाग ने मूल पते पर नोटिस भेजा, मेडिकल सत्यापन के आदेश दिए।