Gorakhpur Link Expressway: लिंक एक्सप्रेसवे बना अरबों के निवेश का चुंबक, नौकरियां ही नौकरियां!
गोरखपुर में गीडा की स्थापना के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से औद्योगिक विकास को नई पहचान मिली है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे ने निवेश को आकर्षित किया है, जिससे पेप्सिको और कोकाकोला जैसी कंपनियां यहां प्लांट स्थापित कर रही हैं। दक्षिणांचल में धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित किया जा रहा है, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां भूमि की कम कीमत उद्यमियों को आकर्षित कर रही है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। करीब तीन दशक पहले गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की स्थापना के साथ गोरखपुर में औद्योगिक विकास की जो पृष्ठभूमि तैयार की गई थी, वह योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद पिछले 8 वर्षों में राष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बना चुका है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से इस औद्योगिक विकास को पंख लग गए हैं। यह एक्सप्रेसवे हजारों करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने में भी मददगार बना है।
कनेक्टिविटी बेहतर होने की वजह से अब गोरखपुर मल्टीनेशनल कंपनियों की भी पसंद बन गया है। लिंक एक्सप्रेसवे के स्टार्टिंग पॉइंट पर मल्टीनेशनल कंपनी पेप्सिको का बाटलिंग प्लांट शुरू चुका है। वहीं, कोकाकोला कंपनी भी अपना बाटलिंग प्लांट यहां स्थापित कर रही है। इसके अलावा प्लास्टिक पार्क का विकास भी इसी इंडस्ट्रियल कारिडोर में हो रहा है। वहीं, धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र में अदाणी, श्रीराम सीमेंट, केयान डिस्टिलिरी आदि कंपनी भी अपने उद्योग स्थापित करने के लिए कतार में हैं।
शुक्रवार को जिस गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पण किया, उस एक्सप्रेसवे के किनारे गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने अपने दो महत्वपूर्ण इंडस्ट्रियल सेक्टर 27 और 28 विकसित किए हैं। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रगति के साथ ही यहां औद्योगिक प्रगति भी चलती रही। करीब 1100 करोड़ रुपये के निवेश वाले बहुराष्ट्रीय कंपनी पेप्सिको के बाटलिंग प्लांट का शिलान्यास और उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था।
आज यहां उत्पादन जारी है और बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है। लिंक एक्सप्रेसवे के समीप बसाए गए इंडस्ट्रियल सेक्टर में ही एमएनसी कंपनी कोका कोला और बिसलेरी ने भी गीडा से प्लांट लगाने के लिए जमीन की मांग की है। इसके अलावा इस एक्सप्रेसवे के पास प्लास्टिक पार्क और धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित किया जा रहा है। यहां स्थापित होने वाले उद्योगों में हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।
प्लास्टिक पार्क में स्थापित होनी हैं 92 फैक्ट्रियांलिंक एक्सप्रेसवे के इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में प्लास्टिक पार्क भी विकसित हो रहा है। इनमें 92 फैक्ट्रियां स्थापित होनी हैं। 60 औद्योगिक इकाइयों के लिए तो भूमि का आवंटन भी हो चुका है। इनमें से कई के प्लांट का निर्माण जारी है और कुछ में उत्पादन भी शुरू हो चुका है। इनमें इकाइयों में प्लास्टिक पाइप, प्लास्टिक के पानी के टैंक, प्लास्टिक कंटेनर आदि का उत्पादन हो रहा है।
इसके अलावा लिंक एक्सप्रेसवे की बेहतर कनेक्टिविटी ने बड़ी संख्या में निवेशकों को आकर्षित किया है। कपिला कृषि उद्योग, एपीएल अपोलो ट्यूब्स, एसएलएमजी, टेक्नोप्लास्ट सहित करीब सौ उद्योगों के लिए जमीन या तो दे दी गई है, या आवंटन की प्रक्रिया में है। कई इकाइयों के निर्माण हो गए हैं और कुछ के जारी हैं। एक तरह से गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे बसे इंडस्ट्रियल कारिडोर में हजारों करोड़ रुपये के निवेश और हजारों नौजवानों को रोजगार मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे सिर्फ एक रास्ता नहीं बल्कि पूर्वांचल का औद्योगिक भविष्य भी है।दक्षिणांचल के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा लिंक एक्सप्रेसजनपद के जिस दक्षिणांचल को सबसे पिछड़ा क्षेत्र मान लिया गया था, अब वह आगामी सालों में विकास और नई औद्योगिक पहचान की आभा से चहक उठेगा।
इस इलाके की जो जमीन ऊसर थी, जिसपर कोई फसल मुश्किल से उगती थी, वहां योगी सरकार उद्योगों की फसल लगवाने को तत्पर है। इसके लिए गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) द्वारा 5500 एकड़ में धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप को मूर्त रूप दिया जा रहा है। धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप के लिए निवेश प्रस्ताव आने शुरू भी हो गए हैं। अडानी समूह ने एसीसी ब्रांड के सीमेंट प्लांट के लिए जमीन की मांग की है।
श्री सीमेंट और केयान डिस्टिलरी ने भी नया प्लांट लगाने के लिए जमीन की मांग की है। इसके अलावा कई अन्य औद्योगिक समूह यहां निवेश में रुचि दिखाई है। इंडस्ट्रियल टाउनशिप में लगने वाले उद्योगों से करीब 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। बीते आठ सालों में देश-दुनिया के कई निवेशकों का रुझान गोरखपुर की तरफ देखते हुए सरकार धुरियापार क्षेत्र को ग्रेटर गीडा बनाने की तैयारी कर रही है।
औद्योगिक विकास के साथ ही यहां रोजगार की बहार भी बहेगी।धुरियापार की सस्ती भूमि भी बन रही आकर्षण का केंद्रगोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) की ओर से लिंक एक्सप्रेसवे के करीब जिले के दक्षिणांचल इलाके धुरियापार में जिस औद्योगिक क्षेत्र का विकास किया जा रहा है, उसकी भूमि की कीमत भी उद्यमियों को आकर्षित कर रही है। दरअसल गीडा द्वारा विकसित किए जा रहे इस औद्योगिक क्षेत्र में भूमि की कीमत गीडा की तुलना में आधे से भी कम रखे जाने की संभावना है।
जहां गीडा में भूमि की कीमत 7500 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से है, वहीं धुरियापार में कीमत 3500 रुपये से भी कम रहने की संभावना है। इस वजह से बड़ी औद्योगिक इकाइयों को यहां स्थापित करने में उद्यमियों को अन्य औद्योगिक इकाइयों की तुलना में सस्ती कीमत पर जमीन उपलब्ध हो जाएगी। इसके अलावा यहां रेल कनेक्टिविटी की संभावना भी उद्यमियों के आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
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